रामपुर: रामपुर में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के 6 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने बुधवार को कृषि कानून के विरोध में आत्महत्या करने वाले किसान के परिवार से मिलकर उन्हें ढांढस बंधाया और मृतक किसान की आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन धारण किया.
गाजीपुर बॉर्डर पर किसान ने की थी आत्महत्या
जनपद रामपुर में कुछ दिन पहले तहसील बिलासपुर के पसियापुरा गांव निवासी बुजुर्ग किसान कश्मीर सिंह ने गाजीपुर बॉर्डर पर कृषि कानून के विरोध में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. मृतक किसान के परिवार से मिलने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया का 6 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल बुधवार को गांव पहुंचा. इस प्रतिनिधिमंडल में पूर्व सांसद एवं प्रमुख महासचिव वीरपाल सिंह यादव, पूर्व मंत्री एवं राष्ट्रीय महासचिव, जगवीर सिंह गुर्जर, प्रदेश उपाध्यक्ष फरहत हसन खान, प्रदेश महासचिव ठाकुर रणवीर सिंह, जिला अध्यक्ष मोहम्मद याकूब, जिला अध्यक्ष संभल कैप्टन सर्वेश यादव शामिल रहे.
किसानों के लिए डेथ वारंट जैसा है कृषि कानून
इस दौरान मीडिया से बात करते हुए वीरपाल सिंह यादव कहा कि इस कृषि कानून से किसान तबाह और बर्बाद हो जाएगा. हमनें तो कई बार कहा कि भारतीय जनता पार्टी का कोई नेता जो इस कानून को सही बता रहा है, किसान हित में बता रहा है वो हमसे टीवी पर बहस कर ले, हम बता देंगे कि किसान की क्या दुर्दशा होने वाली है. उन्होंने कहा कि यह कानून एक तरह से किसानों के लिए डेथ वारंट जैसा है जिस पर सरकार ने दस्तखत कर दिए हैं. सरकार को इस कानून को वापस लेना चाहिए.
मृतक को शहीद का दर्जा देने की मांग
पूर्व सांसद वीरपाल सिंह यादव ने कहा कि मृतक किसान को शहीद का दर्जा दिया जाना चाहिए और उनके परिवार को 25 लाख का मुआवजा दिया जाए. जल संचय राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख का नाम लिए बगैर वीरपाल सिंह यादव ने कहा वह भी एक किसान हैं उनको इस्तीफा देना चाहिए.