प्रयागराज: प्रदेश सरकार में दो बार मंत्री और चार बार विधायक रहे और बुंदेलखंड के गांधी कहे जाने वाले जमुना प्रसाद बोस की अस्थियां शनिवार को संगम में विसर्जित की गईं . उनके छोटे सुपुत्र शैलेश बोस ने संगम आकर तीर्थ पुरोहित ‘दाई पंडा‘ के परिजनों द्वारा पिण्डदान कराया और परम्परा के अनुसार अस्थि विसर्जन किया.
बुंदेलखंड के गांधीवादी नेता और समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के करीबी रहे पूर्व मंत्री जमुना प्रसाद बोस का निधन 7 सितंबर को लखनऊ में कोरोना के चलते हो गया था. बांदा जनपद निवासी 95 वर्षीय स्व. जमुना प्रसाद बोस अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज में सिपाही थे. इसी के चलते उनके नाम के आगे बोस उपनाम जुड़ गया था.
1974 में सोशलिस्ट पार्टी से पहली बार विधायक बने जमुना प्रसाद बोस ने मुख्यमंत्री राम नरेश यादव के मंत्रिमंडल में पंचायती राज मंत्री बने. इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के मंत्रिमंडल में पशुपालन एवं मत्स्य विभाग के मंत्री रहे. स्व. बोस कुल चार बार विधायक रह चुके थे.
समाजवादी पार्टी के जिला प्रवक्ता दान बहादुर मधुर ने जानकारी देते हुए बताया कि समाजवादी मूल्यों के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन अर्पित करने वाले स्व. बोस ने सार्वजनिक जीवन में कर्मठता, ईमानदारी, सादगी की मिशाल पेश की. उनका परिवार बांदा जनपद के खिन्नी नाका मोहल्ले में आज भी किराए के मकान में रहता है.
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अस्थि विसर्जन के दौरान स्थानीय सपा जिलाध्यक्ष योगेश चन्द्र यादव, महानगर अध्यक्ष सैयद इफ्तेख़ार हुसैन, डॉ. निर्भय सिंह पटेल, जिला प्रवक्ता दान बहादुर मधुर, जिला उपाध्यक्ष गण राम सुमेर पाल, अनिल कुमार यादव, दूध नाथ पटेल, रवींद्र यादव एडवोकेट आदि सपा नेता मौजूद रहे.