सहारनपुर: मदर्स डे हो या फिर अन्य कोई त्योहार सब केवल फेसबुक, वाट्सऐप पर संदेश देने तक ही सीमित रह गया है. मातृ दिवस के मौके पर जहां हर युवक-युवती बड़ी-बड़ी मार्मिक बातें लिख कर मदर्स डे की शुभकामनाएं देने में लगे हैं, वहीं इसकी हकीकत कोसों दूर है. आज भी कई माताएं वृद्धा आश्रमों में अपने आंख के तारे का इंतजार कर रही हैं. यही हाल सहारनपुर के वृध्दा आश्रम में देखने को मिला. यहां कुल 12 महिलाओं ने वृद्धा आश्रम को अपना आशियाना बना लिया है.
महिलाओं से ईटीवी भारत ने की बातचीत-
- आश्रम में रह रही कई माताओं ने ईटीवी भारत से अपना सुख-दुख साझा किया.
- आश्रम में रह रही कुछ माताओं ने बहू-बेटों पर आरोप लगाए तो कई ने पारिवारिक मजबूरी बताई.
- इतना ही नहीं एक महिला ने बताया कि उनके बहू-बेटे उनसे पैसे मांगते थे और नहीं देने पर पिटाई करते थे. इसके चलते वह वृद्धा आश्रम में रहने लगी.
- पश्चिम बंगाल निवासी 71 वर्षीय पार्वती ने बताया कि उनकी एक बेटी है जो पति और बच्चों के साथ पंजाब में रहती है. उनका एक बेटा था, जिसकी मौत हो चुकी है. वह सात सालों से आश्रम में रह रही हैं.
- वहीं 17 सालों से आश्रम में जिंदगी गुजार रही 80 वर्षीय सुषमा सरीन ने बताया कि उसके एक बेटा और बेटी है. दोनों की शादी हो गई है.
- वहीं विधा नाम की महिला ने बताया कि इनके पास गांव में घर भी है और जमीन भी, लेकिन बेटे-बहू ने इन्हें घर से निकाल दिया. विधा ने बताया कि बहू-बेटे पैसे की मांग करते थे. पैसे नहीं देने पर उसके साथ मारपीट करते थे. इतना ही नहीं बीमार होने दवाई दिलवाना तो दूर खाना-पानी तक नहीं देते थे.
- वहीं विमला नाम की एक वृद्धा ने बताया कि वह पारिवारिक कलह की वजह से आश्रम में रह रही है.