वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बनारस को कई योजनाओं की सौगात दी है, जिनमें से कई उनके ड्रीम प्रोजेक्ट रहे हैं. इन्हीं ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक बनारस का नाइट बाजार भी रहा है, जिसे प्रधानमंत्री ने 2022 में काशीवासियों को समर्पित किया था. इसके जरिए बनारस की संस्कृति को जहां काशी आने वाले पर्यटकों तक पहुंचाना था, तो वहीं लोकल वेंडर को रोजगार देना था, लेकिन पीएम मोदी के इस सपने पर बनारस में ताला लग गया है, यह प्रोजेक्ट काशी में बंद हो गया है.
नाइट बाजार की जगह बनेगा ग्रीन बेल्ट : इस बारे में नगर निगम जनसंपर्क अधिकारी संदीप श्रीवास्तव की मानें तो उनका कहना है कि, स्मार्ट सिटी के साथ मिलकर चौकाघाट लहरतारा फ्लाईओवर के नीचे इसे विकसित किया गया था, जिसे आकर्षक पेंटिंग के जरिए सजाया गया था. खानपान की दुकान खोली गईं थीं, जिसका संचालन एक एजेंसी को दिया गया था, लेकिन एजेंसी इसे ठीक से संचालित नहीं कर पाई. इतना ही नहीं नाइट बाजार के चलते अतिक्रमण के साथ सड़क पर जाम की समस्या बढ़ गई थी, वहां पर अनैतिक गतिविधियों के भी सूचना मिल रही थी. कई बार एजेंसी को चेतावनी दी गई थी, लेकिन कोई सुधार न होने पर उनके लाइसेंस को निरस्त कर दिया गया. अब फ्लाई ओवर के नीचे हरियाली को विकसित कर उसे खूबसूरती से सजाया और संवारा जाएगा और लोगों के बैठने की व्यवस्था की जाएगी, ताकि बनारस आने वाले लोगों को रेलवे स्टेशन से निकलकर यदि आराम करना हो, बैठना हो तो वह फ्लाईओवर के नीचे बनाए जाने वाले पार्क में बैठ सकें. इसके साथ ही छोटा सा वेंडिंग जोन भी होगा.
स्थानीय लोग भी काफी खुश : नाइट बाजार के आसपास रहने वाले लोगों की मानें तो उनका कहना है कि, नाइट बाजार में अनैतिक गतिविधियां होती थीं. बड़ी संख्या में शराबी आकर के यहां अनैतिक काम करते थे. पर्यटकों, यात्रियों को परेशान करते थे. शिकायत करने पर मारपीट पर भी अमादा हो जाते थे, यदि प्रशासन की ओर से इसे बंद करने का निर्णय लिया गया है तो यह बिल्कुल ठीक है. कम से कम अब यहां पर अराजक गतिविधियां नहीं होंगी और पेड़ पौधे लग जाएंगे तो यह दिखने में सुंदर भी बनेगा.
बता दें कि, इंदौर के तर्ज पर जुलाई 2022 को बनारस में नाइट बाजार शुरू किया गया था. जिसको शुरू करने का उद्देश्य यहां का खान-पान, संस्कृति व स्थानीय हैंडीक्राफ्ट को प्रमोट करना था, साथी ही काशी आने वाले पर्यटकों को एक जगह तमाम चीजों की सुविधा भी मिल सके इसलिए बनाया गया था. लेकिन ये नाइट बाजार उस स्वरूप में कभी शुरू ही नहीं हो पाया.