शाहजहांपुर: जिला कारागार में बंद महिला बंदी रक्षाबंधन के त्योहार के लिए प्रतिदिन 150 राखियां बना रही हैं. इन राखियों को महिला बंदी जेल में बंद पुरुष बंदियों की कलाइयों पर बांधेंगी. कोरोना वायरस के चलते जिला कारागार में 4 महीने से बंदियों की मुलाकात परिजनों से नहीं हो रही है.
अब रक्षाबंधन का पर्व आ गया है, जिसमें पुरुष बंदी भाइयों की कलाई सूनी रहेगी. इसी के चलते जिला कारागार में बंद 10 महिलाएं प्रशासन की अनुमति से स्वदेशी राखियां बना रही हैं. उनका मानना है कि हाथ से बनी हुई ये राखियां वो जेल में बंद भाइयों की कलाइयों पर बांधेंगी, जिससे भाइयों की कलाई सूनी नहीं रहेगी.
इसके लिए महिला बंदी रोजाना 150 राखियां बना रही हैं. जिला कारागार में इस समय 1510 बंदी हैं, जिसमें 54 महिलाएं शामिल हैं. महिला बंदियों के साथ 5 बच्चे भी जेल में रह रहे हैं. जेल अधीक्षक राकेश कुमार का कहना है कि जेल प्रशासन ने राखी बनाने का जरूरी सामान महिला बंदियों को उपलब्ध करा दिया है.
उन्होंने बताया कि 10 महिला बंदी प्रतिदिन 150 राखियां तैयार कर रही हैं. राखी बनाते समय महिला बंदी हाथों को सैनिटाइज करती हैं. साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन करते हुए राखियां बना रही हैं.