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चंदौली: 3 साल से ICU तैयार पर मयस्सर नहीं इलाज, जिम्मेदार कौन

ETV BHARAT लगातार आपको चंदौली स्वास्थ्य महकमे से रूबरू करा रहा है. 'वेंटिलेटर पर स्वास्थ्य विभाग' पार्ट-2 में ETV BHARAT ने आपको रूबरू कराया था इकौनी सीएचसी से. पार्ट-3 में आज जानिए आईसीयू वार्ड की हालत.

आईसीयू में चंदौली.
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Published : Sep 19, 2019, 7:00 AM IST

चंदौली: सरकारें बदलीं व्यस्थाएं बदलीं, लेकिन जो नहीं बदले वो चंदौली की स्वास्थ्य व्यवस्था के हालात. दावे हुए...वादे हुए...इन वादों के बीच लोगों की आस बढ़ी...उम्मीदें जगीं, लेकिन सरकार के न वादे पूरे हुए और न दावे कहीं दिखाई दिए. हम बात कर रहे हैं चंदौली के स्वास्थ्य विभाग की, जहां कई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आधे-अधूरे छोड़ दिए गए, ट्रॉमा सेंटर भी बना और आईसीयू भी...फिर सरकार बदल गई तो जस के तस छोड़ दिए गए.

देखें स्पेशल रिपोर्ट.

2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस आईसीयू वार्ड का लोकार्पण किया था. सरकार बदली...निजाम बदला तो लोगों को लगा कि बदलते जमाने के साथ चंदौली के लोगों के भी दिन बहुरेंगे और गंभीर रोगियों को बेहतर इलाज जिले में ही हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. तीन साल पहले करीब एक करोड़ की लागत से बना आईसीयू कभी शुरू ही नहीं हो सका.

कब होगी कार्रवाई
ऐसा नहीं है कि यह मामला भी जिले के अन्य स्वास्थ्य केंद्रों की तरह अधूरा पड़ा है या जांच चल रही है. आईसीयू चालू किए जाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से शासन को कई बार पत्र और रिमाइंडर भेजा जा चुका है. बावजूद इसके अब तक इसे चालू नहीं किया जा सका.

ये भी पढ़ें- चंदौलीः करोड़ों खर्च पर बबुरी को नहीं मिला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जिम्मेदार आखिर कौन

स्वास्थ्य मंत्री रहे सिद्धार्थ नाथ सिंह दिया था आश्वासन
स्वास्थ्य मंत्री रहे सिद्धार्थ नाथ सिंह ने भी इसे जल्द चालू किए जाने का आश्वासन दिया था, लेकिन उस आश्वासन को भी दो साल बीत गए. सरकार के बाकी नुमाइंदों के वादे भी लोगों को याद हैं, लेकिन वादा करने वाले जिम्मेदार भूल गए.

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एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट में शामिल है चंदौली
जरूरी ह्यूमन रिसोर्स की कमी के चलते आईसीयू चालू नहीं किया जा सका. इसे चालू करने के लिए स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स, पैरा मेडिकल स्टाफ और अन्य स्टाफ की जरूरत है. सांसद डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय का संसदीय क्षेत्र चंदौली एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट में भी शामिल है और स्वास्थ्य उसके प्रमुख इंडिकेटर में. ऐसा में देखना दिलचस्प होगा कि जिला अस्पताल परिसर में शो-पीस बनी आईसीयू बिल्डिंग कब चालू होती है.

चंदौली: सरकारें बदलीं व्यस्थाएं बदलीं, लेकिन जो नहीं बदले वो चंदौली की स्वास्थ्य व्यवस्था के हालात. दावे हुए...वादे हुए...इन वादों के बीच लोगों की आस बढ़ी...उम्मीदें जगीं, लेकिन सरकार के न वादे पूरे हुए और न दावे कहीं दिखाई दिए. हम बात कर रहे हैं चंदौली के स्वास्थ्य विभाग की, जहां कई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आधे-अधूरे छोड़ दिए गए, ट्रॉमा सेंटर भी बना और आईसीयू भी...फिर सरकार बदल गई तो जस के तस छोड़ दिए गए.

देखें स्पेशल रिपोर्ट.

2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस आईसीयू वार्ड का लोकार्पण किया था. सरकार बदली...निजाम बदला तो लोगों को लगा कि बदलते जमाने के साथ चंदौली के लोगों के भी दिन बहुरेंगे और गंभीर रोगियों को बेहतर इलाज जिले में ही हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. तीन साल पहले करीब एक करोड़ की लागत से बना आईसीयू कभी शुरू ही नहीं हो सका.

कब होगी कार्रवाई
ऐसा नहीं है कि यह मामला भी जिले के अन्य स्वास्थ्य केंद्रों की तरह अधूरा पड़ा है या जांच चल रही है. आईसीयू चालू किए जाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से शासन को कई बार पत्र और रिमाइंडर भेजा जा चुका है. बावजूद इसके अब तक इसे चालू नहीं किया जा सका.

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स्वास्थ्य मंत्री रहे सिद्धार्थ नाथ सिंह दिया था आश्वासन
स्वास्थ्य मंत्री रहे सिद्धार्थ नाथ सिंह ने भी इसे जल्द चालू किए जाने का आश्वासन दिया था, लेकिन उस आश्वासन को भी दो साल बीत गए. सरकार के बाकी नुमाइंदों के वादे भी लोगों को याद हैं, लेकिन वादा करने वाले जिम्मेदार भूल गए.

