प्रतापगढ़: वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने गलवान घाटी में चीनी हरकत को उसकी आदतन धोखेबाजी करार देते हुए इसे जेनेवा कन्वेंशन का खुला उल्लंघन बताया है. प्रमोद तिवारी ने कहा कि भारत को चीन के साथ किसी भी प्रकार के आयात के रिश्ते बहाल नहीं करने चाहिए. उन्होंने गलवान में शहीद हुए जवानों की शहादत को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक बयान पर निशाना साधते हुए कहा कि पीएम को यह समझना चाहिए कि सैनिक मरते नहीं, बल्कि शहीद हुआ करते हैं. सैनिकों की शहादत सदैव अमर रहा करती है.
इस दौरान कांग्रेस नेता ने पूछा कि जब पुलवामा में सीआरपीएफ के जवान शहीद हुए, तब तो प्रधानमंत्री ने दिल्ली एयरपोर्ट पर जाकर उनके उन्हें श्रद्धांजलि दी. लेकिन आज जब भारतीय सेना के कर्नल समेत 20 जवान शहीद हुए, तो पीएम ने दिल्ली एयरपोर्ट पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि क्यों नहीं दी.
प्रमोद तिवारी ने यह भी कहा कि शहीद होने वाले इन जवानों के पार्थिव शरीर लद्दाख से दिल्ली होते हुए ही आए. पीएम को ऐसा क्यों नहीं महसूस हुआ कि वह देशवासियों का प्रतिनिधित्व करते हुए उन्हें पुष्पांजलि अर्पित करें. प्रधानमंत्री ने शहीदों के पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित नहीं करके उनका अपमान किया है.
वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी यही नहीं रुके उन्होंने पीएम पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिपनिंग की भारत यात्रा के दौरान उन्हें चीन से सीधे गुजरात के अहमदाबाद ले गए और जनता से जिन्दाबाद के नारे लगवाए. मोदी को उस समय यह याद रखना चाहिए था कि 1962 में पंडित जवाहर लाल नेहरू और देश के साथ चीन ने जो धोखे किया था, उसकी पीड़ा कैसे भुलाई जा सकती थी. साथ ही प्रमोद तिवारी ने लेह के अस्पताल में भर्ती 18 अन्य जवानों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की.