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श्रावस्ती ट्रिपल मर्डर: कोर्ट ने तीन सगे भाइयों सहित 14 को सुनाई उम्रकैद की सजा

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Published : Sep 22, 2022, 11:55 AM IST

Updated : Sep 22, 2022, 1:34 PM IST

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11:48 September 22

श्रावस्ती ट्रिपल मर्डर (triple murder Shravasti) के आरोपियों में तीन सगे भाइयों सहित 14 को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है.

श्रावस्ती: जिले में ट्रिपल मर्डर (triple murder Shravasti) के आरोपियों में तीन सगे भाइयों सहित 14 को उम्रकैद (shravasti life imprisonment to fourteen) की सजा सुनाई गई है. अपर सत्र न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक) अजय सिंह ने बुधवार को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई.

जिला और सत्र न्यायालय श्रावस्ती (District and Sessions Court Shravasti) ने सोनवा थाना क्षेत्र में 24 वर्ष पहले हुए नृशंस सामूहिक हत्याकांड (triple murder Shravasti) में तीन सगे भाइयों सहित 14 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई. यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक) अजय सिंह ने बुधवार को सुनाया. इसके साथ ही प्रत्येक दोषी को 56,800 रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया गया है. जुर्माना नहीं देने पर दो-दो वर्ष के अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी.

अपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सत्येंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि 9 जनवरी 1998 को सोनवा थाना क्षेत्र के तुरहनी रज्जब गांव में सत्तार के खेत में जमील की बकरी रस्सी तोड़कर चली गई थी. जमील का बेटा कल्लू अपनी बकरी पकड़ने खेत की ओर गया, तभी सत्तार ने गाली देते हुए कल्लू को थप्पड़ मार दिया था. बकरी लेकर वह अपने घर की ओर जाने लगा, इसी दौरान कल्लू का चचेरा भाई अब्दुल रहमान सत्तार के पीछे-पीछे फारूक के दरवाजे पर पहुंच गया. सत्तार से कहासुनी के बाद मारपीट होने लगी. झगड़े में दो लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई. जबकि, तीसरे घायल मुजीबुउरहमान की बहराइच जिला अस्पताल (Bahraich District Hospital) में इलाज के दौरान मौत हो गई थी.

पढ़ें- मारपीट में मौत के मामले में मिली सजा को हाईकोर्ट ने किया कम, कहा- अचानक हुए झगड़े से हुई मौत हत्या नहीं

मामले में दोनों पक्षों की ओर से सोनवा थाने में मुकदमा पंजीकृत कराया गया था. मामले की विवेचना थानाध्यक्ष सोनवा ने की थी. 16 आरोपियों के विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया गया. सत्र परीक्षण के दौरान दो आरोपी रियासत और जब्बार की मौत हो गई. विचारण अपर सत्र न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक कोर्ट) में हुआ. अभियोजन पक्ष की पैरवी सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता पंकज देव गुप्त ने की थी. सत्र परीक्षण के बाद अपर जिला सत्र न्यायाधीश अजय सिंह ने 14 आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास (shravasti life imprisonment to fourteen) की सजा सुनाई है.

पढ़ें- मिर्जापुर कलेक्ट्रेट परिसर में संदिग्ध हालत में मिला युवक, लेटर में लिखी थी खुदकुशी करने की बात

11:48 September 22

श्रावस्ती ट्रिपल मर्डर (triple murder Shravasti) के आरोपियों में तीन सगे भाइयों सहित 14 को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है.

श्रावस्ती: जिले में ट्रिपल मर्डर (triple murder Shravasti) के आरोपियों में तीन सगे भाइयों सहित 14 को उम्रकैद (shravasti life imprisonment to fourteen) की सजा सुनाई गई है. अपर सत्र न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक) अजय सिंह ने बुधवार को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई.

जिला और सत्र न्यायालय श्रावस्ती (District and Sessions Court Shravasti) ने सोनवा थाना क्षेत्र में 24 वर्ष पहले हुए नृशंस सामूहिक हत्याकांड (triple murder Shravasti) में तीन सगे भाइयों सहित 14 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई. यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक) अजय सिंह ने बुधवार को सुनाया. इसके साथ ही प्रत्येक दोषी को 56,800 रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया गया है. जुर्माना नहीं देने पर दो-दो वर्ष के अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी.

अपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सत्येंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि 9 जनवरी 1998 को सोनवा थाना क्षेत्र के तुरहनी रज्जब गांव में सत्तार के खेत में जमील की बकरी रस्सी तोड़कर चली गई थी. जमील का बेटा कल्लू अपनी बकरी पकड़ने खेत की ओर गया, तभी सत्तार ने गाली देते हुए कल्लू को थप्पड़ मार दिया था. बकरी लेकर वह अपने घर की ओर जाने लगा, इसी दौरान कल्लू का चचेरा भाई अब्दुल रहमान सत्तार के पीछे-पीछे फारूक के दरवाजे पर पहुंच गया. सत्तार से कहासुनी के बाद मारपीट होने लगी. झगड़े में दो लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई. जबकि, तीसरे घायल मुजीबुउरहमान की बहराइच जिला अस्पताल (Bahraich District Hospital) में इलाज के दौरान मौत हो गई थी.

पढ़ें- मारपीट में मौत के मामले में मिली सजा को हाईकोर्ट ने किया कम, कहा- अचानक हुए झगड़े से हुई मौत हत्या नहीं

मामले में दोनों पक्षों की ओर से सोनवा थाने में मुकदमा पंजीकृत कराया गया था. मामले की विवेचना थानाध्यक्ष सोनवा ने की थी. 16 आरोपियों के विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया गया. सत्र परीक्षण के दौरान दो आरोपी रियासत और जब्बार की मौत हो गई. विचारण अपर सत्र न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक कोर्ट) में हुआ. अभियोजन पक्ष की पैरवी सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता पंकज देव गुप्त ने की थी. सत्र परीक्षण के बाद अपर जिला सत्र न्यायाधीश अजय सिंह ने 14 आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास (shravasti life imprisonment to fourteen) की सजा सुनाई है.

पढ़ें- मिर्जापुर कलेक्ट्रेट परिसर में संदिग्ध हालत में मिला युवक, लेटर में लिखी थी खुदकुशी करने की बात

Last Updated : Sep 22, 2022, 1:34 PM IST
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