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फिंगरप्रिंट का क्लोन बनाकर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ - शाहजहांपुर खबर

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में पुलिस और एसओजी की संयुक्त टीम ने बैंक मित्रों के एक बड़े गिरोह का खुलासा किया है, जो फिंगरप्रिंट का क्लोन बनाकर 1000 से ज्यादा बैंक ग्राहकों को लाखों रुपए का चूना लगा चुका है.

ठगी करने वाला गिरोह का भंडाफोड़
ठगी करने वाला गिरोह का भंडाफोड़
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Published : Feb 23, 2021, 7:58 PM IST

शाहजहांपुर : जिले की पुलिस और एसओजी की संयुक्त टीम ने बैंक मित्रों के एक बड़े गिरोह का खुलासा किया है. यह गिरोह फिंगरप्रिंट का क्लोन बनाकर 1000 से ज्यादा बैंक ग्राहकों को लाखों रुपए का चूना लगा चुका है. पकड़े गए ठगों के पास से फिंगरप्रिंट के दर्जनों क्लोन स्केनर, 400 से ज्यादा बैंक पासबुक और आधार कार्ड तथा कई अधिकारियों की फर्जी मोहरे मिली हैं. फिलहाल पुलिस ने पकड़े गए 6 अभियुक्तों को जेल भेज दिया है. वहीं फरार दो अभियुक्तों को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी कर रही है.

दरअसल, थाना जलालाबाद पुलिस को यह सूचना मिल रही थी कि जनपद के कई बैंक मित्रों के द्वारा, अपने जनसेवा केंद्र के माध्यम से सीधे-सीधे खातेदारों के अंगूठा निशान (फिंगरप्रिंट को) नकली रूप से तैयार कर उनके खातों से पैसे निकाले जा रहे हैं. पुलिस ने इस गिरोह की निगरानी करते हुए 3 खाता धारकों से अलग-अलग मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू की. जिसके बाद मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने दबिश देकर 6 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया.

ठगी करने वाला गिरोह का भंडाफोड़
ठगी करने वाला गिरोह का भंडाफोड़

बैंक मित्रों का बड़ा कारनामा

गौरव नाम का शख्स इस गिरोह का सरगना है. इस गिरोह के दो सदस्य अभी फरार हैं जिनकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है. पुलिस इस गिरोह के पूरे नेटवर्क की गहनता से जांच कर रही है, ताकि पता लग सके कि इस गिरोह ने प्रदेश में चल रही 12 लाभकारी योजनाओं में से किस-किस योजना में सेंधमारी की है. साथ ही बैंक कर्मियों की मिलीभगत का पता भी लगाने में पुलिस जुटी है. पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली में इन आधार कार्डों और फिंगरप्रिंट क्लोन का प्रयोग तो नहीं किया गया है. इसका डाटा जिला पूर्ति कार्यालय से जुटाया जा रहा है. वहीं पुलिस को इनके पास से आर्टिफिशियल फिंगरप्रिंट, डमी मोहरे, लैपटॉप, आधार कार्ड, 400 बैंक पासबुक, अधिकारियों के फर्जी मोहरे, बायोमैट्रिक थंब स्कैनर मशीन, ग्लूगन उपकरण, रसायन तथा अन्य अभिलेख भी बरामद हुए हैं. पकड़े गए सभी 6 अभियुक्तों में से चार बैंक मित्र शामिल हैं. फिलहाल पुलिस ने सभी अभियुक्तों को जेल भेज दिया है और फरार चल रहे दो अभियुक्तों की तलाश में पुलिस जुटी है.

ठगी करने वाला गिरोह का भंडाफोड़
ठगी करने वाला गिरोह का भंडाफोड़
ऐसे हुआ इस पूरे गिरोह का खुलासा

दरअसल, पिछले महीने तहसील दिवस के दौरान एक फरियादी ने शिकायत की थी, कि उसकी किसान सम्मान निधि की ₹2000 की राशि किसी ने निकाल ली है. जिस पर जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह ने जांच के आदेश दिए. उसके बाद पुलिस अधीक्षक शाहजहांपुर ने एसओजी को जांच में सम्मिलित किया. प्रशासन को इसके बाद लगातार रुपए निकालने की शिकायतें मिलने लगीं. तब पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर इस पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ कर चार बैंक मित्र समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया है. अभी भी दो ठग फरार हैं , जिनकी तलाश में पुलिस लगी हुई है.

