संभल: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में करीब आधा दर्जन किसानों की मेहनत पर उस समय पानी फिर गया, जब उनकी पकी पकाई गेहूं की फसल में आग लग गई. ट्रांसफार्मर में अचानक आए फाल्ट से निकली चिंगारी ने गेहूं की करीब 27 बीघा फसल को जलाकर नष्ट कर दिया. गेहूं की फसल जलने से किसानों को करीब तीन लाख रुपए का नुकसान हुआ है. वहीं आग की लाइव तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.
मामला ऐंचौड़ा कंबोह थाना इलाके के गांव पनसुखा मिलक का है. जहां गुरुवार को किसानों को भारी नुकसान हुआ है. गांव निवासी इस्माइल की मेंथा की फसल के बीचो बीच ट्रांसफार्मर रखा हुआ है. उसके आसपास गांव के ही हाफिज नजरूल, शकील, कल्लू सहित करीब आधा दर्जन किसानों की गेहूं की पकी पकाई फसल तैयार खड़ी थी. गुरुवार को अचानक ट्रांसफार्मर में फाल्ट हो गया और उससे निकली चिंगारी गेहूं की फसल पर जा गिरी.
आग ने धीरे-धीरे गेहूं की फसल को अपनी चपेट में ले लिया और देखते ही देखते गेहूं की फसल आग की लपटों में घिर गई. आसमान में आग की ऊंची ऊंची लपटें उठने लगीं. गेहूं की फसल में आग लगने की खबर गांव में फैल गई, जिसके बाद ग्रामीण मदद को दौड़े. ग्रामीणों ने आग को बुझाने का भरसक प्रयास किया लेकिन सफलता नहीं मिली. हालांकि, कई घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका. लेकिन, तब तक गेहूं की फसल जलकर राख हो चुकी थी.
हाफिज नजरुल के मुताबिक आग में गेहूं की करीब 27 बीघा फसल पूरी तरह से जलकर नष्ट हो गई. इससे करीब तीन लाख रुपए का आर्थिक नुकसान हुआ है. उन्होंने बताया कि गेहूं की फसल पूरी तरह से पक चुकी थी और अब इसे काटने की तैयारी की जा रही थी. लेकिन, गुरुवार को आग लगने के चलते उनकी पूरी फसल जलकर राख में तब्दील हो गई. गेहूं में आग लगने के दौरान किसी ने इसकी वीडियो बना ली और सोशल मीडिया पर वायरल कर दी.
मिर्जापुर में धू-धू कर जला जंगलः मिर्जापुर में मडिहान के जंगल में अचानक आग लगने से अफरा तफरी मच गई. जंगल में आग को देख स्थानीय लोगों ने फायर ब्रिगेड को सूचना दी. अग्नि शमन विभाग ने कुछ ही घंटे में आग पर काबू पा लिया. अग्नि शमन अधिकारी ने जंगल में लगी आग को लेकर कहा कि लकड़ी काटने वालों ने बीड़ी पी होगी, जिसके चलते जंगल में आग लगी.
मडिहान तहसील क्षेत्र के एसएन फ्लेग्स फाउंडेशन के पास गुरुवार को जंगल में आग लग गई. स्थानीय लोगों ने फायर ब्रिगेड को सूचना दी. मौके पहुंचे अग्निशमन विभाग के कर्मचारियों ने स्थानीय लोगों की मदद से घंटों मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया. जंगल होने के चलते पूरी तरह से आग नहीं बुझ पाई है. आग से धुआं अभी भी निकल रहा है. जिससे स्थानीय लोगों में डर है कि आग फिर से विकराल रूप न ले ले.
अग्निशमन अधिकारी अनिल प्रताप सिंह सरोज ने बताया कि जंगल में आग ना लगे इसके लिए लोगों को समय-समय पर जागरूक किया जाता रहता है. जंगल में अक्सर लकड़ी काटने वाले लकड़हारे बीड़ी पीते हैं. उसे अच्छे ढंग से बुझाते नहीं हैं, जिसके चलते आग लग जाती है. संभवत यह आग उसी से लगी होगी.
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