लखनऊ: पुरानी फिल्मों में अक्सर यह दृश्य आपने देखा होगा और डायलॉग भी सुना होगा कि कुंभ में बिछड़े थे, अब इतने दिन बाद मिले हैं. हालांकि तब कोई टेक्नोलॉजी नहीं थी, इस वजह से बिछड़ने के बाद मिलना मुश्किल हो जाता था, लेकिन अब मोबाइल क्रांति आ गई है तो फिर उतनी ज्यादा संख्या में लोग बिछड़ नहीं रहे हैं. महाकुंभ में श्रद्धालुओं का तांता लग रहा है और खासकर जो ग्रामीण परिवेश से स्नान करने श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, उनमें ऐसे लोगों की संख्या काफी है, जिनके पास मोबाइल की सुविधा नहीं है. कुछ को एक-दूसरे का हाथ छूटने के बाद बिछड़ने का दर्द झेलना पड़ रहा है. हालांकि श्रद्धालुओं की सहायता के लिए बाकायदा जगह-जगह पर 'खोया पाया केंद्र' बनाए गए हैं. यहां बिछड़े लोगों को फिर से मिलाने की पूरी कोशिश की जा रही है. 'ईटीवी भारत' ने ऐसे ही अपनों से बिछड़े लोगों को कतारों में लगा देखकर उनसे बात की तो कई ऐसे भी मिले, जिन्होंने अनाउंसमेंट कर नाम पुकारा और उसके बाद उनका फिर से मिलना हो गया. इससे कुंभ में मुरझाए चेहरे फिर से खिल जा रहे हैं. कुंभ में हजारों लोगों को अब तक मिलाया जा चुका है.
संगम में स्नान करने आए कई लोग अपनों से बिछड़ भी रहे हैं और इसके बाद उनके माथे पर चिंता की लकीरें खिंच रही हैं, लेकिन प्रशासन की तरफ से बाकायदा खोए हुए लोगों के फिर से मिलाने की पूरी व्यवस्था की गई है. यहां पर अनाउंसमेंट केंद्र बनाए गए हैं, जहां से लगातार जो भी लोग एक-दूसरे से बिछड़ रहे हैं, अनाउंसमेंट कर उन्हें नियत स्थान पर बुलाया जा रहा है. इससे कई बिछड़े हुए परिजन और मित्र वापस मिल रहे हैं.
पालमपुर से आए अनोखे वर्मा अपने आठ साथियों के साथ महाकुंभ में स्नान करने आए थे, लेकिन उनका हाथ छूट गया और वह बढ़ गए. इसके बाद खोया पाया केंद्र की कतार में उनके सती लगे और अनाउंसमेंट कर रहे थे तभी अनोखेलाल भी उसी कतार में अपने दोस्तों से वापस मिलने के लिए अनाउंसमेंट करने लगे यहीं पर उन लोगों के मुलाकात हो गई और मुरझाए हुए चेहरे एक बार फिर खिल गए. इसके बाद सभी ने काफी राहत की सांस ली.
वहीं खोया पाया केंद्र पर कहीं ऐसे लोग भी पहुंचे, जिनके पास कोई अपना सामान छोड़ कर चला गया. वह भी लाइन में लगकर उनके आधार कार्ड के जरिए अनाउंसमेंट करा बुला रहे हैं. इसी तरह बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी कतारें खोया पाया केंद्रों पर लगी हैं. साथ ही यहां पुलिस की टीम लगी है जो श्रद्धालुओं की सहायता कर रही है. सिविल डिफेंस की टीम भी मददगार साबित हो रही है. अभी तक हजारों लोगों को एक दूसरे से मिलाया जा चुका है. महाकुंभ बिछड़ने और मिलने का भी संगम साबित हो रहा है.