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एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट में शामिल है चंदौली
जरूरी ह्यूमन रिसोर्स की कमी के चलते आईसीयू चालू नहीं किया जा सका. इसे चालू करने के लिए स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स, पैरा मेडिकल स्टाफ और अन्य स्टाफ की जरूरत है. सांसद डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय का संसदीय क्षेत्र चंदौली एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट में भी शामिल है और स्वास्थ्य उसके प्रमुख इंडिकेटर में. ऐसा में देखना दिलचस्प होगा कि जिला अस्पताल परिसर में शो-पीस बनी आईसीयू बिल्डिंग कब चालू होती है.

Intro:चन्दौली - प्रदेश की सरकार गरीबों को बेहतर इलाज मुहैया कराने के लिए तमाम तरह के प्रयास कर रही है लेकिन चंदौली में गरीब इलाज के अभाव में दम तोड़ देते हैं या फिर उन्हें वाराणसी रेफर कर दिया जाता है. जिला अस्पताल में करीब 5 साल पहले आकस्मिक सघन चिकित्सा केंद्र बना. इसके लिए जरूरी उपकरण भी खरीदे गए. लेकिन यह आईसीयू वार्ड सिर्फ इसलिए नहीं चालू किया जा सका. क्योंकि इसे चलाने के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों व पैरामेडिकल स्टाफ की कमी है. जिसे अब तक पूरा नहीं किया जा सका. इसमें रखे गए उपकरण अब जंग खा रहे हैं.

Body:वीओ - 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस आईसीयू कक्ष का लोकार्पण किया था. सरकार बदली निजाम बदला तो लोगों को लगा कि अब बदलते जमाने के साथ चन्दौली के लोगों के भी दिन बहुरेंगे और गंभीर रोगियों को बेहतर इलाज जिले में ही उपलब्ध हो जाएगा. लेकिन ऐसा नहीं हो सका. 4 साल पहले करीब एक करोड़ की लागत से बना आकस्मिक गहन चिकित्सा कक्ष आईसीयू आज तक शुरू नहीं हो सका. जिससे लोगों को कठिनाई का सामना करना पड़ता है.और गंभीर हालत में मरीजों को वाराणसी लेकर जाना पड़ता है. जिससे कई मरीज समय से इलाज म मिल पाने की वजह से दम तोड़ देते है.

वॉक थ्रू

वीओ - ऐसा नहीं है कि यह मामला भी अन्य स्वास्घ्य केंद्रों की तरह अधूरा पड़ा है जांच चल रही है. आईसीयू चालू किये जाने के लिए जरूरी मैन पावर के स्वास्थ्य विभाग की तरफ से शासन को कई बार पत्र और रिमाइंडर भेजा जा चुका है. लेकिन बावजूद इसके अबतक इसे चालू नहीं किया जा सका. ये हाल तब है जब सरकार बनने के बाद पहली बार निरीक्षण को पहुँचे अबतक के प्रभारी मंत्री जयप्रकाश निषाद, प्रभारी आईएस अनुराग श्रीवास्तव और मंत्री मंडल विस्तार से पूर्व प्रदेश सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे सिद्धार्थ नाथ सिंह ने भी इसे जल्द चालू किए जाने का आश्वासन दिया था. लेकिन दो साल बीत जाने के बाद उनका वादा भी हवा हवाई साबित हुआ. सरकार के सभी नुमाइंदों ने इसे चालू कराने के लिए सिर्फ आश्वासन की घुट्टी पिलाई. लेकिन पहल करते हुए इसे चालू कराने की दिलचस्पी किसी जनप्रतिनिधि ने नहीं दिखाई. जिससे यह आईसीयू बिल्डिंग मात्र शोपीस बनकर रह गया.

बाइट - पंकज (तीमारदार)


वीओ - इस बाबत जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ अरविंद का कहना है. आईसीयू वार्ड पिछले कई सालों बनकर तैयार है. लेकिन इसे संचालित करने के लिए जरूरी ह्यूमन रिसोर्स की कमी के चलते को चालू नहीं किया जा सका. इसे चालू करने के लिए स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स, पैरा मेडिकल स्टाफ व अन्य स्टाफ की जरूरत है.जिसके बाद शासन को कई बार डिमांड भेजी जा चुकी है. यहां के स्थानीय सांसद और केंद्रीय मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पांडेय के भी संज्ञान में मामला है. जल्द यहां मेडिकल स्टाफ की नियुक्ति की जाएगी. जिससे शासन की मंशा के अनुरुप जनता की सेवा के लिए उपलब्ध होगा.


बाइट - डॉ अरविंद सिंह (सीएमएस जिला अस्पताल)

एफवीओ - ये हाल तब है जब केंद्रीय मंत्री और स्थानीय संसद डॉ महेंद्र नाथ पांडेय है. यहीं नहीं चन्दौली एस्पेरेशनल डिस्ट्रिक्ट में भी शामिल और स्वास्थ्य उसके प्रमुख इंडिकेटर में शामिल है. ऐसा ये देखना दिलचस्प होगा जिला अस्पताल परिसर शो पीस बना आईसीयू बिल्डिंग कब चालू होता है.

Conclusion:कमलेश गिरी
चन्दौली
9452845730

Note - सुधीर सर और राहुल तिवारी जी के ध्यानार्थ विशेष इनपुट स्टोरी
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