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सहारनपुर: शिक्षा माफिया चला रहे फर्जी स्कूल, विभाग बेखबर, RTI में हुआ खुलासा

आरटीआई से खुलासा हुआ है कि सहारनपुर में शिक्षा माफिया बेधड़क फर्जी स्कूल चला रहा है. इस स्कूल को मान्यता नहीं मिली है. वहीं, शिक्षा विभाग को इसकी भनक तक नहीं है. बीएसए कहते हैं कि इस तरीके का कोई भी स्कूल नहीं चल रहा है.

सहारनपुर में फर्जी स्कूल
सहारनपुर में फर्जी स्कूल
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Published : Jul 6, 2022, 7:18 AM IST

सहारनपुर: एक ओर जहां उत्तर प्रदेश की योगी सरकार बेहतर शिक्षा देने के दावे कर रही है, वहीं शिक्षा माफिया न सिर्फ फर्जी स्कूल चलाकर छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. बल्कि, योगी सरकार के दावों को भी ठेंगा दिखा रहे हैं. ऐसी ही तस्वीरें जिले में देखने को मिल रही हैं. यहां फर्जी स्कूलों की भरमार है.

थाना जनकपुरी इलाके के सड़क दुधली में MM इस्लामिया स्कूल के नाम से एक स्कूल बिना मान्यता के चल रहा है. खास बात तो ये है कि इस स्कूल को कक्षा पांच की भी मान्यता नहीं है. बावजूद इसके यहां कक्षा 10 तक के बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. स्कूल प्रबंधन बाकायदा बच्चों को परीक्षा के रिजल्ट बांट रहा है. लेकिन, ट्रांसफर सर्टिफिकेट देने के नाम पर अभिभावकों के हाथ-पांव जोड़ लेता है. RTI में MM इस्लामिया स्कूल के फर्जीवाड़े का खुलासा भी हो चुका है. इसके बाद भी शिक्षा विभाग महज जांच की बात कहकर पल्ला झाड़ रहा है.

जानकारी देते शिकायतकर्ता और बीएसए.

बता दें कि सहारनपुर के देहरादून हाई-वे स्थित गांव सड़क दुधली में वेलफेयर सोसाइटी से रजिस्टर्ड मदरसा मोहम्मदिया इस्लामिया स्कूल के नाम से मदरसा चल रहा था. करीब 5 साल पहले संस्था ने मदरसा मोहम्मदिया को दूसरी बिल्डिंग में शिफ्ट कर लिया था. इसके बाद पुरानी बिल्डिंग स्वामी मेहताब अली ने मदरसा मोहम्मदिया इस्लामिया स्कूल के शार्ट फॉर्म यानि MM इस्लामिया स्कूल के नाम से फर्जी स्कूल चालू कर दिया. स्कूल संचालक ने न तो स्कूल की मान्यता ली है और न ही सरकार से कोई अनुमति ली. आलम यह है कि स्कूल संचालक मेहताब अली शिक्षा के नाम पर छात्र-छात्राओं से मोटी फीस वसूल रहा है. गांव के सीधे-साधे अभिभावकों को इस बात का जरा भी इल्म नहीं है कि जिस स्कूल में उनके बच्चे पढ़ने जाते हैं, वहां उनका भविष्य बनने की बजाए अंधकार में जा रहा है.

जानकारी के मुताबिक, 2015 से प्राइमरी से लेकर किसी भी स्तर के स्कूलों की मान्यता पर रोक लगी हुई है. यानि समूचे उत्तर प्रदेश में 2015 से किसी भी स्कूल को कोई मान्यता नहीं दी गई. बावजूद इसके MM इस्लामिया स्कूल संचालक बिना मान्यता के ही कक्षा 10वीं तक स्कूल चला रहा है. जिला मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर की दूरी पर MM इस्लामिया स्कूल में बाकायदा ड्रेस कोड और खाने तक का MENU छात्र-छात्राओं को दिया जाता है. लेकिन, शिक्षा विभाग को फर्जी स्कूल की भनक तक भी नहीं है. या यूं कहें कि शिक्षा विभाग के रहमो कर्म की वजह से स्कूल चल रहा है. शायद यही वजह है कि 7 सालों में MM इस्लामिया स्कूल पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. आलम यह है कि गर्मियों की छुट्टियों में भी स्कूल यथावत चला आ रहा है. एक भी दिन स्कूल की छुट्टी नहीं की गई.

शिकायत कर्ता के मुताबिक, जिस बिल्डिंग में मदरसा चलता था और जो लोग इस सोसाइटी में थे, उन लोगों ने चालाकी से उसी बिल्डिंग में मदरसा मोहम्मदिया इस्लामिया के नाम पर एक स्कूल चलाना शुरू कर दिया. अभिभावकों को गुमराह कर इस स्कूल में एडमिशन देने लगे. जब इसका पता मदरसा संचालक को लगा तो उसने शिकायत दर्ज कराई और आरटीआई के तहत जानकारी इकट्ठा की. आरटीआई में भी यह खुलासा हुआ कि MM इस्लामिया के नाम का कोई भी स्कूल शिक्षा विभाग में रजिस्टर्ड नहीं है और न ही इस स्कूल की कोई मान्यता है.

