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सहारनपुर: मातृ दिवस पर भी नहीं मिलने आए दुलारे, इंतजार में पथराई आंखें

हर युवा मातृ दिवस को बड़े धूमधाम से मना रहा है. युवक-युवतियां बड़ी-बड़ी मर्मिक बातें लिख कर मदर्स डे की बधाई देने में लगे हैं. वहीं सहारनपुर के वृद्धा आश्रम में ऐसी कई महिलाएं हैं जो आज भी अपने आखों के तारे का इंतजार कर रही हैं. महिलाएं पारिवारिक कलेश से तंग आकर वृद्धा आश्रम को अपना आशियाना बना लिया है.

मदर्स डे पर बच्चों का इंतजार करती रहीं माताएं.
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Published : May 13, 2019, 8:54 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

सहारनपुर: मदर्स डे हो या फिर अन्य कोई त्योहार सब केवल फेसबुक, वाट्सऐप पर संदेश देने तक ही सीमित रह गया है. मातृ दिवस के मौके पर जहां हर युवक-युवती बड़ी-बड़ी मार्मिक बातें लिख कर मदर्स डे की शुभकामनाएं देने में लगे हैं, वहीं इसकी हकीकत कोसों दूर है. आज भी कई माताएं वृद्धा आश्रमों में अपने आंख के तारे का इंतजार कर रही हैं. यही हाल सहारनपुर के वृध्दा आश्रम में देखने को मिला. यहां कुल 12 महिलाओं ने वृद्धा आश्रम को अपना आशियाना बना लिया है.

मदर्स डे पर बच्चों का इंतजार करती रहीं माताएं.


महिलाओं से ईटीवी भारत ने की बातचीत-

  • आश्रम में रह रही कई माताओं ने ईटीवी भारत से अपना सुख-दुख साझा किया.
  • आश्रम में रह रही कुछ माताओं ने बहू-बेटों पर आरोप लगाए तो कई ने पारिवारिक मजबूरी बताई.
  • इतना ही नहीं एक महिला ने बताया कि उनके बहू-बेटे उनसे पैसे मांगते थे और नहीं देने पर पिटाई करते थे. इसके चलते वह वृद्धा आश्रम में रहने लगी.
  • पश्चिम बंगाल निवासी 71 वर्षीय पार्वती ने बताया कि उनकी एक बेटी है जो पति और बच्चों के साथ पंजाब में रहती है. उनका एक बेटा था, जिसकी मौत हो चुकी है. वह सात सालों से आश्रम में रह रही हैं.
  • वहीं 17 सालों से आश्रम में जिंदगी गुजार रही 80 वर्षीय सुषमा सरीन ने बताया कि उसके एक बेटा और बेटी है. दोनों की शादी हो गई है.
  • वहीं विधा नाम की महिला ने बताया कि इनके पास गांव में घर भी है और जमीन भी, लेकिन बेटे-बहू ने इन्हें घर से निकाल दिया. विधा ने बताया कि बहू-बेटे पैसे की मांग करते थे. पैसे नहीं देने पर उसके साथ मारपीट करते थे. इतना ही नहीं बीमार होने दवाई दिलवाना तो दूर खाना-पानी तक नहीं देते थे.
  • वहीं विमला नाम की एक वृद्धा ने बताया कि वह पारिवारिक कलह की वजह से आश्रम में रह रही है.

सहारनपुर: मदर्स डे हो या फिर अन्य कोई त्योहार सब केवल फेसबुक, वाट्सऐप पर संदेश देने तक ही सीमित रह गया है. मातृ दिवस के मौके पर जहां हर युवक-युवती बड़ी-बड़ी मार्मिक बातें लिख कर मदर्स डे की शुभकामनाएं देने में लगे हैं, वहीं इसकी हकीकत कोसों दूर है. आज भी कई माताएं वृद्धा आश्रमों में अपने आंख के तारे का इंतजार कर रही हैं. यही हाल सहारनपुर के वृध्दा आश्रम में देखने को मिला. यहां कुल 12 महिलाओं ने वृद्धा आश्रम को अपना आशियाना बना लिया है.

मदर्स डे पर बच्चों का इंतजार करती रहीं माताएं.


