अयोध्याः भव्य मंदिर में विराजमान रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ को लेकर कल यानि रविवार से विभिन्न आयोजन होंगे. इन आयोजनों में शामिल होने के लिए कवि डॉ. कुमार विश्वास अयोध्या पहुंचे हैं. कुमार विश्वास ने शुक्रवार को रामलला के दर्शन कर आशीर्वाद लिया.
कुमार विश्वास प्रतिष्ठा द्वादशी के अवसर पर रामलला की राग सेवा कार्यक्रम में भी शामिल होंगे. अयोध्या पहुंचने के बाद कुमार विश्वास सबसे पहले राम मंदिर दर्शन पूजन किया. जहां श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के द्वारा स्वागत किया और मंदिर निर्माण की भी जानकारी दी. दौरान मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, रामलला के सम्मुख ज्यादा समय तक देख नहीं पाता हूं,आज भी मैं भावुक हो गया और आंखें नम हो गई. उन्होंने कहा कि बहुत ही सौभाग्य के क्षण हैं कि रामलला के समक्ष बैठकर उनकी राग सेवा करने का आदेश मिला है.
कुमार विश्वास ने कवि ने कहा कि मैथिलीशरण ने कहा है कि "राम तुम्हारा चरित्र प्रेम ही काव्य है. कोई भी राम पर लिखेगा तो वह कवि बन ही जाएगा. भगवान राम की कहानी गाने का तो काम ही कवियों को मिला. सबसे पहले भगवान वाल्मीकि, फिर तुलसीदास, दक्षिण में महाकवि कम्बन,महाकवि कालिदास ने रघुवंशम के माध्यम से तो राधेश्याम रामायणी, मैथिली शरण गुप्त ने भी राम की कहानी गाई. अब मुझ जैसे जैसे व्यक्ति को भी भगवान श्री राम के समक्ष कुछ पद अर्पित करने का सौभाग्य मिल रहा है.
वहीं, नेशनल हाईवे स्थित रामायण विश्वविद्यालय में आयोजित तीन दिवसीय अपने-अपने राम कथा के शुभारंभ के पर कुमार विश्वास ने महर्षि महेश योगी रामायण विश्वविद्यालय की स्थापन को महर्षि जी की दूरगामी सोच कहते हुए महर्षि जी की उपलब्धियों को याद किया. उन्होंने कहा कि महर्षि महेश योगी जी एक दूरदर्शी संत थे, जिनकी सोच और दृष्टि ने विश्व में भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का प्रचार-प्रसार किया. उनके जैसा महान व्यक्तित्व इस दुनिया में बहुत कम ही देखने को मिलता है. कुमार विश्वास ने कहा, भगवान राम अयोध्या से प्रयागराज गए थे और आज हम प्रयागराज से अयोध्या जा आए हैं. यह मेरे लिए सौभाग्य का क्षण है. इस अवसर पर उन्होंने कहा, जब सुप्रीम कोर्ट में राम जन्मभूमि का विवाद चल रहा था, तब कुछ लोग राम के अस्तित्व पर सवाल उठा रहे थे. लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि रामनवमी के दिन ही कोर्ट बंद हो गया. पंडाल में हजारों की संख्या में लोग कुमार विश्वास की कथा सुनने के लिए जुटे थे.
अयोध्या के महर्षि महेश योगी रामायण विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय श्री राम तारक यज्ञ का शुभारंभ हुआ है. यज्ञ की शुरुआत यज्ञाचार्य सतीश चंद्र शास्त्री ने 21 ब्राह्मणों के साथ वैदिक मंत्रोच्चार करते हुए की. इसके साथ ही 251 ब्राह्मणों ने सामूहिक रूप से राम रक्षा स्तोत्र का पाठ किया है. आयोजनकर्ता के मुताबिक इस यज्ञ का उद्देश्य धर्म, शांति और आध्यात्मिकता का प्रचार-प्रसार करना है. तीन दिवसीय आयोजन अयोध्या में धर्म और संस्कृति की धरोहर को और मजबूत करेगा. तीन दिवसीय आयोजन के पहले दिन राम तारक यज्ञ में मुख्य यजमान के रूप में महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट के कुलाधिपति अजय प्रकाश श्रीवास्तव उनकी पत्नी निशी श्रीवास्तव व पुत्र आलोक उपस्थित रहे. यज्ञ के दौरान राम तारक यज्ञ में देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना कर आहुति दी गई.कार्यक्रम के पहले दिन चित्रगुप्त पीठाधीश्वर, अयोध्या के महापौर गिरीशपति त्रिपाठी, श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, उपाध्यक्ष राहुल, ट्रस्टी पंकज शर्मा और अन्य मौजूद रहे.