यह भी पढ़ें: एएमयू के आधार पर होगा संस्कृत विश्वविद्यालय के पाण्डुलिपियों का संरक्षण

इस संबंध में बेसिक शिक्षा अधिकारी अम्बरीष कुमार से बात की गई तो उनका कहना था कि इस तरीके का कोई भी स्कूल सड़क दूधली में नहीं चलाया जा रहा है. उनके संज्ञान में नहीं है न ही इसकी कोई जानकारी है. अगर अवैध तरीके से स्कूल चलाए जाने की जानकारी उनके संज्ञान में आती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. ऐसे स्कूल को तत्काल प्रभाव से बंद कराया जाएगा और उस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी. स्कूल से निकलने वाले बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिला दिया जाएगा.

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सहारनपुर: एक ओर जहां उत्तर प्रदेश की योगी सरकार बेहतर शिक्षा देने के दावे कर रही है, वहीं शिक्षा माफिया न सिर्फ फर्जी स्कूल चलाकर छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. बल्कि, योगी सरकार के दावों को भी ठेंगा दिखा रहे हैं. ऐसी ही तस्वीरें जिले में देखने को मिल रही हैं. यहां फर्जी स्कूलों की भरमार है.

थाना जनकपुरी इलाके के सड़क दुधली में MM इस्लामिया स्कूल के नाम से एक स्कूल बिना मान्यता के चल रहा है. खास बात तो ये है कि इस स्कूल को कक्षा पांच की भी मान्यता नहीं है. बावजूद इसके यहां कक्षा 10 तक के बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. स्कूल प्रबंधन बाकायदा बच्चों को परीक्षा के रिजल्ट बांट रहा है. लेकिन, ट्रांसफर सर्टिफिकेट देने के नाम पर अभिभावकों के हाथ-पांव जोड़ लेता है. RTI में MM इस्लामिया स्कूल के फर्जीवाड़े का खुलासा भी हो चुका है. इसके बाद भी शिक्षा विभाग महज जांच की बात कहकर पल्ला झाड़ रहा है.

जानकारी देते शिकायतकर्ता और बीएसए.

बता दें कि सहारनपुर के देहरादून हाई-वे स्थित गांव सड़क दुधली में वेलफेयर सोसाइटी से रजिस्टर्ड मदरसा मोहम्मदिया इस्लामिया स्कूल के नाम से मदरसा चल रहा था. करीब 5 साल पहले संस्था ने मदरसा मोहम्मदिया को दूसरी बिल्डिंग में शिफ्ट कर लिया था. इसके बाद पुरानी बिल्डिंग स्वामी मेहताब अली ने मदरसा मोहम्मदिया इस्लामिया स्कूल के शार्ट फॉर्म यानि MM इस्लामिया स्कूल के नाम से फर्जी स्कूल चालू कर दिया. स्कूल संचालक ने न तो स्कूल की मान्यता ली है और न ही सरकार से कोई अनुमति ली. आलम यह है कि स्कूल संचालक मेहताब अली शिक्षा के नाम पर छात्र-छात्राओं से मोटी फीस वसूल रहा है. गांव के सीधे-साधे अभिभावकों को इस बात का जरा भी इल्म नहीं है कि जिस स्कूल में उनके बच्चे पढ़ने जाते हैं, वहां उनका भविष्य बनने की बजाए अंधकार में जा रहा है.

जानकारी के मुताबिक, 2015 से प्राइमरी से लेकर किसी भी स्तर के स्कूलों की मान्यता पर रोक लगी हुई है. यानि समूचे उत्तर प्रदेश में 2015 से किसी भी स्कूल को कोई मान्यता नहीं दी गई. बावजूद इसके MM इस्लामिया स्कूल संचालक बिना मान्यता के ही कक्षा 10वीं तक स्कूल चला रहा है. जिला मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर की दूरी पर MM इस्लामिया स्कूल में बाकायदा ड्रेस कोड और खाने तक का MENU छात्र-छात्राओं को दिया जाता है. लेकिन, शिक्षा विभाग को फर्जी स्कूल की भनक तक भी नहीं है. या यूं कहें कि शिक्षा विभाग के रहमो कर्म की वजह से स्कूल चल रहा है. शायद यही वजह है कि 7 सालों में MM इस्लामिया स्कूल पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. आलम यह है कि गर्मियों की छुट्टियों में भी स्कूल यथावत चला आ रहा है. एक भी दिन स्कूल की छुट्टी नहीं की गई.

शिकायत कर्ता के मुताबिक, जिस बिल्डिंग में मदरसा चलता था और जो लोग इस सोसाइटी में थे, उन लोगों ने चालाकी से उसी बिल्डिंग में मदरसा मोहम्मदिया इस्लामिया के नाम पर एक स्कूल चलाना शुरू कर दिया. अभिभावकों को गुमराह कर इस स्कूल में एडमिशन देने लगे. जब इसका पता मदरसा संचालक को लगा तो उसने शिकायत दर्ज कराई और आरटीआई के तहत जानकारी इकट्ठा की. आरटीआई में भी यह खुलासा हुआ कि MM इस्लामिया के नाम का कोई भी स्कूल शिक्षा विभाग में रजिस्टर्ड नहीं है और न ही इस स्कूल की कोई मान्यता है.

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इस संबंध में बेसिक शिक्षा अधिकारी अम्बरीष कुमार से बात की गई तो उनका कहना था कि इस तरीके का कोई भी स्कूल सड़क दूधली में नहीं चलाया जा रहा है. उनके संज्ञान में नहीं है न ही इसकी कोई जानकारी है. अगर अवैध तरीके से स्कूल चलाए जाने की जानकारी उनके संज्ञान में आती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. ऐसे स्कूल को तत्काल प्रभाव से बंद कराया जाएगा और उस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी. स्कूल से निकलने वाले बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिला दिया जाएगा.

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