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चंदौली: फर्जी परिवहन कार्यालय का खुलासा, मास्टरमाइंड समेत 4 गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के चंदौली में सैयदराजा पुलिस और स्वाट टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए फर्जी परिवहन कार्यालय के गिरोह का भंडाफोड़ किया. इनके पास से चिप लगे हुए आधुनिक बायोमेट्रिक डीएल कार्ड बरामद हुए हैं.

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फर्जी परिवहन कार्यालय का खुलासा हुआ है.
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Published : Jan 15, 2020, 11:41 PM IST

चंदौली: सैयदराजा कोतवाली पुलिस और स्वाट टीम ने फर्जी परिवहन कार्यालय का खुलासा किया है. पुलिस ने गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए मास्टरमाइंड समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से भारी मात्रा में फर्जी डीएल, आरसी, परमिट और कई दस्तावेज बरामद हुए हैं. फिलहाल पुलिस चारों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच में जुटी है.

फर्जी परिवहन कार्यालय का खुलासा.
फर्जी परिवहन कार्यालय का हुआ खुलासा
दरअसल यूपी-बिहार बॉर्डर पर फर्जी परिवहन कार्यालय का खेल काफी पुराना है. जहां अन्य प्रांतों से आने वाली गाड़ियों की बॉर्डर पर चेकिंग के दौरान जरूरी कागजातों की डिमांड पूरी करते हैं. इसके लिए बाकायदा इनका एक सिंडिकेट काम करता है. इस गोरखधंधे में शामिल लोग बॉर्डर के साथ यूपी और बिहार प्रान्त के कई जिलों तक फैले हुए हैं.
फर्जी डॉक्यूमेंट का किया जाता है उपयोग
पुलिस की माने तो इस फर्जी डॉक्यूमेंट का उपयोग नौबतपुर बॉर्डर पर चेकिंग के दौरान बचने के लिए किया जाता है. जहां ड्राइवर फर्जी डीएल, आरसी और परमिट के सहारे अपनी गाड़ी पास करा लेते हैं. पुलिस को लगातार इस तरह की शिकायत मिल रही थी. इसी क्रम में सैयदराजा कोतवाली पुलिस और स्वाट टीम छापेमारी करते हुए इस गिरोह का भंडाफोड़ किया है. इनके पास से पांच फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस, एक आरसी, परमिट सहित बड़ी मात्रा में अर्धनिर्मित दस्तावेज बरामद किए गए हैं. इसके अलावा राजस्थान सरकार का 4 सादा प्रोफार्मा, परिवहन विभाग की मुहर, लैपटॉप, स्केनर, और प्रिंटर मशीन बरामद की गई है.

इसे भी पढ़ें-सीएए पर एक इंच पीछे नहीं हटेगी सरकार, घुसपैठियों को करेगी बाहर: केशव प्रसाद मौर्य

संचालित करते हैं फर्जी परिवहन कार्यालय
गोरखधंधे का मास्टरमाइंड हिमांशु श्रीवास्तव है, जो कि अपने सहयोगियों संदीप सिंह, अमित मौर्य, विनोद यादव के साथ मिलकर फर्जी परिवहन कार्यालय संचालित करता था. पकड़े गए सभी सैयादराजा थाना क्षेत्र के ही हैं. इन चारों आरोपियों के अलावा अन्य लोग भी इस सिंडिकेट में शामिल हैं. पुलिस मामले की जांच में जुटी है और जल्द ही अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा.

चंदौली: सैयदराजा कोतवाली पुलिस और स्वाट टीम ने फर्जी परिवहन कार्यालय का खुलासा किया है. पुलिस ने गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए मास्टरमाइंड समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से भारी मात्रा में फर्जी डीएल, आरसी, परमिट और कई दस्तावेज बरामद हुए हैं. फिलहाल पुलिस चारों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच में जुटी है.

