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प्रयागराज में कांग्रेसियों ने मनाई फिरोज गांधी की 60वीं पुण्यतिथि, पर सूनी रही मजार

कांग्रेस के पूर्व सांसद और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पति फिरोज गांधी की मंगलवार को साठवीं पुण्यतिथि मनाई गई. फिरोज गांधी की पुण्यतिथि पर गांधी परिवार की बेरुखी से कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में मायूसी दिखी. प्रयागराज स्थित पारसी कब्रिस्तान में उनकी मजार पर मुट्ठीभर कांग्रेसी पहुंचे.

फिरोज गांधी की मंगलवार को साठवीं पुण्यतिथि मनाई गई
फिरोज गांधी की मंगलवार को साठवीं पुण्यतिथि मनाई गई
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Published : Sep 8, 2020, 9:36 PM IST

Updated : Sep 8, 2020, 10:53 PM IST

प्रयागराज: जिले में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पति फिरोज़ गांधी की मंगलवार को 60वीं पुण्यतिथि मनाई गई. इस मौके पर प्रयागराज में उनकी कब्र पर एक बार फिर मायूसी और उपेक्षा दिखी. फिरोज़ गांधी को श्रद्धांजलि देने शहर के चंद कांग्रेस कार्यकर्ता ही जुटे. शहर से कांग्रेस के किसी पदाधिकारी या बड़े नेता ने मज़ार पर पहुंचने की जहमत नहीं उठाई.

फिरोज गांधी की मंगलवार को साठवीं पुण्यतिथि मनाई गई
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कब्रिस्तान में खुलकर न सिर्फ अपने नेताओं पर बल्कि गांधी परिवार पर नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि सरकारों और विपक्षी दलों की बात तो दूर खुद फिरोज़ गांधी के पोते राहुल गांधी, पोती प्रियंका और बहू सोनिया गांधी प्रयागराज आकर भी फिरोज़ गांधी की कब्र पर दो फूल चढ़ाने नहीं आते हैं. गांधी परिवार के सदस्य आनंद भवन में आकर रुकते हैं. आनंद भवन की दूरी इस कब्रिस्तान से महज़ 3 किलोमीटर है.

एक भावुक कांग्रेसी कार्यकर्ता का तो कहना है कि ऐसे में जब पितृपक्ष चल रहा है लोग अपने पुरखों को जल अर्पित कर रहे हैं, उनका श्राद्ध कर रहे हैं, ऐसे में राहुल और प्रियंका देश भर में घूमते हैं, लेकिन अपने दादा को श्रद्धांजलि देने यहां नहीं आते हैं. उनकी कब्र और कब्रिस्तान की दुर्दशा के बारे में नहीं सोचते हैं. कुछ कार्यकर्ताओं का कहना है कि वो प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार को पत्र लिखेंगे कि वह इस पारसी कब्रिस्तान का रख रखाव और सौंदर्यीकरण करवाएं.

प्रयागराज: जिले में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पति फिरोज़ गांधी की मंगलवार को 60वीं पुण्यतिथि मनाई गई. इस मौके पर प्रयागराज में उनकी कब्र पर एक बार फिर मायूसी और उपेक्षा दिखी. फिरोज़ गांधी को श्रद्धांजलि देने शहर के चंद कांग्रेस कार्यकर्ता ही जुटे. शहर से कांग्रेस के किसी पदाधिकारी या बड़े नेता ने मज़ार पर पहुंचने की जहमत नहीं उठाई.

फिरोज गांधी की मंगलवार को साठवीं पुण्यतिथि मनाई गई
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कब्रिस्तान में खुलकर न सिर्फ अपने नेताओं पर बल्कि गांधी परिवार पर नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि सरकारों और विपक्षी दलों की बात तो दूर खुद फिरोज़ गांधी के पोते राहुल गांधी, पोती प्रियंका और बहू सोनिया गांधी प्रयागराज आकर भी फिरोज़ गांधी की कब्र पर दो फूल चढ़ाने नहीं आते हैं. गांधी परिवार के सदस्य आनंद भवन में आकर रुकते हैं. आनंद भवन की दूरी इस कब्रिस्तान से महज़ 3 किलोमीटर है.

एक भावुक कांग्रेसी कार्यकर्ता का तो कहना है कि ऐसे में जब पितृपक्ष चल रहा है लोग अपने पुरखों को जल अर्पित कर रहे हैं, उनका श्राद्ध कर रहे हैं, ऐसे में राहुल और प्रियंका देश भर में घूमते हैं, लेकिन अपने दादा को श्रद्धांजलि देने यहां नहीं आते हैं. उनकी कब्र और कब्रिस्तान की दुर्दशा के बारे में नहीं सोचते हैं. कुछ कार्यकर्ताओं का कहना है कि वो प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार को पत्र लिखेंगे कि वह इस पारसी कब्रिस्तान का रख रखाव और सौंदर्यीकरण करवाएं.

Last Updated : Sep 8, 2020, 10:53 PM IST
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