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पैसे देकर TRP बढ़वाने वाले चैनलों का जनता करे बहिष्कार: सपा सांसद - टीआरपी मामला

यूपी के मुरादाबाद जिले से सपा सांसद डॉ. एसटी हसन ने टीवी चैनलों की टीआरपी के खेल को लेकर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जो चैनल्स सिर्फ टीआरपी के लिए भाई को भाई से लड़ा रहे हैं. ऐसे चैनलों का जनता को बहिष्कार कर देना चाहिए.

सपा सांसद डॉ. एसटी हसन
सपा सांसद डॉ. एसटी हसन
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Published : Oct 9, 2020, 4:11 PM IST

मुरादाबाद: जिले से समाजवादी सांसद डॉ. एसटी हसन ने टीवी चैनलों की टीआरपी के खेल को लेकर बयान दिया है. सपा सांसद के मुताबिक जनता को चाहिए कि वे ऐसे चैनलों का बहिष्कार कर दें, जो सिर्फ अपनी टीआरपी के लिए देश में भाई को भाई से लड़ा रहे हैं. अपनी टीआरपी के लिए सुशांत की मौत का तमाशा तक बना दिया. पता नहीं मरने वाले की किन परिस्थितियों में मौत हुई है, लेकिन फिर क्या हुआ सच्चाई सबके सामने आई? अब देश के सामने टीआरपी का खेल भी आ गया है, इसलिए जनता को ऐसे चैनलों का बहिष्कार कर देना चाहिए.

मुरादाबाद के सांसद डॉक्टर एसटी हसन का कहना है कि इस वक्त हमारे लिए बड़ी बदकिस्मती की बात है कि देश का चौथे स्तंभ कहे जाने वाले मीडिया की विश्ववसनीय खत्म सी हो गई है. अगर हमें किसी भी खबर की खोज करनी होती है तो हम लोग इंटरनेशनल मीडिया न्यूज पर खबर देखा करते हैं.

टीआरपी को लेकर उठे विवाद पर सपा सांसद ने कहा कि एक इंसान ने किन परिस्थितियों में खुदकुशी कर ली और सिर्फ टीआरपी के चक्कर में मीडिया ने इतना तमाशा बना दिया. अब इन मीडिया चैनलों की सच्चाई लोगों के सामने आई गई है. मुंबई पुलिस कमिश्नर के मुताबिक चैनलों को पैसे देकर टीआरपी बढ़वाई जा रही है, इससे घिनौना और क्या हो सकता है. सपा सांसद ने कहा कि ऐसे चैनलों का जनता को बहिष्कार कर देना चाहिए, क्योंकि ऐसे चैनल जनता को सिर्फ मिस गाइड करने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ये किसी एक मीडिया संस्थान की बात नहीं है. टीआरपी के चक्कर में इनके चैनल पर कोरोना को कोरोना-जिहाद के रूप में दिखाया जाता है.

सपा सांसद ने कहा कि कुछ कथित चैनल सिर्फ टीआरपी के लिए कहीं डेमोलिस्टेड करने की बात करते हैं तो कभी इंसानों को बांटने की बात करते हैं. हमारी तहजीब को खत्म करने की बात करते हैं, इसलिए इनकी जांच करवानी चाहिए और साथ ही इस बात की भी जांच की जानी चाहिए कि कौन-सा चैनल, कौन सी पार्टी चला रही है.

हाथरस में हुई घटना को लेकर मुरादाबाद सांसद डॉ. एसटी हसन का कहना है कि घिनौना अपराध हुआ है. कानून व्यवस्था पूरी तरीके से फेल हो गई. अब उसमें दूसरा रास्ता दिखाना शुरू कर दिया गया है. बदकिस्मती यह है कि कुछ चैनल भी इनमें टीआरपी के खेल के लिए इन्वॉल्व हो गए, जो लोगों का माइंड डायवर्ट कर रहे हैं. अब लोग यह भूल चुके हैं कि उस गुड़िया के साथ क्या हुआ था? सिर्फ लोगों के दिमाग में यह आ गया कि केस में 50 करोड़ की फंडिंग हो गई, दंगा कराने की साजिश थी.

