प्रतापगढ़: कोरोना संक्रमण के चलते देश भर में लॉकडाउन के बाद भी परदेसियों का आना जारी है. तीन दिन पहले मुंबई से स्कूटी से निकला एक परिवार प्रतापगढ़ पहुंचा. पुलिस ने अमेठी प्रतापगढ़ सीमा पर रोक कर पूछताछ की. इस दौरान उसने मुंबई से गोंडा के संघर्ष की पूरी कहानी बताई और पुलिस के सामने सब रोने लगे. दर्दभरी कहानी सुनकर पुलिसकर्मियों की आंखें नम हो गईं. उन्होंने उनके खाने-पीने का इंतजाम किया और जाने दिया.
गोंडा जिले के धानेपुर ग्रामसभा के सुनील पांडेय मुंबई में एक प्राईवेट कंपनी में काम करता हैं. वह पत्नी अनीता,6 साल के बेटे आदर्श और 5 साल की बेटी संध्या के साथ मुंबई में रहता था. लॉक डाउन के कारण कंपनी बंद हो गई. कुछ दिन जैसे तैसे बिताए,उसके बाद पैसे की तंगी के साथ राशन भी खत्म होने लगा.बच्चों की हालत देख उसने अपने जिला गोंडा जाने का निर्णय लिया. मुंबई में उसने बहुत कोशिश की, लेकिन पास नहीं बनवा सका.
अंत में उसने यह सफर स्कूटी से तय करने का मन बनाया. 21 अप्रैल की सुबह वह पत्नी और बच्चों के साथ मुंबई से निकल पड़ा. रास्ते में जगह-जगह पुलिस के बैरियर मिले. पुलिस को अपनी समस्या बताते हुए वह आगे बढ़ता रहा. गुरुवार की शाम कोहड़ौर बाजार के पास अमेठी जिले के बॉर्डर पर पुलिस ने रोक लिया, लेकिन इस परिवार की दर्दभरी कहानी सुनकर पुलिसकर्मियों ने इन्हें जाने दिया.