फर्जी परिवहन कार्यालय का खुलासा.
फर्जी परिवहन कार्यालय का हुआ खुलासा
दरअसल यूपी-बिहार बॉर्डर पर फर्जी परिवहन कार्यालय का खेल काफी पुराना है. जहां अन्य प्रांतों से आने वाली गाड़ियों की बॉर्डर पर चेकिंग के दौरान जरूरी कागजातों की डिमांड पूरी करते हैं. इसके लिए बाकायदा इनका एक सिंडिकेट काम करता है. इस गोरखधंधे में शामिल लोग बॉर्डर के साथ यूपी और बिहार प्रान्त के कई जिलों तक फैले हुए हैं.
फर्जी डॉक्यूमेंट का किया जाता है उपयोग
पुलिस की माने तो इस फर्जी डॉक्यूमेंट का उपयोग नौबतपुर बॉर्डर पर चेकिंग के दौरान बचने के लिए किया जाता है. जहां ड्राइवर फर्जी डीएल, आरसी और परमिट के सहारे अपनी गाड़ी पास करा लेते हैं. पुलिस को लगातार इस तरह की शिकायत मिल रही थी. इसी क्रम में सैयदराजा कोतवाली पुलिस और स्वाट टीम छापेमारी करते हुए इस गिरोह का भंडाफोड़ किया है. इनके पास से पांच फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस, एक आरसी, परमिट सहित बड़ी मात्रा में अर्धनिर्मित दस्तावेज बरामद किए गए हैं. इसके अलावा राजस्थान सरकार का 4 सादा प्रोफार्मा, परिवहन विभाग की मुहर, लैपटॉप, स्केनर, और प्रिंटर मशीन बरामद की गई है.

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संचालित करते हैं फर्जी परिवहन कार्यालय
गोरखधंधे का मास्टरमाइंड हिमांशु श्रीवास्तव है, जो कि अपने सहयोगियों संदीप सिंह, अमित मौर्य, विनोद यादव के साथ मिलकर फर्जी परिवहन कार्यालय संचालित करता था. पकड़े गए सभी सैयादराजा थाना क्षेत्र के ही हैं. इन चारों आरोपियों के अलावा अन्य लोग भी इस सिंडिकेट में शामिल हैं. पुलिस मामले की जांच में जुटी है और जल्द ही अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा.

Intro:चंदौली - सैयदराजा कोतवाली पुलिस और स्वाट टीम ने फर्जी परिवहन कार्यालय का खुलासा किया है. पुलिस ने गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए मास्टरमाइंड समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से भारी मात्रा में फर्जी डीएल, आरसी, परमिट व अन्य दस्तावेज बरामद हुआ है. साथ ही इसमें प्रयुक्त लैपटॉप, प्रिंटर व अन्य उपकरण बरामद हुए है. फिलहाल पुलिस चारों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज जांच में जुटी है.

Body:दरअसल यूपी बिहार बॉर्डर पर फर्जी परिवहन कार्यालय का खेल काफी पुराना है. जहां अन्य प्रांतों से आने वाली गाड़ियों की बॉर्डर पर चेकिंग के दौरान जरूरी कागजातों की डिमांड पूरी करते है. इसके लिए बाकायदा इनका एक सिंडिकेट काम करता है. इस गोरखधंधे में शामिल लोग बॉर्डर के साथ यूपी और बिहार प्रान्त के कई जिलों तक फैले हुए है.

पुलिस की माने तो इस फर्जी डॉक्यूमेंट का उपयोग नौबतपुर बॉर्डर पर चेकिंग के दौरान बचने के लिए किया जाता है. जहां ड्राइवर फर्जी डीएल, आरसी और परमिट के सहारे अपनी गाड़ी पास करा लेते है. पुलिस को लगातार इस तरह की शिकायत मिल रही थी. इसी क्रम में सैयदराजा कोतवाली पुलिस और स्वाट टीम छापेमारी करते हूए इस गिरोह का भंडाफोड़ किया है. इनके पास पांच फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस, एक आरसी,परमिट सहित बड़ी मात्रा में अर्धनिर्मित दस्तावेज बरामद किये है. इसके अलावा राजस्थान सरकार का 4 सादा प्रोफार्मा,परिवहन विभाग के मुहर, लैपटॉप, स्केनर, प्रिंटर मशीन बरामद किया है.

बता दें कि इस गोरखधंधे का मास्टरमाइंड हिमांशु श्रीवास्तव है. जो कि अपने सहयोगियों संदीप सिंह, अमित मौर्य, विनोद यादव के साथ मिलकर फर्जी परिवहन कार्यालय संचालित करता था. पकड़े गए सभी सैयादराजा थाना क्षेत्र के ही है. इन चारों आरोपियों के अलावा अन्य लोग भी इस सिंडिकेट में शामिल है. पुलिस मामले की जांच में जुटी है और जल्द ही अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा.

गौरतलब है कि इनके पास से चिप लगे हुए आधुनिक बायोमेट्रिक डीएल कार्ड बरामद हुए है. जो सिर्फ सरकारी दफ्तरों में पाया जाता है. बहरहाल सैयदराजा पुलिस और स्वाट टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए गिरोह का भंडाफोड़ कर दिया. ऐसे में ये देखना होगा कि पुलिस की इस कार्रवाई का इस गोरखधंधे पर कितना असर होता है.

बाइट - हेमन्त कुटियाल (एसपी)

Conclusion:कमलेश गिरी
चन्दौली
9452845730

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