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झाड़ियों में नवजात रही थी चित्कार, दारोगा ने किया स्वीकार

चंदौली से दिल को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है. यहां, झाड़ियों में से एक नवजात बच्ची को बरामद किया गया. फिलहाल, दारोगा बच्ची को अपने पास रखे हुए हैं. नवजात बच्ची को कौन और क्यों ऐसे फेंक गया, पुलिस जांच पड़ताल में जुट गई है.

चंदौली में झाड़ियों में मिली नवजात बच्ची
चंदौली में झाड़ियों में मिली नवजात बच्ची
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Published : Aug 3, 2021, 9:57 PM IST

चंदौली: यूं तो मां का दर्जा भगवान से भी बड़ा माना जाता है, लेकिन यह मां तो एकदम कलयुगी निकली. जन्म लेते ही बच्ची को गंगा किनारे झाडियों में फेंक कर चली गई. बच्ची आवारा जानवरों का शिकार बनती इससे पहले ही उसे ईश्वर ने बचा लिया. किसी ने झाड़ियों में पड़ी नवजात बच्ची के रोने की आवाज सुनी. सूचना पर कैलावर चौकी प्रभारी उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चहनियां ले गए. फिलहाल, बच्ची स्वस्थ है, लेकिन उसके पालन पोषण के लिए कोई आगे नहीं आया है. नवजात बच्ची को कौन और क्यों ऐसे फेंक गया पुलिस जांच पड़ताल में जुट गई है.

पूरा मामला बलुआ थाना क्षेत्र के महरौड़ा गांव के पास की है. जहां, मंगलवार की दोपहर एक महिला ने नवजात को महड़ौर गांव के पास गंगा नदी के किनारे झाड़ियों में फेंक दिया. वहीं पास में बकरी चरा रहे कुछ लड़कों ने बच्ची की आवाज सुनकर मौके पर पहुंचे और गांव के लोगों को बताया. बच्ची के लिए ग्रामीण और कैलावर चौकी प्रभारी फरिश्ता बने. गांव की महिलाओं ने बच्ची को साफ सुथरा करने के बाद पुलिस को सूचना दी. बच्ची के शरीर पर चींटियां लिपट गईं थीं. कुछ देर और हो जाती तो बड़ा अनर्थ हो जाता. इस दौरान महिलाओं ने निर्दयी मां को खूब कोसा.

इसे भी पढ़ें-फिरोजाबाद के एक मंदिर में मिली नवजात बालिका

बहरहाल, कैलावर चौकी प्रभारी शिवमणी त्रिपाठी ने भी तत्परता दिखाते हुए नवजात को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया. जहां, बच्ची को समुचित उपचार करवाया. समय से इलाज और देखभाल मिल जाने से बच्चे की जान तो बच गई, लेकिन आगे मासूम का क्या होगा यह बड़ा सवाल है. हालांकि, नवजात अभी दूध नहीं पी रही और दारोगा बेहतर उपचार के लिए कुशल चिकित्सक के यहां ले जाने की बात कही.

चंदौली: यूं तो मां का दर्जा भगवान से भी बड़ा माना जाता है, लेकिन यह मां तो एकदम कलयुगी निकली. जन्म लेते ही बच्ची को गंगा किनारे झाडियों में फेंक कर चली गई. बच्ची आवारा जानवरों का शिकार बनती इससे पहले ही उसे ईश्वर ने बचा लिया. किसी ने झाड़ियों में पड़ी नवजात बच्ची के रोने की आवाज सुनी. सूचना पर कैलावर चौकी प्रभारी उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चहनियां ले गए. फिलहाल, बच्ची स्वस्थ है, लेकिन उसके पालन पोषण के लिए कोई आगे नहीं आया है. नवजात बच्ची को कौन और क्यों ऐसे फेंक गया पुलिस जांच पड़ताल में जुट गई है.

पूरा मामला बलुआ थाना क्षेत्र के महरौड़ा गांव के पास की है. जहां, मंगलवार की दोपहर एक महिला ने नवजात को महड़ौर गांव के पास गंगा नदी के किनारे झाड़ियों में फेंक दिया. वहीं पास में बकरी चरा रहे कुछ लड़कों ने बच्ची की आवाज सुनकर मौके पर पहुंचे और गांव के लोगों को बताया. बच्ची के लिए ग्रामीण और कैलावर चौकी प्रभारी फरिश्ता बने. गांव की महिलाओं ने बच्ची को साफ सुथरा करने के बाद पुलिस को सूचना दी. बच्ची के शरीर पर चींटियां लिपट गईं थीं. कुछ देर और हो जाती तो बड़ा अनर्थ हो जाता. इस दौरान महिलाओं ने निर्दयी मां को खूब कोसा.

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बहरहाल, कैलावर चौकी प्रभारी शिवमणी त्रिपाठी ने भी तत्परता दिखाते हुए नवजात को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया. जहां, बच्ची को समुचित उपचार करवाया. समय से इलाज और देखभाल मिल जाने से बच्चे की जान तो बच गई, लेकिन आगे मासूम का क्या होगा यह बड़ा सवाल है. हालांकि, नवजात अभी दूध नहीं पी रही और दारोगा बेहतर उपचार के लिए कुशल चिकित्सक के यहां ले जाने की बात कही.

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