प्रयागराजः स्पेशल एमपी-एमलए कोर्ट ने बांदा जेल में बंद बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की डिस्चार्ज एप्लिकेशन उन्मोचन प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के बाद उसे खारिज कर दिया है. कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 23 अगस्त की तारीख तय की है. इसके साथ ही इसी दिन मुख्तार अंसारी को वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिए पेश होने का आदेश दिया है.
मुख्तार अंसारी के खिलाफ वाराणसी के भेलूपुर थाने में धारा 506 के तहत केस दर्ज किया गया था. बाहुबली विधायक के ऊपर 5 नवंबर 1997 की शाम को महावीर प्रसाद रूंगटा को फोन पर धमकाने का आरोप है. महावीर ने ये भी आरोप लगाया था कि मुख्तार अंसारी ने उनको परिवार समेत विस्फोटक से उड़ाने की धमकी दी गयी थी. उसने ये भी आरोप लगाया है कि उसके भाई का अपहरण जनवरी 1997 में किया गया था और सवा करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी गई थी. इसके अलावा पुलिस से शिकायत न करे और मामले की पैरवी न करने की धमकी दी थी. इस मामले में वाराणसी के भेलूपुर थाना में नवंबर 1997 में मुकदमा दर्ज करवाया गया था.
कोर्ट में सुनवाई के दौरान मुख्तार अंसारी की तरफ से उनके वकील ने जो भी तर्क दिए कोर्ट ने उसे नहीं माना और डिस्चार्ज अपील को खारिज कर दिया. कोर्ट में मुख्तार की तरफ से इस मामले में राजनैतिक रंजिश की वजह से फंसाये जाने का तर्क दिया गया. इसके साथ ही यह भी कहा गया कि इस मामले में टेलीफोन से धमकी देने का आरोप लगाया गया है और उसकी कोई पुष्टि नहीं हुई न ही मामले का कोई गवाह है. इसके साथ ही किस फोन नंबर पर धमकी दी गयी. उसका भी जिक्र शिकायत में नहीं है. इसी आधार पर मुख्तार का नाम इस केस से हटाने की अर्जी दी गयी थी. कोर्ट में सरकार की ओर से एडीजीसी राजेश गुप्ता ने तर्क प्रस्तुत किये. सरकारी अधिवक्ता के पक्ष को सुनकर स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट के जज आलोक कुमार श्रीवास्तव ने मुख्तार अंसारी के उन्मोचन प्रार्थना पत्र डिस्चार्ज एप्लिकेशन को खारिज करते हुए 23 अगस्त को सुनवाई की तारीख तय कर दी है.