प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व ब्लॉक प्रमुख दिलीप मिश्र के माया देवी स्मारक शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान नैनी प्रयागराज के ध्वस्तीकरण पर रोक बरकरार रखी है. कोर्ट ने संस्थान से कहा है कि वह 48 घंटे में सक्षम प्राधिकारी को कंपाउंडिंग के लिए अर्जी दें और प्राधिकारी एक हफ्ते में नियमानुसार विचार कर आदेश पारित करें.
कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि केवल उन्हीं की कंपाउंडिंग की जाए, जिनकी जमीन पर निर्माण बाईलाज व मास्टर प्लान में कंपाउंडिंग किये जाने योग्य हो. याचिका की अगली सुनवाई 15 दिसंबर को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्र ने संस्थान की याचिका पर दिया है.
याची अधिवक्ता लोकेश कुमार द्विवेदी का कहना है कि याची के विद्यालय में 679 छात्र पढ़ रहे हैं. ध्वस्तीकरण आदेश के खिलाफ अपील जिस दिन तय की, उसी दिन शाम को ध्वस्तीकरण टीम पहुंच गई. याची को सुनवाई का मौका तक नहीं दिया गया. इस पर कोर्ट ने ध्वस्तीकरण पर रोक लगा दी है और पीडीए (प्रयागराज विकास प्राधिकरण) से जवाब मांगा है.
वहीं याची का कहना है कि उसने कंपाउंडिंग की अर्जी दी है, लेकिन उस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है, जबकि पीडीए का कहना है कि याची का संस्थान ग्रीन बेल्ट में है, जिसकी कंपाउंडिंग नहीं की जा सकती. इसके जवाब में याची ने कहा कि बिना कंपाउंडिंग के तमाम निर्माण एरिया में धड़ल्ले से जारी हैं. पीडीए केवल याची के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है. कोर्ट ने इस मुद्दे पर विचार करने से इनकार कर दिया और कहा कि याची की अर्जी पर निर्णय लिया जाए. याचिका की सुनवाई 15 दिसंबर को होगी.
सेक्स रैकेट चलाने वाली महिला का नाम उजागर करने की कोर्ट ने की निंदा
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कानपुर नगर में सेक्स रैकेट की शिकायत पर पुलिस को जांच करने की छूट दी है, लेकिन एक महिला पर निराधार आरोपों के साथ जनहित याचिका दाखिल करने वाले शिवराम की निंदा की है. कोर्ट ने कहा कि याचिका में तमाम महिलाओं की सेक्स रैकेट की जांच कर कार्रवाई की मांग की गई है और एक आरोपी महिला को बिना पक्षकार बनाये टारगेट किया गया है. महिला का नाम उजागर न करने के कानून के विपरीत अनर्गल आरोप लगा नाम का खुलासा किया गया है. कोर्ट ने इसे निंदनीय करार दिया है और याचिका खारिज कर दी है.
यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायाधीश पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने शिवराम की जनहित याचिका पर दिया है. याची ने महिला के खिलाफ पुलिस को सेक्स रैकेट चलाने की शिकायत की है. उसका कहना है कि उसके पास वीडियो और ऑडियो कैसेट भी हैं. फिर भी पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि पुलिस जरूरी समझे तो जांच करे.