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अपहृत डॉक्टर ने बतायी आपबीती, अपहरणकर्ताओं ने की थी मारपीट - चंदौली ताजा समाचार

चंदौली में एक डॉक्टर के अपहरण का खुलासा करते हुए पुलिस ने फिरौती की रकम भी बरामद कर ली. अपहरणकर्ताओं के चंगुल से रिहा हुए डॉक्टर अमरेश्वर ने बताया कि अपहरणकर्ताओं ने उनके साथ मारपीट भी की. अपहरण की योजना इलाके के ही एक शख्स ने तैयार की थी.

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Published : Jun 2, 2021, 10:51 PM IST

चन्दौली : जिले में बढ़ रहे अपराध के ग्राफ के बीच पुलिस के लिए नाक का सवाल बन चुके डॉक्टर अपहरण कांड का आईजी रेंज वाराणसी ने खुलासा किया है. पुलिस ने बुधवार की सुबह मुठभेड़ के बाद दो आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से फिरौती के 40 लाख रुपये बरामद कर लिए. साथ ही उनकी निशानदेही पर उनके दो साथियों को गिरफ्तार कर अपहृत डॉक्टर को सकुशल रिहा कराया. खास बात यह है कि पुलिस ने यह गुड वर्क तब किया जब फिरौती की बात को परिजनों ने पूरी तरह से छुपाकर रखा था. हालांकि पुलिस ने सर्विलांस सेल और एसटीएफ की मदद से अपहरण कांड का खुलासा कर दिया.

अपहरण की कहानी
क्लीनिक से घर लौटते समय हुआ था अपहरणदरअसल बलुआ थाना क्षेत्र के रईया गांव निवासी डॉक्टर अमरेश्वर का चहनिया बाजार स्थित क्लिनिक से घर जाते समय अपहरण कर लिया गया. इसके बाद लगातार पुलिस सक्रिय रही और संभावित ठिकानों पर दबिश देने में जुटी रही. इसी क्रम में बुधवार की सुबह 4 बजे फिरौती की रकम लेकर कार से जा रहे बदमाशों से पुलिस की अलीनगर के बिलारीडीह में मुठभेड़ हो गई. इसमें एक अपहरणकर्ता राजीव सिंह को पैर में गोली लग गई. उसका साथी बदमाश सुरेश यादव को गिरफ्तार कर लिया गया. उसकी निशानदेही पर अन्य दो अपहरणकर्ता सत्यम पटेल और अभिषेक त्रिपाठी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है.बाल-बाल बचे बलुआ एसओइस दौरान डॉक्टर के परिजन छिपते-छिपाते रामनगर के टेंगरा मोड़ पहुंचे. वहां अपहरणकर्ताओं द्वारा बताए गए ठिकाने पर पैसे देकर वापस चले आए, जिसके बाद पैसे लेकर भाग रहे अपहरणकर्ताओं को पुलिस ने घेर लिया. खुद को घिरता देख कार सवार अपहरणकर्ताओं ने पुलिस टीम पर फायर कर दिया. जिसमें बलुआ थाना प्रभारी उदय प्रताप सिंह बाल बाल बच गए. वहीं जवाबी कार्रवाई में गाजीपुर निवासी बदमाश राजीव सिंह घायल हो गया. वही इस गैंग का सरगना बताया जा रहा है.अपहरण के बाद आंख पर बांध दी पट्टीपुलिस द्वारा मुक्त कराये गए डॉक्टर ने बताया कि अपहरण के बाद उसकी आंख में कपड़ा बांध दिया गया और विरोध करने पर कई बार मारपीट भी की गई. इस दौरान पैसा मंगाने के लिए परिजनों से उसकी बात भी कराई गई. हालांकि अब बदमाशों के चंगुल से छूटने के बाद डॉक्टर अमरेश्वर पुलिस को धन्यवाद दे रहे हैं.डर की वजह से पुलिस को नहीं बतायी फिरौती की बात

डॉक्टर के अपहरण बाद से ही परिजनों से फिरौती के रूप में 70 लाख रुपये की डिमांड की जा रही थी, जो डॉक्टर के नम्बर से ही मांगी जा रही थी. इस दौरान जांच में जुटी पुलिस टीम को मोबाइल की लोकेशन लगातार मुगलसराय के आसपास मिल रही थी. इस दौरान पहले अपहरणकर्ताओं को फिरौती की रकम दी गई. सादी वर्दी में पुलिस भी मौके पर मौजूद थी. यह अलग बात है कि परिजनों ने पुलिस को सूचना नहीं दी थी, लेकिन पुलिस ने पूरा जाल बिछा रखा था. डॉक्टर के परिजनों का कहना है कि वो फिरौती की कॉल आने के बाद काफी डर गए थे. इसलिए उन्होंने पुलिस को कुछ नहीं बताया.

इलाके के आकाश ने ही की थी अपहरण की रेकी

पुलिस खुलासे में चौकाने वाली बात यह सामने आई है कि अपहरण की इस घटना का मास्टरमाइंड बलुआ के हुदहुदीपुर निवासी आकाश सिंह है. जिसके द्वारा अपने गिरोह के सदस्य राजीव सिंह को यह बताया गया था कि उसके गांव के पास का एक डॉक्टर है, जिसके पास बहुत पैसे, कई मकान, क्लिनिक व अच्छी-अच्छी गाड़ियां हैं. उसको उठाने पर काफी पैसा मिल सकता है. इसी बात पर इन सभी ने योजनाबद्ध तरीके से अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर अपहरण की इस वारदात को अंजाम दिया.

