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कार्यकर्ता जगबीर अली हत्याकांड: मद्रास हाई कोर्ट ने शव खोदकर निकालने, एक्स-रे कराने का दिया आदेश - ACTIVIST JAGABER ALI MURDER CASE

मद्रास हाई कोर्ट ने अवैध खनन के खिलाफ आवाज उठाने वाले कार्यकर्ता जगबीर अली के शव का एक्स-रे कराने का आदेश दिया है.

Activist Jagaber Ali Murder Case
कार्यकर्ता जगबीर अली हत्याकांड पर मद्रास हाई कोर्ट ने क्या कहा (फाइल फोटो) (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 30, 2025, 6:59 PM IST

मदुरै: मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै बेंच ने अवैध खनन के खिलाफ लड़ने वाले कार्यकर्ता जगबीर अली के शव को निकालने और एक्स-रे कराने का आदेश दिया है. यह आदेश उनकी पत्नी मरियम की तरफ से दायर याचिका के जवाब में दिया गया है.

मरियम का आरोप है कि, जगबीर अली की मौत पुदुकोट्टई जिले में अवैध खदानों के खिलाफ उनकी सक्रियता के कारण एक पूर्व नियोजित हत्या थी. उनका दावा है कि उनके पति को इन खदानों से जान से मारने की धमकियां मिली थीं, जिससे सरकार को काफी नुकसान हुआ था. बता दें कि, शुरू में कहा गया था कि, जगबीर अली की मौत सड़क दुर्घटना में हुई थी.

मरियम की याचिका में शुरुआती पुलिस जांच, देरी से पोस्टमार्टम रिपोर्ट और प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग के उनके अनुरोध को अस्वीकार करने के बारे में चिंता जताई गई है. उन्होंने घटनास्थल से एकत्र किए गए साक्ष्य पर भी सवाल उठाए हैं. उन्होंने पुदुकोट्टई जिला सरकारी अस्पताल में अपने स्वयं के विशेषज्ञ सहित फोरेंसिक विशेषज्ञों के एक पैनल द्वारा किए गए एक्स-रे और सीटी स्कैन सहित अपने पति के शव की फिर से जांच का अनुरोध किया.

सुनवाई के दौरान, सरकार के चिकित्सा विशेषज्ञ ने कहा कि, मौत हड्डी टूटने और ट्रक से कुचले जाने के कारण लगी अंदरूनी चोटों के कारण हुई थी. जज ने एक्स-रे की आवश्यकता पर सवाल उठाते हुए कहा कि, इसका इस्तेमाल राजनीतिक उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है. हालांकि, याचिकाकर्ता पक्ष ने तर्क दिया कि एक्स-रे अतिरिक्त साक्ष्य प्रदान करेगा. सरकार ने दफन स्थल पर ही एक्स-रे कराने का प्रस्ताव रखा.

इसके बाद जज ने पुदुकोट्टई जिला सरकारी अस्पताल में गोपनीयता बनाए रखने और सूचना के किसी भी दुरुपयोग को रोकने के सख्त दिशा-निर्देशों के साथ एक्स-रे कराने का आदेश दिया. यह प्रक्रिया थिरुमायम तहसीलदार की देखरेख में और पुलिस सुरक्षा के साथ की जाएगी.

इस दौरान मीडिया और अनधिकृत व्यक्तियों को साइट पर जाने पर रोक लगाई गई है. साथ ही इस पूरे प्रक्रिया के दौरान किसी भी पर्सनल फोटोग्राफी की अनुमति नहीं दी जाएगी. सभी एक्स-रे और स्कैन से संबंधित सामग्रियों को गोपनीय रखा जाएगा. इसे केवल जांच के उद्देश्यों के लिए साझा किया जाएगा, और पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी और जांच अधिकारी को सौंपी जाएगी. अदालत ने निर्देश दिया कि प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा किया जाए और मामले को खत्म किया जाए.

ये भी पढ़ें: 'सड़कों पर झंडा-बैनर लगाने से बढ़ रही दुर्घटनाएं': हाईकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को दिये सख्त निर्देश

मदुरै: मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै बेंच ने अवैध खनन के खिलाफ लड़ने वाले कार्यकर्ता जगबीर अली के शव को निकालने और एक्स-रे कराने का आदेश दिया है. यह आदेश उनकी पत्नी मरियम की तरफ से दायर याचिका के जवाब में दिया गया है.

मरियम का आरोप है कि, जगबीर अली की मौत पुदुकोट्टई जिले में अवैध खदानों के खिलाफ उनकी सक्रियता के कारण एक पूर्व नियोजित हत्या थी. उनका दावा है कि उनके पति को इन खदानों से जान से मारने की धमकियां मिली थीं, जिससे सरकार को काफी नुकसान हुआ था. बता दें कि, शुरू में कहा गया था कि, जगबीर अली की मौत सड़क दुर्घटना में हुई थी.

मरियम की याचिका में शुरुआती पुलिस जांच, देरी से पोस्टमार्टम रिपोर्ट और प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग के उनके अनुरोध को अस्वीकार करने के बारे में चिंता जताई गई है. उन्होंने घटनास्थल से एकत्र किए गए साक्ष्य पर भी सवाल उठाए हैं. उन्होंने पुदुकोट्टई जिला सरकारी अस्पताल में अपने स्वयं के विशेषज्ञ सहित फोरेंसिक विशेषज्ञों के एक पैनल द्वारा किए गए एक्स-रे और सीटी स्कैन सहित अपने पति के शव की फिर से जांच का अनुरोध किया.

सुनवाई के दौरान, सरकार के चिकित्सा विशेषज्ञ ने कहा कि, मौत हड्डी टूटने और ट्रक से कुचले जाने के कारण लगी अंदरूनी चोटों के कारण हुई थी. जज ने एक्स-रे की आवश्यकता पर सवाल उठाते हुए कहा कि, इसका इस्तेमाल राजनीतिक उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है. हालांकि, याचिकाकर्ता पक्ष ने तर्क दिया कि एक्स-रे अतिरिक्त साक्ष्य प्रदान करेगा. सरकार ने दफन स्थल पर ही एक्स-रे कराने का प्रस्ताव रखा.

इसके बाद जज ने पुदुकोट्टई जिला सरकारी अस्पताल में गोपनीयता बनाए रखने और सूचना के किसी भी दुरुपयोग को रोकने के सख्त दिशा-निर्देशों के साथ एक्स-रे कराने का आदेश दिया. यह प्रक्रिया थिरुमायम तहसीलदार की देखरेख में और पुलिस सुरक्षा के साथ की जाएगी.

इस दौरान मीडिया और अनधिकृत व्यक्तियों को साइट पर जाने पर रोक लगाई गई है. साथ ही इस पूरे प्रक्रिया के दौरान किसी भी पर्सनल फोटोग्राफी की अनुमति नहीं दी जाएगी. सभी एक्स-रे और स्कैन से संबंधित सामग्रियों को गोपनीय रखा जाएगा. इसे केवल जांच के उद्देश्यों के लिए साझा किया जाएगा, और पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी और जांच अधिकारी को सौंपी जाएगी. अदालत ने निर्देश दिया कि प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा किया जाए और मामले को खत्म किया जाए.

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