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प्रयागराज महाकुंभ; स्लोवेनिया के दत्तात्रेय 30 साल से आ रहे संगम नगरी, बोले- यहां की आबोहवा में है अमृत - MAHA KUMBH MELA 2025

स्लोवेनिया के फ्रेंक महाकुंभ में आकर बन गए रामानंद, कहा- मेला अद्भुत, हर जगह है पॉजिटिव एनर्जी.

भारत आकर बदल गया इन विदेशियों का जीवन.
भारत आकर बदल गया इन विदेशियों का जीवन. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 13, 2025, 12:07 PM IST

प्रयागराज : ‘मेरा नाम दत्रातेय है. यह नाम गुरु महामंडलेश्वर परमहंस स्वामी महेश्वरानंद ने दिया है. मैं महाकुंभ में 4 दिन पहले ही आया हूं. यहां खूबसूरत अनुभव हो रहा है. आंतरिक शांति के लिए प्रयागराज में पिछले 30 सालों से आ रहा हूं. यहां अमृत तत्व को महसूस किया जा सकता है. स्लोवेनिया से दोस्त के साथ पहली बार 1993 में भारत आया. उस वक्त तनाव में था. जैसे-जैसे भारतीय संस्कृति को जानता गया, मुझमें ऊर्जा का संचार होता गया'.

महाकुंभ मेले में पहुंचे स्लोवेनिया के दत्तात्रेय व फ्रेंक. (Video Credit; ETV Bharat)

यह कहना है यूरोप के खूबसूरत देश स्लोवेनिया के रहने वाले दत्तात्रेय का. उनके देश में उन्हें लोग आंद्रेज के नाम से जानते हैं. वह पेशे से ग्राफिक डिजाइनर हैं. ईटीवी भारत के साथ उन्होंने आंद्रेज से दत्तात्रेय बनने की कहानी को साझा किया. उन्होंने बताया कि यहां आना और अमृत तत्व को अपने भीतर महसूस करना ही उनका मकसद है.

दीक्षा के बाद जीवन में आया सकारात्मक बदलाव : दत्तात्रेय बताते हैं कि पहले वह काफी तनाव में रहते थे. एक समय ऐसा आया जब वह डिप्रेशन में चले गए. इसके बाद एक दोस्त के साथ उनका भारत आना हुआ. इस दौरान साल 1993 में महामंडलेश्वर परमहंस स्वामी महेश्वरानंद से उनकी मुलाकात की. संत से दीक्षा ली. इसके बाद उनके जीवन नें सकारात्मक बदलाव आए. वह तनाव मुक्त होने शुरू हो गए. इसके बाद उन्होंने भारतीय संस्कृति और दर्शन का अध्ययन किया.

सनातन को बाहर से नहीं बल्कि भीतर से समझना जरूरी : दत्तात्रेय का कहना है कि जैसे-जैसे वह भारतीय संस्कृति को जानने लगे, वैसे-वैसे उनके अंदर सकारात्मक बदलाव आने लगे. महाकुंभ में श्री निरंजनी अखाड़े के संतों से भेंट करने पहुंचे दत्तात्रेय से जब सवाल किया गया कि सनातन धर्म के बारे में उनकी क्या राय है तो उन्होंने कहा कि सनातन धर्म को बाहर से नहीं भीतर से समझा जा सकता है. बिना भीतर गए आप सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति-सभ्यता को नहीं समझ पाएंगे.

स्लोवेनिया के दत्तात्रेय व फ्रेंक.
स्लोवेनिया के दत्तात्रेय व फ्रेंक. (Photo Credit; ETV Bharat)

बताया कि कुंभ में रहने के दौरान अमृत तत्व का पान करने से आशय यह है कि आप देश-दुनिया से आए धर्म गुरुओं से प्रवचन सुनते हैं, उस पर मनन-चिंतन करते हैं. इस तरह आप अमृत तत्व का पान करते हैं. जब आप महाकुंभ क्षेत्र में आकर आसन में बैठ जाते हैं और योग, चित्त, वृत्त के माध्यम से एकाकार होते हैं तो आपको आंतरिक आनंद की प्राप्ति हो जाती है. मैं भी आंतरिक आनंद के लिए पिछले 30 सालों से भारत आता हूं.

