पीलीभीतः कृषि कानूनों (Farm law) के खिलाफ बीते सात महीने से दिल्ली बार्डर पर धरनारत भारतीय किसान यूनियन अब यूपी चुनाव में सरकार के खिलाफ मौर्चा खोलने की तैयारी में हैं. भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh tikait) ने पीलीभीत में ईटीवी से खास बातचीत में कहा कि बंगाल चुनाव की तरह ही उत्तर प्रदेश में भी बीजेपी को दवाई देने का काम करेंगे.
राकेश टिकैत ने कहा कि बंगाल चुनाव में भारतीय किसान यूनियन (Bhartiya kisan union) ने बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाने का काम किया. परिणाम में बीजेपी की हार हुई. इसी तरह उत्तर प्रदेश में भी मौजूदा सरकार के खिलाफ माहौल बनाने का काम करेंगे. हालांकि राकेश टिकैत यूपी विधानसभा चुनाव में सीधे चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि भारतीय किसान यूनियन न तो चुनाव लड़ेगी और न ही किसी दूसरी पार्टी का समर्थन करेगी, लेकिन सरकार के फैसलों से नाराज किसान सरकार और बीजेपी के खिलाफ एक खास रणनीति के तहत माहौल बनाने का काम जरूर करेगी.
विधानसभा चुनाव में किसानों की भागीदारी पर राकेश टिकैत ने कहा कि किसान भी एक वोटर हैं. अगर इनको सरकार की नीतियां, उसके कामकाज से इनको लाभ होगा होगा तो वो फिर उनको वोट करेंगे. नहीं फायदा होगा तो नहीं वोट करेंगे. यही चुनावी प्रक्रिया है. बाकि किसान यूनियन बंगाल में जिस तरह से बीजेपी के खिलाफ प्रचार किया और उसका असर देखने को मिला है, उसी तरह उत्तर प्रदेश में भी बीजेपी के खिलाफ माहौल तैयार किया जाएगा.
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राकेश टिकैत ने कहा कि आगामी पांच सितंबर को मुजफ्फरनगर में किसान मौर्चे के बैनर तले किसान महापंचायत (kisan maha panchayat) का आयोजन किया जाएगा. महापंचायत में किसान आंदोलन की आगे की रूपरेखा तैयार की जाएगी. राकेश टिकैत ने कहा कि पांच सितंबर को होने वाली महापंचायत अब तक की ऐतिहासिक महापंचायत होगी.
बता दें कि आंदोलनरत किसानों की बीते 22 जनवरी के बाद से बातचीत नहीं हो पाई है. तीनों कृषि कानून की वापसी पर टिके किसान नेता राकेश टिकैत सरकार के शर्तों के साथ बातचीत से सीधे इनकार कर दिया है. उधर सरकार ने कृषि कानून की वापसी की बात से सीधे इनकार करते हुए इसकी खामियों पर किसान नेताओं से चर्चा के लिए कई बार प्रस्ताव भेज चुकी है. अब करीब छह महीने से सरकार से बंद बातचीत पर राकेश टिकैत ने कहा कि अभी सरकार के पास समय है. बात सर्दियों में बंद हुई थी, लगता है सर्दियों में भी शुरू करेगी.