शाहजहांपुर : जिले की पुलिस और एसओजी की संयुक्त टीम ने बैंक मित्रों के एक बड़े गिरोह का खुलासा किया है. यह गिरोह फिंगरप्रिंट का क्लोन बनाकर 1000 से ज्यादा बैंक ग्राहकों को लाखों रुपए का चूना लगा चुका है. पकड़े गए ठगों के पास से फिंगरप्रिंट के दर्जनों क्लोन स्केनर, 400 से ज्यादा बैंक पासबुक और आधार कार्ड तथा कई अधिकारियों की फर्जी मोहरे मिली हैं. फिलहाल पुलिस ने पकड़े गए 6 अभियुक्तों को जेल भेज दिया है. वहीं फरार दो अभियुक्तों को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी कर रही है.

दरअसल, थाना जलालाबाद पुलिस को यह सूचना मिल रही थी कि जनपद के कई बैंक मित्रों के द्वारा, अपने जनसेवा केंद्र के माध्यम से सीधे-सीधे खातेदारों के अंगूठा निशान (फिंगरप्रिंट को) नकली रूप से तैयार कर उनके खातों से पैसे निकाले जा रहे हैं. पुलिस ने इस गिरोह की निगरानी करते हुए 3 खाता धारकों से अलग-अलग मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू की. जिसके बाद मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने दबिश देकर 6 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया.

ठगी करने वाला गिरोह का भंडाफोड़
ठगी करने वाला गिरोह का भंडाफोड़

बैंक मित्रों का बड़ा कारनामा

गौरव नाम का शख्स इस गिरोह का सरगना है. इस गिरोह के दो सदस्य अभी फरार हैं जिनकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है. पुलिस इस गिरोह के पूरे नेटवर्क की गहनता से जांच कर रही है, ताकि पता लग सके कि इस गिरोह ने प्रदेश में चल रही 12 लाभकारी योजनाओं में से किस-किस योजना में सेंधमारी की है. साथ ही बैंक कर्मियों की मिलीभगत का पता भी लगाने में पुलिस जुटी है. पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली में इन आधार कार्डों और फिंगरप्रिंट क्लोन का प्रयोग तो नहीं किया गया है. इसका डाटा जिला पूर्ति कार्यालय से जुटाया जा रहा है. वहीं पुलिस को इनके पास से आर्टिफिशियल फिंगरप्रिंट, डमी मोहरे, लैपटॉप, आधार कार्ड, 400 बैंक पासबुक, अधिकारियों के फर्जी मोहरे, बायोमैट्रिक थंब स्कैनर मशीन, ग्लूगन उपकरण, रसायन तथा अन्य अभिलेख भी बरामद हुए हैं. पकड़े गए सभी 6 अभियुक्तों में से चार बैंक मित्र शामिल हैं. फिलहाल पुलिस ने सभी अभियुक्तों को जेल भेज दिया है और फरार चल रहे दो अभियुक्तों की तलाश में पुलिस जुटी है.

ठगी करने वाला गिरोह का भंडाफोड़
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ऐसे हुआ इस पूरे गिरोह का खुलासा

दरअसल, पिछले महीने तहसील दिवस के दौरान एक फरियादी ने शिकायत की थी, कि उसकी किसान सम्मान निधि की ₹2000 की राशि किसी ने निकाल ली है. जिस पर जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह ने जांच के आदेश दिए. उसके बाद पुलिस अधीक्षक शाहजहांपुर ने एसओजी को जांच में सम्मिलित किया. प्रशासन को इसके बाद लगातार रुपए निकालने की शिकायतें मिलने लगीं. तब पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर इस पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ कर चार बैंक मित्र समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया है. अभी भी दो ठग फरार हैं , जिनकी तलाश में पुलिस लगी हुई है.

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