लखनऊ : प्रदेश में विद्यालय प्रबंधन और संचालन को मजबूत बनाने के लिए सरकार 75 जिलों से 150 शिक्षकों को मास्टर ट्रेनर्स के रूप में प्रशिक्षित करेगी. यह प्रशिक्षण दीन दयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान, लखनऊ में होगा. यह तीन चरणों में संपन्न होगा. मास्टर ट्रेनर्स को विद्यालय प्रबंधन, शिक्षण व्यवस्था और एसएमसी के प्रभावी संचालन पर विशेष प्रशिक्षण मिलेगा. मार्च तक 20 लाख से अधिक प्रशिक्षकों की श्रृंखला तैयार की जाएगी. जिससे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुलभ होगी. यह कदम शिक्षा व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव लाएगा और भविष्य की पीढ़ी को बेहतर शिक्षा मिलेगी.
पहचान पत्र भूले तो प्रशिक्षण से हो जाएंगे बाहर : प्रशिक्षण में शामिल होने वाले सभी शिक्षकों के लिए फोटो पहचान पत्र लाना अनिवार्य है. पहचान पत्र न होने पर प्रवेश की अनुमति नहीं मिलेगी. चयनित प्रशिक्षणार्थी को वापस लौटना पड़ेगा. विभाग से प्रशिक्षणार्थी शिक्षकों को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.
तीन चरणों में होगा प्रशिक्षण
- प्रथम बैच (11-12 फरवरी): प्रयागराज, अंबेडकरनगर, बहराइच, बलरामपुर, औरैया, आजमगढ़, बलिया, बांदा, बाराबंकी, बस्ती, भदोही, सम्भल, चन्दौली, अयोध्या, फतेहपुर, गाजीपुर, गोण्डा, गोरखपुर, कौशाम्बी, मऊ, प्रतापगढ़, रायबरेली, सुल्तानपुर, उन्नाव और वाराणसी के शिक्षक
- दूसरा बैच (13-14 फरवरी): बदायूं, बागपत, चित्रकूट, देवरिया, जौनपुर, झांसी, जेपी नगर, कन्नौज, कानपुर देहात, कानपुर नगर, कासगंज, कुशीनगर, लखीमपुरखीरी, ललितपुर, लखनऊ, महाराजगंज, मिर्जापुर, मुजफ्फरनगर, हापुड़, रामपुर, संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, सीतापुर, सोनभद्र और श्रावस्ती के शिक्षक
- तीसरा बैच (17-18 फरवरी): आगरा, अलीगढ़, बरेली, बिजनौर, बुलन्दशहर, अमेठी, एटा, इटावा, फर्रुखाबाद, फिरोजाबाद, गौतमबुद्ध नगर, गाज़ियाबाद, हमीरपुर, हरदोई, हाथरस, जालौन, महोबा, मैनपुरी, मथुरा, मेरठ, मुरादाबाद, पीलीभीत, शामली, सहारनपुर और शाहजहांपुर के शिक्षक.
यह करेंगे मास्टर ट्रेनर्स : प्रशिक्षण प्राप्त मास्टर ट्रेनर्स अपने जिलों में दो-दो अन्य शिक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे. ये शिक्षक आगे प्रधानाध्यापकों और एसएमसी अध्यक्षों को प्रशिक्षित करेंगे, एसएमसी अध्यक्ष विद्यालय प्रबंध समिति के अन्य सदस्यों को उनके कार्यों की जानकारी देंगे, जिससे विद्यालय संचालन अधिक प्रभावी और सुचारु होगा.
प्रदेशभर में तैयार होगी प्रभावी श्रृंखला : मास्टर ट्रेनर्स जिला स्तर पर 3,544 शिक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे. ये शिक्षक फिर प्रधानाध्यापकों और एसएमसी अध्यक्षों को प्रशिक्षित करेंगे, जिससे 2,67,176 प्रशिक्षितों की श्रृंखला बनेगी. इसके बाद, मार्च तक विद्यालय प्रबंध समिति के बाकी सदस्यों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा, और कुल 20 लाख से अधिक प्रशिक्षित सदस्य तैयार होंगे.
प्रशिक्षण कार्यक्रम से ये होंगे लाभ
- विद्यालयों के प्रबंधन और संचालन होंगे अधिक प्रभावी
- ‘जनपहल हस्तपुस्तिका’ के माध्यम से शिक्षक अपने ज्ञान और कौशल का उपयोग विद्यालयों के विकास में करेंगे
- शैक्षिक प्रबंधन में सुधार होगा और विद्यालयों की गुणवत्ता बढ़ेगी
- प्रदेश के शैक्षिक संस्थानों की कार्यक्षमता को मजबूती मिलेगी
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा होगी सुलभ : संदीप सिंह बेसिक शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने कहा, " विद्यालयों के संचालन में सुधार और प्रबंध समितियों के सदस्यों को प्रशिक्षित कर उन्हें अधिक सक्षम बनाना हमारी प्राथमिकता है. हम इस दिशा में आगे बढ़ चुके हैं. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से शिक्षकों को मास्टर ट्रेनर्स के रूप में तैयार किया जाएगा, जिससे शिक्षा क्षेत्र में नए बदलाव का मार्ग प्रशस्त होगा और विद्यार्थियों को बेहतर शैक्षिक अवसर मिलेंगे.
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