हाथरस केस पर सपा सांसद ने कहा कि घटना को लेकर कुछ भी साबित नहीं हो रहा है. बाकी अगर सबूत सामने आए और साबित हो जाए तो कार्रवाई की जानी चाहिए, लेकिन तोड़मरोड़ कर यह साबित न कराएं. किसी भी मुद्दे को लेकर इस तरीके की सियासत नहीं होनी चाहिए और न ही इस तरीके की पत्रकारिता की जानी चाहिए.

मुरादाबाद: जिले से समाजवादी सांसद डॉ. एसटी हसन ने टीवी चैनलों की टीआरपी के खेल को लेकर बयान दिया है. सपा सांसद के मुताबिक जनता को चाहिए कि वे ऐसे चैनलों का बहिष्कार कर दें, जो सिर्फ अपनी टीआरपी के लिए देश में भाई को भाई से लड़ा रहे हैं. अपनी टीआरपी के लिए सुशांत की मौत का तमाशा तक बना दिया. पता नहीं मरने वाले की किन परिस्थितियों में मौत हुई है, लेकिन फिर क्या हुआ सच्चाई सबके सामने आई? अब देश के सामने टीआरपी का खेल भी आ गया है, इसलिए जनता को ऐसे चैनलों का बहिष्कार कर देना चाहिए.

मुरादाबाद के सांसद डॉक्टर एसटी हसन का कहना है कि इस वक्त हमारे लिए बड़ी बदकिस्मती की बात है कि देश का चौथे स्तंभ कहे जाने वाले मीडिया की विश्ववसनीय खत्म सी हो गई है. अगर हमें किसी भी खबर की खोज करनी होती है तो हम लोग इंटरनेशनल मीडिया न्यूज पर खबर देखा करते हैं.

टीआरपी को लेकर उठे विवाद पर सपा सांसद ने कहा कि एक इंसान ने किन परिस्थितियों में खुदकुशी कर ली और सिर्फ टीआरपी के चक्कर में मीडिया ने इतना तमाशा बना दिया. अब इन मीडिया चैनलों की सच्चाई लोगों के सामने आई गई है. मुंबई पुलिस कमिश्नर के मुताबिक चैनलों को पैसे देकर टीआरपी बढ़वाई जा रही है, इससे घिनौना और क्या हो सकता है. सपा सांसद ने कहा कि ऐसे चैनलों का जनता को बहिष्कार कर देना चाहिए, क्योंकि ऐसे चैनल जनता को सिर्फ मिस गाइड करने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ये किसी एक मीडिया संस्थान की बात नहीं है. टीआरपी के चक्कर में इनके चैनल पर कोरोना को कोरोना-जिहाद के रूप में दिखाया जाता है.

सपा सांसद ने कहा कि कुछ कथित चैनल सिर्फ टीआरपी के लिए कहीं डेमोलिस्टेड करने की बात करते हैं तो कभी इंसानों को बांटने की बात करते हैं. हमारी तहजीब को खत्म करने की बात करते हैं, इसलिए इनकी जांच करवानी चाहिए और साथ ही इस बात की भी जांच की जानी चाहिए कि कौन-सा चैनल, कौन सी पार्टी चला रही है.

हाथरस में हुई घटना को लेकर मुरादाबाद सांसद डॉ. एसटी हसन का कहना है कि घिनौना अपराध हुआ है. कानून व्यवस्था पूरी तरीके से फेल हो गई. अब उसमें दूसरा रास्ता दिखाना शुरू कर दिया गया है. बदकिस्मती यह है कि कुछ चैनल भी इनमें टीआरपी के खेल के लिए इन्वॉल्व हो गए, जो लोगों का माइंड डायवर्ट कर रहे हैं. अब लोग यह भूल चुके हैं कि उस गुड़िया के साथ क्या हुआ था? सिर्फ लोगों के दिमाग में यह आ गया कि केस में 50 करोड़ की फंडिंग हो गई, दंगा कराने की साजिश थी.

हाथरस केस पर सपा सांसद ने कहा कि घटना को लेकर कुछ भी साबित नहीं हो रहा है. बाकी अगर सबूत सामने आए और साबित हो जाए तो कार्रवाई की जानी चाहिए, लेकिन तोड़मरोड़ कर यह साबित न कराएं. किसी भी मुद्दे को लेकर इस तरीके की सियासत नहीं होनी चाहिए और न ही इस तरीके की पत्रकारिता की जानी चाहिए.

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