प्रयागराज: कोरोना की दूसरी लहर में जब मरीजों को बेड की कमी हुई, तो सरकार ने निजी अस्पतालों में भी एल-2 लेवल के इलाज की सुविधा दी. उस वक्त प्रयागराज के सृजन वात्सल्य अस्पताल में डॉ. बीबी अग्रवाल, उनकी पत्नी और दो बेटियों के साथ उनके एक दामाद ने मिलकर लोगों को कोरोना से जंग जिताने में मदद की. इस अस्पताल में डेढ़ महीने के समय में 100 से ज्यादा कोरोना संक्रमितों को स्वस्थ करके घर भेजा गया. इस दौरान डॉक्टर के परिवार के पांच सदस्यों ने अस्पताल कर्मियों संग मिलकर दिन रात मरीजों की सेवा की.
तीसरी लहर को देखते हुए बच्चों की कैसे करें सुरक्षा
प्राइवेट हॉस्पिटल के संचालक डॉ. बीबी अग्रवाल शहर में बच्चों के विशेषज्ञ डॉक्टरों में से एक हैं. उनका कहना है कि कोरोना की जिस तीसरी लहर के आने की संभावना है, उसमें सबसे ज्यादा प्रभावित बच्चे हो सकते हैं. इसलिए हमें अपने घरों में 18 साल से कम उम्र के सभी बच्चों की बेहतर देखभाल करने की जरूरत है, क्योंकि बुजुर्गों और युवाओं तक को कोरोना शिकार बना चुका है और ये लोग वैक्सीन भी लगवा रहे हैं. ऐसे में देश में यदि तीसरी लहर आई तो उसके लिए बच्चे सबसे आसान निशाना होंगे. यही वजह है कि हर मां बाप को छोटे बच्चों का खास ध्यान रखना होगा. जिससे कि उन्हें किसी तरह की तकलीफ हो तो परिजनों को समय से पता चल सके. मासूम बच्चों में भी कोरोना के वहीं लक्षण मिलेंगे, जो बड़ों में मिलते हैं. जैसे की खांसी, सर्दी, ज़ुखाम, बुखार के अलावा उल्टी दस्त भी बच्चों में हो सकते हैं.
बच्चों की देखभाल के साथ खानपान रखना होगा बेहतर
तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए बच्चों को भरपूर पौष्टिक तत्वों वाला आहार देना चाहिए. दूध के साथ फल, सब्जियां, प्रोटीन युक्त भोजन कराने की आदत अभी से विकसित करें. जिससे बच्चे खाना के जरिये ही अपनी इम्युनिटी को मजबूत बनाये रखें. उन्हें किसी तरह के इम्युनिटी बूस्टर दवाओं की जरूरत ही न पड़े. बिना किसी जरूरी वजह के बच्चों को घर से बाहर न निकलने दें. बाहरी व्यक्ति के पास जाने से पहले बच्चों को मास्क, हैंड ग्लव्स के बीना न जाने दें.
गर्भवती महिलाओं को देना चाहिए खास ध्यान
पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर में गर्भवती महिलाएं भी कोरोना से ज्यादा संक्रमित हुई हैं. ऐसे में गर्भवती महिलाओं को अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है. स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मेहा अग्रवाल का कहना है कि आम लोगों के मुकाबले गर्भवती महिलाएं कोरोना से जल्दी संक्रमित हो जाती हैं. क्योंकि उनकी इम्युनिटी कमजोर रहती है. इस वजह से ऐसी महिलाओं को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है.
गर्भवती महिलाओं को नहीं करना पड़ता है इंतजार
डॉ. मेहा अग्रवाल का कहना है कि जो भी गर्भवती महिलाएं उन्हें दिखाने के लिए आती हैं, उनको समय देकर बुलाया जाता है. जिससे ज्यादा वक्त तक उन्हें अस्पताल में न रुकना पड़े. मरीज को अपने एक परिजन के साथ अस्पताल में बुलाया जाता है. मरीज डॉक्टर को दिखाकर तुरंत ही वापस चली जाती हैं, जिससे उन्हें ज्यादा वक्त घर के बाहर किसी के संपर्क में न रहना पड़े. डॉ. मेहा गर्भवती महिलाओं से अपील भी करती हैं कि घर का जो भी सदस्य बाहर जाता है, वह उनसे दूरी बनाकर रहें. बिना मास्क लगाए ऐसे लोगों से मिलने से बचें.
गर्भवती महिलाओं के लिए दिया है हेल्पलाइन नंबर
डॉ. मेहा अग्रवाल ने अपने मरीजों को एक हेल्पलाइन नंबर भी दिया है. इस पर कॉल करके वो किसी भी वक्त अपनी परेशानी बता सकती हैं. इसके साथ ही उसी नंबर पर बात करके महिलाओं की मामूली तकलीफों का इलाज भी बता दिया जाता है. जिससे बिना वह उन्हें अस्पताल न आना पड़े. इसके साथ ही सभी मरीजों को खानपान का विशेष ध्यान रखने को बताया जाता है. क्योंकि स्वस्थ रहकर और मजबूत इम्युनिटी के जरिये ही गर्भवती महिलाएं कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रह सकती हैं.
कोरोना संक्रमित मां बच्चे को करा सकती हैं स्तनपान
डॉ. मेहा अग्रवाल का कहना है कि बहुत सी कोरोना संक्रमित हुई महिलाएं तमाम भ्रांतियों की वजह से छोटे बच्चों को दूध पिलाना बंद कर देती हैं. लेकिन ऐसा नहीं कि मां का दूध पीने से बच्चे को कोई परेशानी होगी. इसलिए छोटे बच्चों को पूरी सावधानी के साथ मास्क और ग्लव्स पहनकर महिलाएं दूध पिलाएं. क्योंकि नौनिहाल छोटे बच्चों का सम्पूर्ण भोजन मां के दूध से ही मिलता है. इसलिए संक्रमित हुई माताएं अपने बच्चों को सावधानी के साथ स्तनपान कराएं. इससे उनके बच्चों को कोई दिक्कत नहीं होगी.