प्रयागराज: महाकुंभ मेला 13 जनवरी से 26 फरवरी तक आयोजित होगा. इस दौरान मेले में आने वाले श्रद्धालु डिजिटल रूप से महाकुंभ की पूरी कहानी देख और सुन सकेंगे. कुंभ मेले में पहली बार ऐसी सुविधा की व्यवस्था की गई है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर प्रयागराज में डिजिटल महाकुंभ अनुभव केंद्र खोला गया है, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), वर्चुअल रियलिटी (वीआर), ऑगमेंटेड रियलिटी (एआर), लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग (लीडार) तकनीक, एलईडी डिस्प्ले और होलोग्राम का उपयोग करके महाकुंभ मेले के पीछे की पौराणिक कहानियों को डिजिटल रूप से चित्रित करता है. यह केंद्र 60,000 वर्ग फीट में फैला है और इसे 12 क्षेत्रों में विभाजित किया गया है. केंद्र में जगह-जगह पौराणिक आकृतियों की मूर्तियां इसकी सुंदरता बढ़ाती हैं.
डिजिटल महाकुंभ अनुभव केंद्र में प्रवेश करते ही सबसे पहले आपको एक प्रोजेक्शन थ्रेड पर महाकुंभ मेले का ट्रेलर दिखाई देता है. इसके बाद, आपको एक लकड़ी की दीवार पर स्क्रॉल के रूप में प्रोजेक्शन के माध्यम से समुद्र मंथन की कहानी सुनाई जाती है.
आगे बढ़ने पर यमुनोत्री ग्लेशियर के पास होने का अनुभव होता है. फिर आप बहते हुए यमुना नदी पर हाथ फेर सकते हैं जिससे पानी में लहरें उठती हैं. इसी तरह, आप प्रयाग महात्म्य और त्रिवेणी संगम की कहानियों का अनुभव कर सकते हैं.
संपूर्ण अनुभव काफी मनोरंजक है और इसे महाकुंभ की कहानी को नई पीढ़ी और विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षक बनाने के लिए डिजाइन किया गया है.
9 जनवरी को डिजिटल महाकुंभ अनुभव केंद्र का उद्घाटन करते हुए सीएम योगी ने कहा कि यह आज के युवाओं को प्रेरित करेगा और विदेशी पर्यटकों को 'भारत की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक समृद्धि का प्रामाणिक अनुभव' प्रदान करेगा.
नोएडा स्थित पैवेलियन एंड इंटीरियर्स इवेंट मैनेजमेंट फर्म के प्रमुख और डिजिटल महाकुंभ अनुभव केंद्र स्थापित करने में अहम भूमिका निभाने वाले मोहित वर्मा ने ईटीवी भारत को बताया, "कुंभ की पूरी कहानी बताने वाला एक शो आयोजित करने का विचार मुख्यमंत्री (योगी आदित्यनाथ) का था. इसके बाद मेला प्राधिकरण ने टेंडर जारी किया. हमें पिछले साल 16 दिसंबर को टेंडर मिला."
उन्होंने बताया कि वह 18 दिसंबर को महाकुंभ मेला स्थल के सेक्टर 3 क्षेत्र में उस स्थान पर पहुंचे थे, जहां केंद्र स्थापित किया जाना था. उन्होंने वहां का मुआयना किया और उसके बाद क्षेत्र निर्धारित करने का कार्य किया.
वर्मा ने कहा कि क्षेत्र निर्धारण के साथ ही उनकी कंटेंट टीम ने कंटेंट की अवधारणा बनाना शुरू कर दिया. उन्होंने कहा, "यहां मौजूद हर चीज, चाहे वो मूर्तियां हों या कला की दीवार, हमारी टीम द्वारा हाथ से बनाई गई है और कुछ भी आउटसोर्स या खरीदा हुआ नहीं है."
योगी आदित्यनाथ ने 9 जनवरी को केंद्र का उद्घाटन किया, इसके तुरंत बाद यह केंद्र लाइव हो गया. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अपने एक्स हैंडल पर इस केंद्र के बारे में पोस्ट भी किया.
21 दिनों के भीतर बनाया गया केंद्र
केंद्र की स्थापना के बारे में सबसे अद्भुत पहलू क्या था, इस सवाल पर वर्मा ने कहा, "केंद्र के निर्माण से लेकर सामग्री बनाने और मूर्तियों को हाथ से तैयार करने तक - सब कुछ 21 दिनों के भीतर किया गया. दूसरे शब्दों में, हमने यह सब - शुरू से अंत तक - तीन सप्ताह के भीतर किया."
महाकुंभ मेला 2025 की पूर्व संध्या पर रविवार को पूरे दिन आयोजन स्थल पर बूंदाबांदी होती रही. हालांकि, इससे लाखों आगंतुकों- चाहे वे पर्यटक हों, तीर्थयात्री हों, तपस्वी हों या विदेशी हों, को 12 साल में एक बार होने वाले इस आयोजन स्थल पर घूमने-फिरने से कोई रुकावट नहीं हुई.
इस बीच, बहुत से श्रद्धालु डिजिटल महाकुंभ अनुभव केंद्र के प्रवेश द्वार पर एकत्रित होते देखे गए, जो वहां स्थापित दो टिकट काउंटरों पर लोगों से पूछ रहे थे कि यह सब क्या है.
वर्मा ने कहा, "9 जनवरी को केंद्र के उद्घाटन के बाद मेला शुरू होने से पहले ही प्रतिदिन 3,000-4,000 आगंतुक आ रहे हैं."
डिजिटल महाकुंभ अनुभव केंद्र में प्रवेश के लिए टिकट की कीमत 50 रुपये है. शो प्रतिदिन सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक चलते हैं, दोपहर 2 बजे से 3 बजे तक एक घंटे का ब्रेक होता है. हालांकि, केंद्र 13 और 14 जनवरी को बंद रहेगा, जो पवित्र स्नान के दिन हैं.
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