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4 महीने से रसोइयों को नहीं मिला मानदेय, कैसे मनाए दिवाली - rampur news

रामपुर जिले में सरकारी स्कूलों के रसोइयों में मायूसी है. रसोइयों का कहना है कि पिछले चार महीने से मानदेय नहीं मिला है. दिवाली नजदीक है ऐसे में बिना पैसे त्योहार कैसे मनाएं.

रसोइयों को नहीं मिला मानदेय
रसोइयों को नहीं मिला मानदेय
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Published : Nov 2, 2021, 1:41 PM IST

रामपुर: बढ़ती महंगाई ने एक ओर जहां लोगों का बजट बिगाड़ कर रख दिया है तो वहीं त्योहारों के रंग भी फीके पड़ गए हैं. जिले के सरकारी स्कूलों के रसोइयों की भी यह दिवाली फीकी पड़ने वाली है. वजह है पिछले चार महीने से मानदेय न मिलना.

सरकारी स्कूलों में रसोइया के रूप में काम करने वाली कुछ महिलाएं अपना मानदेय नहीं मिल पाने की वजह से मायूस है. हालांकि बेसिक शिक्षा अधिकारी इन महिला रसोइयों के खातों में 4 महीने का मानदेय दीपावली से पहले भेजे जाने का आश्वासन दे रही है.

रसोइयों को नहीं मिला मानदेय
जनपद के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सरकार द्वारा बच्चों की शिक्षा के साथ ही मिड-डे मील के रूप में मेन्यू के मुताबिक उनके दोपहर के भोजन की व्यवस्था की जाती है. इस भोजन को बनाने के लिए सरकार द्वारा प्रत्येक विद्यालय में बच्चों की संख्या के हिसाब से महिला रसोइया नियुक्त की गई हैं. जिनको मई-जून के महीने को छोड़कर वर्ष के सभी माह 15-15 सौ रुपये की धनराशि के रूप में मानदेय दिया जाता है.

यह भी पढ़ें: आर्थिक तंगी में छूटा इन दोनों गोल्ड मेडलिस्ट बहनों का खेल, अब दिवाली का दीया बना चला रही पेट

पिछले 4 महीने से इन रसोइयों को मानदेय नहीं मिला है, जबकि जनपद में कुल 38 सौ महिला रसोइया नियुक्त हैं. तहसील स्वार क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम सेंटा खेड़ा स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय में तैनात महिला रसोइया ने अपना दर्द बयां किया. उसका कहना है कि 2 दिन के बाद दीपावली है और उन्हें अब तक 4 महीने से मानदेय नहीं मिल सका है. ऐसी स्थिति में वह अपना त्योहार कैसे मना पाएंगे. हालांकि, बेसिक शिक्षा अधिकारी कल्पना सिंह ने सभी रसोइयों को दीपावली से पहले उनका मानदेय उनके बैंक खाते में पहुंचाए जाने का आश्वासन दिया है.

रामपुर: बढ़ती महंगाई ने एक ओर जहां लोगों का बजट बिगाड़ कर रख दिया है तो वहीं त्योहारों के रंग भी फीके पड़ गए हैं. जिले के सरकारी स्कूलों के रसोइयों की भी यह दिवाली फीकी पड़ने वाली है. वजह है पिछले चार महीने से मानदेय न मिलना.

सरकारी स्कूलों में रसोइया के रूप में काम करने वाली कुछ महिलाएं अपना मानदेय नहीं मिल पाने की वजह से मायूस है. हालांकि बेसिक शिक्षा अधिकारी इन महिला रसोइयों के खातों में 4 महीने का मानदेय दीपावली से पहले भेजे जाने का आश्वासन दे रही है.

रसोइयों को नहीं मिला मानदेय
जनपद के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सरकार द्वारा बच्चों की शिक्षा के साथ ही मिड-डे मील के रूप में मेन्यू के मुताबिक उनके दोपहर के भोजन की व्यवस्था की जाती है. इस भोजन को बनाने के लिए सरकार द्वारा प्रत्येक विद्यालय में बच्चों की संख्या के हिसाब से महिला रसोइया नियुक्त की गई हैं. जिनको मई-जून के महीने को छोड़कर वर्ष के सभी माह 15-15 सौ रुपये की धनराशि के रूप में मानदेय दिया जाता है.

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पिछले 4 महीने से इन रसोइयों को मानदेय नहीं मिला है, जबकि जनपद में कुल 38 सौ महिला रसोइया नियुक्त हैं. तहसील स्वार क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम सेंटा खेड़ा स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय में तैनात महिला रसोइया ने अपना दर्द बयां किया. उसका कहना है कि 2 दिन के बाद दीपावली है और उन्हें अब तक 4 महीने से मानदेय नहीं मिल सका है. ऐसी स्थिति में वह अपना त्योहार कैसे मना पाएंगे. हालांकि, बेसिक शिक्षा अधिकारी कल्पना सिंह ने सभी रसोइयों को दीपावली से पहले उनका मानदेय उनके बैंक खाते में पहुंचाए जाने का आश्वासन दिया है.

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