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पद्मश्री से सम्मानित होगी रायबरेली की बेटी एथलीट सुधा सिंह

रायबरेली की बेटी व अंतरराष्ट्रीय महिला खिलाड़ी सुधा सिंह को पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया जाएगा. केंद्र सरकार की ओर से जारी गई पद्म सम्मानों की सूची में उनका नाम शामिल किया गया है.

पद्मश्री से सम्मानित होगी एथलीट सुधा सिंह.
पद्मश्री से सम्मानित होगी एथलीट सुधा सिंह.
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Published : Jan 26, 2021, 3:14 AM IST

Updated : Jan 26, 2021, 6:28 AM IST

रायबरेली: जिले की बेटी व अंतरराष्ट्रीय महिला खिलाड़ी सुधा सिंह को केंद्र सरकार पद्मश्री सम्मान से सम्मानित करेगी. इससे पूरे जिले में खुशी की लहर है. वह अंतरराष्ट्रीय एथलीट एवं एशियन गेम्स में गोल्ड और सिल्वर मेडल जीत चुकी हैं. खिलाड़ी के परिजनों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार किया.

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर सोमवार को केंद्र सरकार ने पद्म सम्मानों की लिस्ट घोषित की, जिसमें जिले की महिला खिलाड़ी सुधा सिंह का भी नाम शामिल है. खिलाड़ी का नाम सुनते ही जिले के अन्य खिलाड़ियों में खुशी की लहर दौड़ गई. खिलाड़ी के पिता हरि नारायण सिंह रायबरेली की आईटीआई फैक्ट्री में कार्यरत रहे. उनका परिवार शहर के शिवाजी नगर इलाके में रहता है. खिलाड़ी के छोटे भाई शहर के रतापुर स्थित एफजीआईटी में शिक्षक है. बेटी की कामयाबी पर हरि नारायण ने कहा कि भारत सरकार द्वारा बेटी दिवस के 1 दिन बाद ही दिए गए इस उपहार ने हम लोगों को गदगद कर दिया है. भाई प्रवेश नारायण सिंह ने बताया कि अपनी दीदी पर हम लोगों को पहले से ही गर्व है. भारत सरकार ने इसको कई गुना और बढ़ा दिया. यह केवल उनका सम्मान नहीं बल्कि रायबरेली और अमेठी के सभी लोगों का सम्मान है.

एशियन गेम्स में जीत चुकी हैं गोल्ड और सिल्वर मेडल
सुधा एशियन गेम्स में गोल्ड और सिल्वर मेडल जीतकर देश का नाम रोशन कर चुकी है. उन्होंने साल 2010 के एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल और साल 2018 में सिल्वर मेडल जीता था. साल 2012 और साल 2016 के ओलंपिक गेम्स में भी प्रतिभाग किया था, लेकिन पदक जीतने से चूक गई थीं. इस समय वह बेंगलुरु में ओलंपिक गेम्स की तैयारी कर रही हैं. अगले माह होने वाली मैराथन प्रतियोगिता का भी वह हिस्सा लेगी.


पहली बार साल 2010 में जीता था स्वर्ण पदक

एथलीट सुधा सिंह ने देश के लिए पहली बार ग्वांगझू में हुए एशियाड-2010 में 3000 मीटर स्टीपल चेज में स्वर्ण पदक जीता था. खेल उपलब्धियों के लिए उन्हें साल 2012 में अर्जुन अवॉर्ड और साल 2014 में रानी लक्ष्मी बाई अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है.

लखनऊ में सीखा एथलीट का ककहरा

सुधा सिंह ने लखनऊ हॉस्टल में रह कर दिग्गज कोच विमला सिंह से ट्रेनिंग ली थी. विमला सिंह को एक दिन पहले ही लखनऊ में वेटरन वर्ग में रानी लक्ष्मी बाई अवॉर्ड मिला था. उन्होंने साल 2009 में ग्वांगझू (चाइना) में हुई एशियन चैंपियनशिप में रजत, साल 2011 में जापान (कोबे) में हुई एशियन चैंपियनशिप में रजत, साल 2013 में पुणे में हुई एशियन चैंपियनशिप में रजत और साल 2017 में भुवनेश्वर में हुई एशियन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था.