महिलाओं से ईटीवी भारत ने की बातचीत-

  • आश्रम में रह रही कई माताओं ने ईटीवी भारत से अपना सुख-दुख साझा किया.
  • आश्रम में रह रही कुछ माताओं ने बहू-बेटों पर आरोप लगाए तो कई ने पारिवारिक मजबूरी बताई.
  • इतना ही नहीं एक महिला ने बताया कि उनके बहू-बेटे उनसे पैसे मांगते थे और नहीं देने पर पिटाई करते थे. इसके चलते वह वृद्धा आश्रम में रहने लगी.
  • पश्चिम बंगाल निवासी 71 वर्षीय पार्वती ने बताया कि उनकी एक बेटी है जो पति और बच्चों के साथ पंजाब में रहती है. उनका एक बेटा था, जिसकी मौत हो चुकी है. वह सात सालों से आश्रम में रह रही हैं.
  • वहीं 17 सालों से आश्रम में जिंदगी गुजार रही 80 वर्षीय सुषमा सरीन ने बताया कि उसके एक बेटा और बेटी है. दोनों की शादी हो गई है.
  • वहीं विधा नाम की महिला ने बताया कि इनके पास गांव में घर भी है और जमीन भी, लेकिन बेटे-बहू ने इन्हें घर से निकाल दिया. विधा ने बताया कि बहू-बेटे पैसे की मांग करते थे. पैसे नहीं देने पर उसके साथ मारपीट करते थे. इतना ही नहीं बीमार होने दवाई दिलवाना तो दूर खाना-पानी तक नहीं देते थे.
  • वहीं विमला नाम की एक वृद्धा ने बताया कि वह पारिवारिक कलह की वजह से आश्रम में रह रही है.
Intro:सहारनपुर : इन दिनों MOTHER'S DAY हो या फिर अन्य कोई त्यौहार सब केवल फेसबुक व्हाट्सअप पर संदेश देने तक ही सीमित रह गए हैं। मातृदिवस के मौके पर जहां हर युवक-युवती बड़ी बड़ी बातें लिख कर मदर डे की शुभकामनाएं देने में लगे है वहीं हकीकत सच्चाई से कोसो दूर है। आज भी कई माताएं विभिन्न आश्रमो में अपनी आंख के तारे का इंतजार कर रही है। यही हाल सहारनपुर के वृध्दा आश्रम में देखने को मिला। यहां कुल 12 वृध्द महिलाएं अपना बुढापा गुजार रही है। ETV ने इन बेबश माताओं के बीच जाकर न सिर्फ उनके साथ मदर्स डे मनाया बल्कि उनके सुख दुख को साझा किया है। ETV से बातचीत में आश्रम में रह रही कई माताओं ने अपने बहु बेटों पर आरोप लगाए है तो कई ने अपनी पारिवारिक मजबूरी बताई है। इतना ही नही एक माता ने तो यह भी बताया कि उनके बहु बेटे उनसे पैसे मांगते है और नही देने पर न सिर्फ पिटाई कर दी बल्कि घर से बाहर निकाल दिया। जिसके चलते वे वृध्दा आश्रम में आकर रहने को मजबूर है।


Body:VO 1 : आपको बता दें कि आज मातृदिवस को देश भर का युवा धूम धाम से मना रहा है। माताओं के साथ फोटो खिंचवा कर सोशल मीडिया पर जमकर वाह वाही लूट रहे है। लेकिन मां का बुढापा आते ही यह युवा बेटा मां से बेरुखी रखने लगता है यह कभी कोई मां नही सोचती। सहारनपुर के वृध्दा आश्रम में रह रही इन माओ का यही हाल है। ETV ने आश्रम पहुंच कर इन मांओ से बातचीत कर इनके सुख दुख साझा करने की कोशिश की। ETV से बातचीत में पश्चिम बंगाल निवासी 71 वर्षीय पार्वती ने बताया कि उनके एक बेटी है जो अपने पति और बच्चों के साथ पंजाब में रह रही है। जबकि उनका एक बेटा था जिसकी मौत हो चुकी है। वह 7 सालो से इस आश्रम में रह रही है। लेकिन उनकी बेटी और दामाद आज तक मिलने भी नही है। वे अपनी बेटी और नातिनों का इंतजार कर रही है। वही 17 सालो से आश्रम में जिंदगी गुजार रही 80 वर्षीय सुषमा सरीन ने बताया कि उसके एक बेटा और बेटी थे दोनों की शादी हो गई थी लेकिन बेटे की शादी आई बहु की हरकतों और पति की मौत के बाद उसने घर छोड़कर कर आश्रम में आना पड़ा। हालांकि अब इनके भी बेटे की मौत हो चुकी है। उधर जब हमने विधा नाम की महिला से बात की तो उनकी भी कहानी सुनकर हर कोई भावुक हो गया। इनके पास ग़ांव में घर भी है और जमीन भी लेकिन बेटे बहु की बेरुखी ने इन्हें भी घर से निकाल दिया। विधा ने ETV से बातचीत में बताया कि उनके बहु बेटे उनसे पैसे की मांग करते थे। पैसे नही देने पर उसके साथ मारपीट करते थे। इतना नही उनके बीमार होने दवाई दिलवाना तो दूर इनको खाना और पानी तक भी नही देते थे। पति की मौत के बाद इनके बहु बेटे ने इनको भी घर से निकाल दिया। जिसके बाद कई सालों से ये इस आश्रम में रहने को मजबूर है। वही विमला नाम की एक वृध्दा ने बताया कि वे पारिवारिक कलह की वजह से आश्रम में रह रही है। आधुनिकता के इस दौर में इन मांओ का दर्द सुनकर हर किसी का दिल पसीज जाता है। ये बुजुर्ग महिलाएं कितनी भी परेशान हो लेकिन अपनी औलाद को आज भी याद करती है। मदर्स डे हो या फिर अन्य कोई त्योहार सभी दिनों में अपने दुलारे बेटे बेटियों की बाट जोह रही है।


बाईट - पार्वती
बाईट - सुषमा सरीन
बाईट - विधा देवी
बाईट - विमला देवी


Conclusion:रोशन लाल सैनी
सहारनपुर
9121293042
9759945153
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST
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