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कोर्ट ने प्रेमिका को बदनाम और धमकाने वाले प्रेमी की जमानत की खारिज

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रेम संबंध टूट जाने के बाद प्रेमिका को बदनाम करने की नीयत से आपसी संबंधों के अश्लील चित्र फेसबुक पर डालकर धमकाने वाले प्रेमी की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. साथ ही कहा है कि याची ने गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी देकर फेसबुक पोस्ट मे अपराध की सीमा लांघी, ऐसा आचरण समाज विरोधी क्रियाकलाप हैं.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Jul 3, 2021, 5:33 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रेम संबंध टूट जाने के बाद प्रेमिका को बदनाम करने की नीयत से आपसी संबंधो के अश्लील चित्र फेसबुक पर डालकर धमकाने वाले प्रेमी की जमानत अर्जी खारिज कर दी है.

कोर्ट ने सीजेएम प्रयागराज या संबंधित मजिस्ट्रेट को यदि आरोप निर्मित न किया हो तो तत्काल संज्ञान लेने व छः माह में ट्रायल पूरा करने का निर्देश दिया है, और जिला जज से सुनवाई पूरी करने की सभी सुविधाएं मुहैया कराने को कहा है. यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने मानव शर्मा उर्फ मनीष शर्मा की अर्जी पर दिया है.

दुराचार और सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट डालने और दुराचार के आरोपी, याची का कहना था कि दोनों के लंबे रिश्ते रहे हैं. जब वह उच्च शिक्षा के लिए रूस चली गई तो रिश्ते खत्म कर लिए. याची अपने को बेगुनाह बता रहा है. दुराचार का आरोप निराधार है. उसने फेसबुक पर कोई अश्लील फोटो नहीं डाली है. उसे जमानत पर रिहा किया जाय.

वहीं, कोर्ट ने एसएचओ धूमनगंज को केस डायरी के साथ तलब किया, तो आरोप के साक्ष्य केस डायरी मे पाये गये. धमकी देते वीडियो के साथ सीडी भी है. फेसबुक पर डाली फोटोग्राफ भी मिली है. याची इस हद तक आगे बढ़ गया कि उसे पता ही नहीं चला कि वह अपराध की सीमा मे प्रवेश कर गया है. जो समाज के लिए सही नहीं है. फिलहाल, कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज कर दी है.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रेम संबंध टूट जाने के बाद प्रेमिका को बदनाम करने की नीयत से आपसी संबंधो के अश्लील चित्र फेसबुक पर डालकर धमकाने वाले प्रेमी की जमानत अर्जी खारिज कर दी है.

कोर्ट ने सीजेएम प्रयागराज या संबंधित मजिस्ट्रेट को यदि आरोप निर्मित न किया हो तो तत्काल संज्ञान लेने व छः माह में ट्रायल पूरा करने का निर्देश दिया है, और जिला जज से सुनवाई पूरी करने की सभी सुविधाएं मुहैया कराने को कहा है. यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने मानव शर्मा उर्फ मनीष शर्मा की अर्जी पर दिया है.

दुराचार और सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट डालने और दुराचार के आरोपी, याची का कहना था कि दोनों के लंबे रिश्ते रहे हैं. जब वह उच्च शिक्षा के लिए रूस चली गई तो रिश्ते खत्म कर लिए. याची अपने को बेगुनाह बता रहा है. दुराचार का आरोप निराधार है. उसने फेसबुक पर कोई अश्लील फोटो नहीं डाली है. उसे जमानत पर रिहा किया जाय.

वहीं, कोर्ट ने एसएचओ धूमनगंज को केस डायरी के साथ तलब किया, तो आरोप के साक्ष्य केस डायरी मे पाये गये. धमकी देते वीडियो के साथ सीडी भी है. फेसबुक पर डाली फोटोग्राफ भी मिली है. याची इस हद तक आगे बढ़ गया कि उसे पता ही नहीं चला कि वह अपराध की सीमा मे प्रवेश कर गया है. जो समाज के लिए सही नहीं है. फिलहाल, कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज कर दी है.

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