उनका कहना है कि ध्यान-चिंतन ही वह माध्यम है जिससे तनाव, अवसाद को दूर किया जा सकता है. यह पूछने पर कि आपको क्या लगता है कि आतंकवाद जैसी समस्याओं का समाधान सनातन धर्म और संस्कृति में है?, इस पर दत्तात्रेय का कहना है कि ये कलयुग है और कलयुग में ऐसी समस्याएं आम हैं. सनातन धर्म आपको अपने भीतर जाने और ईश्वर को अपने अंदर महसूस करने का रास्ता देता है.

पहली बार भारत आए, फ्रेंक से हो गए रामानंद : यूरोप के स्लोवेनिया के ही रहने वाले फ्रेंक पहली बार भारत आए हैं. उनको भारतीय संस्कृति और सभ्यता कुछ इस तरह भा गई कि पहली बार में ही उन्होंने अपना नाम फ्रेंक से बदलकर रामानंद रख लिया. रामानंद कहते हैं कि कुंभ में आना मेरा पहला अनुभव है. बहुत अद्भुत अनुभव हो रहा है. बहुत से गुरुओं, साधुओं के सत्संग सुनने और समझने का मौका मिल रहा है. यहां बहुत सी पॉजिटिव एनर्जी महसूस की जा सकती है.

महाकुंभ में आएंगे बॉलीवुड के कई दिग्गज : महाकुंभ मेला में बॉलीवुड के कई दिग्गज भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे. इनमें अनुपम खेर, जैकी श्राफ, सुनील सेट्टी, आलिया भट्ट, राजपाल यादव, आशुतोष राणा, विवेक ओबराय, मनोज तिवारी, रवि किशन, जैसे दिग्गज कलाकारों की एंट्री होगी. ये स्टार्स कैलाशानंद गिरि, परमार्थ आश्रम के चिदानंद मुनी जी व स्वामी सहजानंद के आश्रम में रहेंगे. इसके अलावा महाकुंभ में म्यूजिकल परफॉर्मेंस देने के लिए शंकर महादेवन, मोहित चौहान, कैलाश खेर, हरिहरन, शान मुखर्जी, कविता कृष्णमूर्ति, कविता सेठ, ऋषभ रिखीराम, शोवना नारायण, डॉ. एल सुब्रमण्यम, बिक्रम घोष, मालिनी अवस्थी और कई अन्य कलाकार भी आएंगे.

यह भी पढ़ें : प्रयागराज महाकुंभ 2025; पौष पूर्णिमा पर स्नान के लिए जबरदस्त भीड़, अब तक 60 लाख लोग कर चुके स्नान

प्रयागराज : ‘मेरा नाम दत्रातेय है. यह नाम गुरु महामंडलेश्वर परमहंस स्वामी महेश्वरानंद ने दिया है. मैं महाकुंभ में 4 दिन पहले ही आया हूं. यहां खूबसूरत अनुभव हो रहा है. आंतरिक शांति के लिए प्रयागराज में पिछले 30 सालों से आ रहा हूं. यहां अमृत तत्व को महसूस किया जा सकता है. स्लोवेनिया से दोस्त के साथ पहली बार 1993 में भारत आया. उस वक्त तनाव में था. जैसे-जैसे भारतीय संस्कृति को जानता गया, मुझमें ऊर्जा का संचार होता गया'.

महाकुंभ मेले में पहुंचे स्लोवेनिया के दत्तात्रेय व फ्रेंक. (Video Credit; ETV Bharat)

यह कहना है यूरोप के खूबसूरत देश स्लोवेनिया के रहने वाले दत्तात्रेय का. उनके देश में उन्हें लोग आंद्रेज के नाम से जानते हैं. वह पेशे से ग्राफिक डिजाइनर हैं. ईटीवी भारत के साथ उन्होंने आंद्रेज से दत्तात्रेय बनने की कहानी को साझा किया. उन्होंने बताया कि यहां आना और अमृत तत्व को अपने भीतर महसूस करना ही उनका मकसद है.