पद्म सम्मान पाने वाली जिले की दूसरी शख्सियत
एथलीट सुधा सिंह जिले की दूसरी ऐसी शख्सियत हैं, जिन्हें यह सम्मान मिलने वाला है. शास्त्रीय संगीत गायक उस्ताद अब्दुल राशिद खान को दो बार पद्म सम्मान प्राप्त हुए थे. सलोन के रहने वाले उस्ताद खान साहब को पहले पद्मश्री और बाद में पद्मभूषण सम्मान प्राप्त हुआ था.

रायबरेली: जिले की बेटी व अंतरराष्ट्रीय महिला खिलाड़ी सुधा सिंह को केंद्र सरकार पद्मश्री सम्मान से सम्मानित करेगी. इससे पूरे जिले में खुशी की लहर है. वह अंतरराष्ट्रीय एथलीट एवं एशियन गेम्स में गोल्ड और सिल्वर मेडल जीत चुकी हैं. खिलाड़ी के परिजनों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार किया.

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर सोमवार को केंद्र सरकार ने पद्म सम्मानों की लिस्ट घोषित की, जिसमें जिले की महिला खिलाड़ी सुधा सिंह का भी नाम शामिल है. खिलाड़ी का नाम सुनते ही जिले के अन्य खिलाड़ियों में खुशी की लहर दौड़ गई. खिलाड़ी के पिता हरि नारायण सिंह रायबरेली की आईटीआई फैक्ट्री में कार्यरत रहे. उनका परिवार शहर के शिवाजी नगर इलाके में रहता है. खिलाड़ी के छोटे भाई शहर के रतापुर स्थित एफजीआईटी में शिक्षक है. बेटी की कामयाबी पर हरि नारायण ने कहा कि भारत सरकार द्वारा बेटी दिवस के 1 दिन बाद ही दिए गए इस उपहार ने हम लोगों को गदगद कर दिया है. भाई प्रवेश नारायण सिंह ने बताया कि अपनी दीदी पर हम लोगों को पहले से ही गर्व है. भारत सरकार ने इसको कई गुना और बढ़ा दिया. यह केवल उनका सम्मान नहीं बल्कि रायबरेली और अमेठी के सभी लोगों का सम्मान है.

एशियन गेम्स में जीत चुकी हैं गोल्ड और सिल्वर मेडल
सुधा एशियन गेम्स में गोल्ड और सिल्वर मेडल जीतकर देश का नाम रोशन कर चुकी है. उन्होंने साल 2010 के एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल और साल 2018 में सिल्वर मेडल जीता था. साल 2012 और साल 2016 के ओलंपिक गेम्स में भी प्रतिभाग किया था, लेकिन पदक जीतने से चूक गई थीं. इस समय वह बेंगलुरु में ओलंपिक गेम्स की तैयारी कर रही हैं. अगले माह होने वाली मैराथन प्रतियोगिता का भी वह हिस्सा लेगी.


पहली बार साल 2010 में जीता था स्वर्ण पदक

एथलीट सुधा सिंह ने देश के लिए पहली बार ग्वांगझू में हुए एशियाड-2010 में 3000 मीटर स्टीपल चेज में स्वर्ण पदक जीता था. खेल उपलब्धियों के लिए उन्हें साल 2012 में अर्जुन अवॉर्ड और साल 2014 में रानी लक्ष्मी बाई अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है.

लखनऊ में सीखा एथलीट का ककहरा

सुधा सिंह ने लखनऊ हॉस्टल में रह कर दिग्गज कोच विमला सिंह से ट्रेनिंग ली थी. विमला सिंह को एक दिन पहले ही लखनऊ में वेटरन वर्ग में रानी लक्ष्मी बाई अवॉर्ड मिला था. उन्होंने साल 2009 में ग्वांगझू (चाइना) में हुई एशियन चैंपियनशिप में रजत, साल 2011 में जापान (कोबे) में हुई एशियन चैंपियनशिप में रजत, साल 2013 में पुणे में हुई एशियन चैंपियनशिप में रजत और साल 2017 में भुवनेश्वर में हुई एशियन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था.

पद्म सम्मान पाने वाली जिले की दूसरी शख्सियत
एथलीट सुधा सिंह जिले की दूसरी ऐसी शख्सियत हैं, जिन्हें यह सम्मान मिलने वाला है. शास्त्रीय संगीत गायक उस्ताद अब्दुल राशिद खान को दो बार पद्म सम्मान प्राप्त हुए थे. सलोन के रहने वाले उस्ताद खान साहब को पहले पद्मश्री और बाद में पद्मभूषण सम्मान प्राप्त हुआ था.

Last Updated : Jan 26, 2021, 6:28 AM IST
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