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प्रयागराज: खुली अदालत में सुनवाई के लिए गाइडलाइन जारी - मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लॉकडाउन के दौरान खुली अदालत में सुनवाई के लिए गाइडलाइन जारी की है. गाइनलाइन में कोर्ट परिसर में सावधानी बरतने के लिए जरूरी निर्देश दिए गए हैं.

प्रयागराज समाचार.
कोर्ट.
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Published : May 6, 2020, 10:11 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट प्रशासन ने 8 मई से खुली अदालतों में मुकदमों के सुनवाई के लिए गाइडलाइन जारी की है. गाइडलाइन में कहा गया है कि जरूरी न्यूनतम स्टाफ के साथ काम होगा. फाइलें अनुभागों से सैनिटाइज करने के बाद ही कोर्ट रूम में भेजी जाएंगी.

गाइडलाइन में कहा गया कि गेट नंबर 4 और 5 में मुकदमों की रिपोर्टिंग एवं दाखिले किये जा सकेंगे. गेट नंबर 3 ए पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए भी बहस का इंतजाम किया गया है. खुली अदालत में सुनवाई की व्यवस्था की गयी है. अदालतें नए भवन में बैठेंगी. साथ ही 30 कोर्ट में अदालत चलाने और वकीलों के बैठने की व्यवस्था की गयी है.

रेड जोन में रहने वाले अधिवक्ता कोर्ट नहीं आएंगे

अधिवक्ता गेट नंबर 1 से परिसर में प्रवेश करेंगे. जिन अधिवक्ताओं के मुकदमे कोर्ट में लगे होंगे, न्यायालय प्रशासन द्वारा उन्हें ई-पास जारी किया जाएगा. ई-पास धारक अधिवक्ता को ही परिसर में प्रवेश की अनुमति दी जायेगी. गाइडलाइन में स्पष्ट किया गया है कि 65 वर्ष से अधिक आयु के अधिवक्ता एवं रेड जोन में रहने वाले अधिवक्ता अपने घरों में रहें. उन्हें न्यायालय आने की आवश्यकता नहीं है. न्यायालय में प्रवेश द्वार पर सैनिटाइजेशन और थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गई है. अधिवक्ताओं को कोट और गाउन नहीं पहनना है. केवल पैंट शर्ट पहनकर आना है.

न्यायालय परिसर के भीतर स्थित अधिवक्ताओं के चैंबर बंद रहेंगे. जजों के चैंबर और उनके कॉरिडोर में अधिवक्ता नहीं जा सकेगे. सभी वकील और स्टाफ मास्क और ग्लव्स पहनकर ही कोर्ट परिसर में आएंगे. एक न्याय कक्ष में 6 से अधिक वकीलों को प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी. बहस करने के बाद अधिवक्ता कोर्ट से बाहर चले जाएंगे. सभी से परिसर के भीतर और बाहर शारीरिक दूरी बनाए रखने का अनुरोध किया गया है. परिसर में थूकना, शराब पीकर आना, पान, गुटखा और तंबाकू खाना प्रतिबंधित कर दिया गया है. यह दंडनीय अपराध माना गया है. सभी से अनुरोध किया गया है कि वे भीड़ से बचें.

न्यायालय परिसर के पास नहीं खुलेंगी दुकानें

कोर्ट में वादकारी को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जायेगी. न्यायालय परिसर के आस-पास दुकान खोलने पर भी रोक लगा दी गई है. अधिवक्ताओं से यह भी अनुरोध किया गया है कि वाहन की पार्किंग दूरी बनाकर करें. केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों का अनुपालन किया जाए.

इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में 8 मई से कोर्ट खोलने के फैसले को स्थगित कर दिया है. यह कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए किया गया है.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट प्रशासन ने 8 मई से खुली अदालतों में मुकदमों के सुनवाई के लिए गाइडलाइन जारी की है. गाइडलाइन में कहा गया है कि जरूरी न्यूनतम स्टाफ के साथ काम होगा. फाइलें अनुभागों से सैनिटाइज करने के बाद ही कोर्ट रूम में भेजी जाएंगी.

गाइडलाइन में कहा गया कि गेट नंबर 4 और 5 में मुकदमों की रिपोर्टिंग एवं दाखिले किये जा सकेंगे. गेट नंबर 3 ए पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए भी बहस का इंतजाम किया गया है. खुली अदालत में सुनवाई की व्यवस्था की गयी है. अदालतें नए भवन में बैठेंगी. साथ ही 30 कोर्ट में अदालत चलाने और वकीलों के बैठने की व्यवस्था की गयी है.

रेड जोन में रहने वाले अधिवक्ता कोर्ट नहीं आएंगे

अधिवक्ता गेट नंबर 1 से परिसर में प्रवेश करेंगे. जिन अधिवक्ताओं के मुकदमे कोर्ट में लगे होंगे, न्यायालय प्रशासन द्वारा उन्हें ई-पास जारी किया जाएगा. ई-पास धारक अधिवक्ता को ही परिसर में प्रवेश की अनुमति दी जायेगी. गाइडलाइन में स्पष्ट किया गया है कि 65 वर्ष से अधिक आयु के अधिवक्ता एवं रेड जोन में रहने वाले अधिवक्ता अपने घरों में रहें. उन्हें न्यायालय आने की आवश्यकता नहीं है. न्यायालय में प्रवेश द्वार पर सैनिटाइजेशन और थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गई है. अधिवक्ताओं को कोट और गाउन नहीं पहनना है. केवल पैंट शर्ट पहनकर आना है.

न्यायालय परिसर के भीतर स्थित अधिवक्ताओं के चैंबर बंद रहेंगे. जजों के चैंबर और उनके कॉरिडोर में अधिवक्ता नहीं जा सकेगे. सभी वकील और स्टाफ मास्क और ग्लव्स पहनकर ही कोर्ट परिसर में आएंगे. एक न्याय कक्ष में 6 से अधिक वकीलों को प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी. बहस करने के बाद अधिवक्ता कोर्ट से बाहर चले जाएंगे. सभी से परिसर के भीतर और बाहर शारीरिक दूरी बनाए रखने का अनुरोध किया गया है. परिसर में थूकना, शराब पीकर आना, पान, गुटखा और तंबाकू खाना प्रतिबंधित कर दिया गया है. यह दंडनीय अपराध माना गया है. सभी से अनुरोध किया गया है कि वे भीड़ से बचें.

न्यायालय परिसर के पास नहीं खुलेंगी दुकानें

कोर्ट में वादकारी को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जायेगी. न्यायालय परिसर के आस-पास दुकान खोलने पर भी रोक लगा दी गई है. अधिवक्ताओं से यह भी अनुरोध किया गया है कि वाहन की पार्किंग दूरी बनाकर करें. केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों का अनुपालन किया जाए.

इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में 8 मई से कोर्ट खोलने के फैसले को स्थगित कर दिया है. यह कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए किया गया है.

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