दीक्षा के बाद जीवन में आया सकारात्मक बदलाव : दत्तात्रेय बताते हैं कि पहले वह काफी तनाव में रहते थे. एक समय ऐसा आया जब वह डिप्रेशन में चले गए. इसके बाद एक दोस्त के साथ उनका भारत आना हुआ. इस दौरान साल 1993 में महामंडलेश्वर परमहंस स्वामी महेश्वरानंद से उनकी मुलाकात की. संत से दीक्षा ली. इसके बाद उनके जीवन नें सकारात्मक बदलाव आए. वह तनाव मुक्त होने शुरू हो गए. इसके बाद उन्होंने भारतीय संस्कृति और दर्शन का अध्ययन किया.

सनातन को बाहर से नहीं बल्कि भीतर से समझना जरूरी : दत्तात्रेय का कहना है कि जैसे-जैसे वह भारतीय संस्कृति को जानने लगे, वैसे-वैसे उनके अंदर सकारात्मक बदलाव आने लगे. महाकुंभ में श्री निरंजनी अखाड़े के संतों से भेंट करने पहुंचे दत्तात्रेय से जब सवाल किया गया कि सनातन धर्म के बारे में उनकी क्या राय है तो उन्होंने कहा कि सनातन धर्म को बाहर से नहीं भीतर से समझा जा सकता है. बिना भीतर गए आप सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति-सभ्यता को नहीं समझ पाएंगे.

स्लोवेनिया के दत्तात्रेय व फ्रेंक.
स्लोवेनिया के दत्तात्रेय व फ्रेंक. (Photo Credit; ETV Bharat)

बताया कि कुंभ में रहने के दौरान अमृत तत्व का पान करने से आशय यह है कि आप देश-दुनिया से आए धर्म गुरुओं से प्रवचन सुनते हैं, उस पर मनन-चिंतन करते हैं. इस तरह आप अमृत तत्व का पान करते हैं. जब आप महाकुंभ क्षेत्र में आकर आसन में बैठ जाते हैं और योग, चित्त, वृत्त के माध्यम से एकाकार होते हैं तो आपको आंतरिक आनंद की प्राप्ति हो जाती है. मैं भी आंतरिक आनंद के लिए पिछले 30 सालों से भारत आता हूं.

उनका कहना है कि ध्यान-चिंतन ही वह माध्यम है जिससे तनाव, अवसाद को दूर किया जा सकता है. यह पूछने पर कि आपको क्या लगता है कि आतंकवाद जैसी समस्याओं का समाधान सनातन धर्म और संस्कृति में है?, इस पर दत्तात्रेय का कहना है कि ये कलयुग है और कलयुग में ऐसी समस्याएं आम हैं. सनातन धर्म आपको अपने भीतर जाने और ईश्वर को अपने अंदर महसूस करने का रास्ता देता है.

पहली बार भारत आए, फ्रेंक से हो गए रामानंद : यूरोप के स्लोवेनिया के ही रहने वाले फ्रेंक पहली बार भारत आए हैं. उनको भारतीय संस्कृति और सभ्यता कुछ इस तरह भा गई कि पहली बार में ही उन्होंने अपना नाम फ्रेंक से बदलकर रामानंद रख लिया. रामानंद कहते हैं कि कुंभ में आना मेरा पहला अनुभव है. बहुत अद्भुत अनुभव हो रहा है. बहुत से गुरुओं, साधुओं के सत्संग सुनने और समझने का मौका मिल रहा है. यहां बहुत सी पॉजिटिव एनर्जी महसूस की जा सकती है.

महाकुंभ में आएंगे बॉलीवुड के कई दिग्गज : महाकुंभ मेला में बॉलीवुड के कई दिग्गज भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे. इनमें अनुपम खेर, जैकी श्राफ, सुनील सेट्टी, आलिया भट्ट, राजपाल यादव, आशुतोष राणा, विवेक ओबराय, मनोज तिवारी, रवि किशन, जैसे दिग्गज कलाकारों की एंट्री होगी. ये स्टार्स कैलाशानंद गिरि, परमार्थ आश्रम के चिदानंद मुनी जी व स्वामी सहजानंद के आश्रम में रहेंगे. इसके अलावा महाकुंभ में म्यूजिकल परफॉर्मेंस देने के लिए शंकर महादेवन, मोहित चौहान, कैलाश खेर, हरिहरन, शान मुखर्जी, कविता कृष्णमूर्ति, कविता सेठ, ऋषभ रिखीराम, शोवना नारायण, डॉ. एल सुब्रमण्यम, बिक्रम घोष, मालिनी अवस्थी और कई अन्य कलाकार भी आएंगे.

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