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High court news: कोर्ट में जानकारी न देने पर उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक तलब - Railway General Manager summoned

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक मामले में रेलवे विभाग के कार्यवाही से संबंधित जानकारी उपलब्ध न कराने पर महाप्रबंधक एनसीआर प्रयागराज रिपोर्ट सहित तलब किया है.

High court news
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Published : Mar 16, 2023, 8:39 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा मांगी गई जानकारी उपलब्ध न कराने पर महाप्रबंधक एनसीआर प्रयागराज को रिकॉर्ड सहित 20 मार्च को तलब किया गया है. विवादित भवन की यथास्थिति जारी रखने का निर्देश भी दिया है.

कोर्ट ने कहा कि मामला कानपुर नगर का है लेकिन जवाबदेह दोनों अधिकारियों का मुख्यालय प्रयागराज में है. कोर्ट ने याची को अंतरिम राहत देते हुए रेलवे अधिवक्ता से जानकारी उपलब्ध कराने को कहा था. लेकिन 6 हफ्ते बीत जाने के बाद भी रेलवे द्वारा कोई जानकारी अपने अधिवक्ता को नहीं दी गई. जिसे कोर्ट ने दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए महाप्रबंधक को हाजिर होने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने राधेश्याम गुप्ता (मृतक) व अन्य की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है.

उल्लेखनीय है कि याची ने सिविल वाद दायर किया था. जिसमें उसमें दाखिल अर्जी निरस्त कर दी गई. इस पर याची ने दोबारा अपील दाखिल की. कोर्ट ने 2008 में ही यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया, अन्यथा भवन ध्वस्त कर दिया गया होता. याची की अपील 29 अप्रैल 15 को अदम पैरवी में खारिज हो गई थी. लेकिन अदालत ने 14 अगस्त 18 को अपना यह आदेश वापस ले लिया था.

इसी मामले में रेलवे की कार्यवाही के खिलाफ यह याचिका दायर की गई है. हाई कोर्ट ने भारत सरकार के अधिवक्ता से 31 जनवरी 23 को जानकारी मांगी और यथास्थिति कायम रखने का आदेश दिया. लेकिन प्रयागराज में ही कार्यालय होने के बावजूद जानकारी मुहैया नहीं कराई गई, जिसे कोर्ट ने गंभीरता से लिया है. अब याचिका की सुनवाई 20 मार्च को होगी.

यह भी पढ़ें:Court News: नाबालिग की पहचान उजागर करने के मामले में कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर को किया तलब

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा मांगी गई जानकारी उपलब्ध न कराने पर महाप्रबंधक एनसीआर प्रयागराज को रिकॉर्ड सहित 20 मार्च को तलब किया गया है. विवादित भवन की यथास्थिति जारी रखने का निर्देश भी दिया है.

कोर्ट ने कहा कि मामला कानपुर नगर का है लेकिन जवाबदेह दोनों अधिकारियों का मुख्यालय प्रयागराज में है. कोर्ट ने याची को अंतरिम राहत देते हुए रेलवे अधिवक्ता से जानकारी उपलब्ध कराने को कहा था. लेकिन 6 हफ्ते बीत जाने के बाद भी रेलवे द्वारा कोई जानकारी अपने अधिवक्ता को नहीं दी गई. जिसे कोर्ट ने दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए महाप्रबंधक को हाजिर होने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने राधेश्याम गुप्ता (मृतक) व अन्य की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है.

उल्लेखनीय है कि याची ने सिविल वाद दायर किया था. जिसमें उसमें दाखिल अर्जी निरस्त कर दी गई. इस पर याची ने दोबारा अपील दाखिल की. कोर्ट ने 2008 में ही यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया, अन्यथा भवन ध्वस्त कर दिया गया होता. याची की अपील 29 अप्रैल 15 को अदम पैरवी में खारिज हो गई थी. लेकिन अदालत ने 14 अगस्त 18 को अपना यह आदेश वापस ले लिया था.

इसी मामले में रेलवे की कार्यवाही के खिलाफ यह याचिका दायर की गई है. हाई कोर्ट ने भारत सरकार के अधिवक्ता से 31 जनवरी 23 को जानकारी मांगी और यथास्थिति कायम रखने का आदेश दिया. लेकिन प्रयागराज में ही कार्यालय होने के बावजूद जानकारी मुहैया नहीं कराई गई, जिसे कोर्ट ने गंभीरता से लिया है. अब याचिका की सुनवाई 20 मार्च को होगी.

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