मुरादाबाद: मन में कुछ करने का जज्बा हो तो कोई राह मुश्किल नहीं होती. जी हां! ऐसी ही कहानी है मुरादाबाद के देहात क्षेत्र में रहने वाली शोभा की. आर्थिक स्थिति कमजोर होने के बावजूद पांचवी तक पढ़ी शोभा आज पूरे गांव की शान बन गई हैं.
घर के बाहर बगीचे में रखी मधुमक्खियों की पेटी में शहद जांच रही इस लड़की का नाम शोभा है. मुरादाबाद के छजलैट ब्लॉक स्थित मानपुर नजराना गांव की रहने वाली शोभा आज पूरे गांव के लिए एक मिसाल बन गई है. आर्थिक तंगहाली के चलते पांचवीं तक की पढ़ाई करने वाली शोभा ने अपने जैसी और ग्यारह लड़कियों को संगठित किया. इसके बाद उन्होंने घर में ही कपड़े सिलने और मधुमक्खी पालन का काम शुरू कर दिया.
शोभा के लिए यह राह आसान नहीं थी. उस वक्त परिजनों से लेकर ग्रामीणों ने उन्हें जमकर कोसा लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. समाज के तानों को अनसुना कर शोभा आगे बढ़ती गई और जल्द ही उसने अपने साथ काम कर रही लड़कियों की आगे की पढ़ाई शुरू करवाई. सिलाई कढ़ाई के ऑर्डर मिलने शुरू हुए, तो उन्होंने चार समूह बनाए और कारोबार को आगे बढ़ाया. शोभा गांव के किसानों को जैविक खेती की ट्रेनिंग भी दे रही हैं. उनका लक्ष्य गांव की लड़कियों को शिक्षित करने के साथ ही जैविक खेती को बढ़ावा देना भी है.
शोभा के पिता को आज तक इस बात का मलाल है कि उन्होंने अपनी बेटी को ट्रेनिंग के लिये केवल इसलिये बंगलुरू नहीं जाने दिया कि वो एक लड़की है. शोभा के बढ़ते कदमों के साथ उनके परिजन भी उनके साथ खड़े हैं. ऐसे में कहना गलत नहीं होगा कि शोभा ने अपने इरादों से पूरे गांव की शोभा में चार चांद लगा दिया.