प्रतापगढ़: जिला महिला अस्पताल में भर्ती मरीजों के पौष्टिक आहार पर डाका पड़ता दिखाई दे रहा है. 100 बेड के महिला अस्पताल में सर्जरी के बाद भर्ती प्रसूताओं का पौष्टिक नाश्ता अस्पताल प्रशासन की मिलीभगत से ठेकेदार डकार रहे हैं. प्रसूताओं की नास्ते की प्लेट से दूध, फल, अंडा और दलिया गायब है. इसकी जगह उन्हें प्रतिदिन सिर्फ हलवा दिया जा रहा है.
हैरानी इस बात की है, कि तैनात वार्डन को भी वार्डों की अव्यवस्थाओं की जानकारी नहीं है. अस्पताल प्रशासन और सीएमएस की मिली भगत से सरकारी धन के बंदरबांट का खेल जारी है. एक तरफ लोग कोरोना के डर से घरों में कैद हैं, तो वहीं मुनाफाखोर इस माहौल का फायदा उठाने में जुटे हुए हैं.
जौनपुर की फर्म को दिया गया ठेका
जिला महिला अस्पताल के सर्जिकल वार्डो के साथ ही खाली पड़े आयुष्मान वार्ड में सर्जरी के बाद प्रसूताओं को भर्ती किया गया है, जिनके लिए नाश्ते और खाने का सरकार की तरफ से इंतजाम किया गया है. इसके लिए जौनपुर जनपद की एक फर्म को टेंडर देकर उपकृत किया गया है.
शासन की मंशा पर फिर रहा पानी
यह फर्म प्रसूताओं को प्रतिदिन सुबह नाश्ते में हलवा दे रही है तो दोपहर शाम को खाने के लिए भोजन में रोटी, चावल, दाल और सब्जी दी जा रही है. जबकि शासन की गाइड लाइन के मुताबिक सुबह 7 बजे नाश्ते में 200 ग्राम दूध के साथ 2 अंडा या दलिया या पोहा या चार पीस ब्रेड के 10 ग्राम मक्खन देने का प्रावधान है.
वहीं दोपहर के भोजन में 4 रोटी, दाल, मौसमी सब्जी, चावल, सलाद या दही है. रात्रि के भोजन में चार रोटी, सब्जी, चावल एवं मौसमी फल या एक गिलास दूध देने का प्रावधान है. मरीजों से बात करने पर पता चला कि असली मक्खन तो ठेकेदार और अस्पताल प्रशासन निगल जा रहा है.
वार्डन को भी नहीं मामले है जानकारी
इस पूरे मामले में जांच की जिम्मेदारी संभालने वाली वार्डन का कहना है, कि सुबह बदल-बदल कर नाश्ता दिया जाता था. उन्हें भी नहीं पता कि क्या मिल रहा है. वहीं इस मामले में सीएमएस डॉ. रीना प्रसाद से भी बात करने की कोशिश की गई तो वो ऑपरेशन में व्यस्त थीं.
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सीएमओ ने जांच का दिया भरोसा
इस बाबत जब सीएमओ अरविंद श्रीवास्तव से बात की गई तो उनका कहना था, कि ईटीवी भारत के जरिए मामला संज्ञान में आया है, इसकी जांच कराने के बाद कार्रवाई की जाएगी.