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रामपुर के सिटी मॉन्टेसरी स्कूल का नाम अब मॉडल मॉन्टेसरी

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Published : Sep 5, 2022, 7:57 PM IST

शिक्षक दिवस के मौके पर रामपुर में सिटी मॉन्टेसरी स्कूल का नाम बदलकर(City Montessori School Rampur renamed) मॉडल मॉन्टेसरी स्कूल (Model Montessori School rampur) कर दिया गया.

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मॉडल मॉन्टेसरी स्कूल का उद्घाटन

रामपुर: शिक्षक दिवस के मौके पर रामपुर में सिटी मॉन्टेसरी स्कूल का नाम बदलकर(City Montessori School Rampur renamed) मॉडल मॉन्टेसरी स्कूल (Model Montessori School rampur) कर दिया गया है. शिक्षक दिवस के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे मुरादाबाद मंडल के कमिश्नर आन्जनेय कुमार (Moradabad Divisional Commissioner Anjaneya Kumar) ने फीता काटकर स्कूल का शुभारंभ किया.

आन्जनेय कुमार ने बताया कि सिटी मॉन्टेसरी स्कूल पर पिछले 3 साल से काम हो रहा हैं. सिटी मॉन्टेसरी स्कूल के बारे में कहा जाता है कि यह रामपुर के नवाब का गेस्ट हाउस हुआ करता था. बताया जाता है कि वायसराय, गवर्नर आदि यहां आकर ठहरा करते थे.

स्कूल के बारे में जानकारी देते मुरादाबाद मंडल के कमिश्नर आन्जनेय कुमार

इतना हीं नहीं, यहां महात्मा गांधी ने आकर असहयोग आंदोलन को धार दी थी. यहीं से गांधी टोपी का जन्म हुआ था. उसके बाद नवाब ने इसको स्कूल में बदल दिया था. आजादी के बाद से यह स्कूल चल रहा है. लोगों का कहना है कि पूरे इलाके में यह एकमात्र इंग्लिश मीडियम का स्कूल था. हालांकि स्कूल को बंद कर खंडहर बना दिया गया और उसे दुष्प्रयोग में लाने की कोशिश की गई. वर्ष 2019 से कायाकल्प के तहत बड़े पैमाने पर काम किया गया.

यह भी पढ़ें: बच्चों को पढ़ाई से जोड़कर रखने की ललक ने इन शिक्षकों को दिलाया पुरस्कार

रामपुर: शिक्षक दिवस के मौके पर रामपुर में सिटी मॉन्टेसरी स्कूल का नाम बदलकर(City Montessori School Rampur renamed) मॉडल मॉन्टेसरी स्कूल (Model Montessori School rampur) कर दिया गया है. शिक्षक दिवस के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे मुरादाबाद मंडल के कमिश्नर आन्जनेय कुमार (Moradabad Divisional Commissioner Anjaneya Kumar) ने फीता काटकर स्कूल का शुभारंभ किया.

आन्जनेय कुमार ने बताया कि सिटी मॉन्टेसरी स्कूल पर पिछले 3 साल से काम हो रहा हैं. सिटी मॉन्टेसरी स्कूल के बारे में कहा जाता है कि यह रामपुर के नवाब का गेस्ट हाउस हुआ करता था. बताया जाता है कि वायसराय, गवर्नर आदि यहां आकर ठहरा करते थे.

स्कूल के बारे में जानकारी देते मुरादाबाद मंडल के कमिश्नर आन्जनेय कुमार

इतना हीं नहीं, यहां महात्मा गांधी ने आकर असहयोग आंदोलन को धार दी थी. यहीं से गांधी टोपी का जन्म हुआ था. उसके बाद नवाब ने इसको स्कूल में बदल दिया था. आजादी के बाद से यह स्कूल चल रहा है. लोगों का कहना है कि पूरे इलाके में यह एकमात्र इंग्लिश मीडियम का स्कूल था. हालांकि स्कूल को बंद कर खंडहर बना दिया गया और उसे दुष्प्रयोग में लाने की कोशिश की गई. वर्ष 2019 से कायाकल्प के तहत बड़े पैमाने पर काम किया गया.

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