इसे भी पढ़ें - चंदौली पुलिस ने डॉक्टर को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से कराया आजाद, 40 लाख रुपये भी बरामद

चन्दौली : जिले में बढ़ रहे अपराध के ग्राफ के बीच पुलिस के लिए नाक का सवाल बन चुके डॉक्टर अपहरण कांड का आईजी रेंज वाराणसी ने खुलासा किया है. पुलिस ने बुधवार की सुबह मुठभेड़ के बाद दो आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से फिरौती के 40 लाख रुपये बरामद कर लिए. साथ ही उनकी निशानदेही पर उनके दो साथियों को गिरफ्तार कर अपहृत डॉक्टर को सकुशल रिहा कराया. खास बात यह है कि पुलिस ने यह गुड वर्क तब किया जब फिरौती की बात को परिजनों ने पूरी तरह से छुपाकर रखा था. हालांकि पुलिस ने सर्विलांस सेल और एसटीएफ की मदद से अपहरण कांड का खुलासा कर दिया.

अपहरण की कहानी
क्लीनिक से घर लौटते समय हुआ था अपहरणदरअसल बलुआ थाना क्षेत्र के रईया गांव निवासी डॉक्टर अमरेश्वर का चहनिया बाजार स्थित क्लिनिक से घर जाते समय अपहरण कर लिया गया. इसके बाद लगातार पुलिस सक्रिय रही और संभावित ठिकानों पर दबिश देने में जुटी रही. इसी क्रम में बुधवार की सुबह 4 बजे फिरौती की रकम लेकर कार से जा रहे बदमाशों से पुलिस की अलीनगर के बिलारीडीह में मुठभेड़ हो गई. इसमें एक अपहरणकर्ता राजीव सिंह को पैर में गोली लग गई. उसका साथी बदमाश सुरेश यादव को गिरफ्तार कर लिया गया. उसकी निशानदेही पर अन्य दो अपहरणकर्ता सत्यम पटेल और अभिषेक त्रिपाठी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है.बाल-बाल बचे बलुआ एसओइस दौरान डॉक्टर के परिजन छिपते-छिपाते रामनगर के टेंगरा मोड़ पहुंचे. वहां अपहरणकर्ताओं द्वारा बताए गए ठिकाने पर पैसे देकर वापस चले आए, जिसके बाद पैसे लेकर भाग रहे अपहरणकर्ताओं को पुलिस ने घेर लिया. खुद को घिरता देख कार सवार अपहरणकर्ताओं ने पुलिस टीम पर फायर कर दिया. जिसमें बलुआ थाना प्रभारी उदय प्रताप सिंह बाल बाल बच गए. वहीं जवाबी कार्रवाई में गाजीपुर निवासी बदमाश राजीव सिंह घायल हो गया. वही इस गैंग का सरगना बताया जा रहा है.अपहरण के बाद आंख पर बांध दी पट्टीपुलिस द्वारा मुक्त कराये गए डॉक्टर ने बताया कि अपहरण के बाद उसकी आंख में कपड़ा बांध दिया गया और विरोध करने पर कई बार मारपीट भी की गई. इस दौरान पैसा मंगाने के लिए परिजनों से उसकी बात भी कराई गई. हालांकि अब बदमाशों के चंगुल से छूटने के बाद डॉक्टर अमरेश्वर पुलिस को धन्यवाद दे रहे हैं.डर की वजह से पुलिस को नहीं बतायी फिरौती की बात

डॉक्टर के अपहरण बाद से ही परिजनों से फिरौती के रूप में 70 लाख रुपये की डिमांड की जा रही थी, जो डॉक्टर के नम्बर से ही मांगी जा रही थी. इस दौरान जांच में जुटी पुलिस टीम को मोबाइल की लोकेशन लगातार मुगलसराय के आसपास मिल रही थी. इस दौरान पहले अपहरणकर्ताओं को फिरौती की रकम दी गई. सादी वर्दी में पुलिस भी मौके पर मौजूद थी. यह अलग बात है कि परिजनों ने पुलिस को सूचना नहीं दी थी, लेकिन पुलिस ने पूरा जाल बिछा रखा था. डॉक्टर के परिजनों का कहना है कि वो फिरौती की कॉल आने के बाद काफी डर गए थे. इसलिए उन्होंने पुलिस को कुछ नहीं बताया.

इलाके के आकाश ने ही की थी अपहरण की रेकी

पुलिस खुलासे में चौकाने वाली बात यह सामने आई है कि अपहरण की इस घटना का मास्टरमाइंड बलुआ के हुदहुदीपुर निवासी आकाश सिंह है. जिसके द्वारा अपने गिरोह के सदस्य राजीव सिंह को यह बताया गया था कि उसके गांव के पास का एक डॉक्टर है, जिसके पास बहुत पैसे, कई मकान, क्लिनिक व अच्छी-अच्छी गाड़ियां हैं. उसको उठाने पर काफी पैसा मिल सकता है. इसी बात पर इन सभी ने योजनाबद्ध तरीके से अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर अपहरण की इस वारदात को अंजाम दिया.

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