चंदौली: सरकारें बदलीं व्यस्थाएं बदलीं, लेकिन जो नहीं बदले वो चंदौली की स्वास्थ्य व्यवस्था के हालात. दावे हुए...वादे हुए...इन वादों के बीच लोगों की आस बढ़ी...उम्मीदें जगीं, लेकिन सरकार के न वादे पूरे हुए और न दावे कहीं दिखाई दिए. हम बात कर रहे हैं चंदौली के स्वास्थ्य विभाग की, जहां कई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आधे-अधूरे छोड़ दिए गए, ट्रॉमा सेंटर भी बना और आईसीयू भी...फिर सरकार बदल गई तो जस के तस छोड़ दिए गए.
2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस आईसीयू वार्ड का लोकार्पण किया था. सरकार बदली...निजाम बदला तो लोगों को लगा कि बदलते जमाने के साथ चंदौली के लोगों के भी दिन बहुरेंगे और गंभीर रोगियों को बेहतर इलाज जिले में ही हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. तीन साल पहले करीब एक करोड़ की लागत से बना आईसीयू कभी शुरू ही नहीं हो सका.
कब होगी कार्रवाई
ऐसा नहीं है कि यह मामला भी जिले के अन्य स्वास्थ्य केंद्रों की तरह अधूरा पड़ा है या जांच चल रही है. आईसीयू चालू किए जाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से शासन को कई बार पत्र और रिमाइंडर भेजा जा चुका है. बावजूद इसके अब तक इसे चालू नहीं किया जा सका.
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स्वास्थ्य मंत्री रहे सिद्धार्थ नाथ सिंह दिया था आश्वासन
स्वास्थ्य मंत्री रहे सिद्धार्थ नाथ सिंह ने भी इसे जल्द चालू किए जाने का आश्वासन दिया था, लेकिन उस आश्वासन को भी दो साल बीत गए. सरकार के बाकी नुमाइंदों के वादे भी लोगों को याद हैं, लेकिन वादा करने वाले जिम्मेदार भूल गए.
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एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट में शामिल है चंदौली
जरूरी ह्यूमन रिसोर्स की कमी के चलते आईसीयू चालू नहीं किया जा सका. इसे चालू करने के लिए स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स, पैरा मेडिकल स्टाफ और अन्य स्टाफ की जरूरत है. सांसद डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय का संसदीय क्षेत्र चंदौली एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट में भी शामिल है और स्वास्थ्य उसके प्रमुख इंडिकेटर में. ऐसा में देखना दिलचस्प होगा कि जिला अस्पताल परिसर में शो-पीस बनी आईसीयू बिल्डिंग कब चालू होती है.