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मुरादाबाद में पहले पुलिस पर पहले बरसाए पत्थर, अब बरसाए फूल

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में पिछले दिनों जहां डॉक्टरों की टीम पर हमला हुआ था, शनिवार को उसी शहर में पुलिस पर फूल बरसाए गए. फूल बरसाने वाले लोगों का कहना है कि किसी धर्म और शहर में लोग एक जैसे नहीं होते.

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कोरोना वॉरियर्स पर बरसाए गए फूल.
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Published : Apr 18, 2020, 8:41 PM IST

मुरादाबाद: जिले में 15 अप्रैल को एक ऐसी तस्वीर देखने को मिली है, जहां स्वास्थ्यकर्मी और पुलिसकर्मियों के ऊपर वहां के लोगों ने जमकर पत्थर बरसाए थे. इस पत्थरबाजी में स्वास्थ्य विभाग कर्मचारी और पुलिसकर्मी घायल हुए थे. वहीं शनिवार को उसी इलाके में फिर से क्वारंटाइन के लिए डॉक्टर और पुलिस की टीम पहुंची, तो पत्थरबाजी नहीं बल्कि वहां के लोगों ने फूल बरसाकर स्वागत किया.

कोरोना वॉरियर्स पर बरसाए गए फूल.

पत्थर बरसाने वाले सजा के हकदार
फूल बरसाने वाले लोगों का कहना है कि किसी धर्म या फिर किसी शहर में लोग एक जैसे नहीं होते. उन्होंने कहा कि जिन्होंने भी कोरोना वॉरियर्स पर पत्थर बरसाए वह सजा के हकदार हैं. लोगों का कहना है कि जो लोग अपनी जान जोखिम में डालकर हमारी सेवा कर रहे हैं वो सही मायने में फूलों के हकदार हैं.

10 लोगों को किया गया क्वारंटाइन
नागफनी थाने के हाजी नेक मस्जिद पर जाने से पहले मेडिकल और पुलिस टीम ने इतनी जल्दी यह नहीं सोचा होगा, जिस जगह तीन दिन पहले उनपर पत्थर बरसाए गए थे आज उसी जगह उन्हीं लोगों के बीच कुछ लोग फूलों की बारिश कर उनका स्वागत करेंगे. साथ ही पहले जहां लोग क्वारंटाइन के लिए जाने का विरोध कर रहे थे वहीं आज अपनी सहमति से 10 लोग क्वारंटाइन होंगे.

मौलाना फजल उर रहमान का कहना है कि हमने आज कोरोना संक्रमण से मरे गए सरताज के परिजनों को मेडिकल टीम के साथ क्वारंटाइन के लिए भेजा है. तीन दिन पहले हमारे मोहल्ले में कुछ असामाजिक तत्वों ने मेडिकल, पुलिस टीम के साथ अभद्रता की थी और उनपर पत्थर बरसाए थे. जिससे हमारे समाज के लोगों की बहुत बदनामी हुई है.

लोगों को आगे आकर हम लोगों का सहयोग करना चाहिए. कुछ लोग आगे भी आये है. यह बीमारी जाती-धर्म पूछकर नहीं आती है. इसलिए इस लड़ाई को मिलकर लड़ना है.
राजेश कुमार, क्षेत्राधिकारी

मुरादाबाद: जिले में 15 अप्रैल को एक ऐसी तस्वीर देखने को मिली है, जहां स्वास्थ्यकर्मी और पुलिसकर्मियों के ऊपर वहां के लोगों ने जमकर पत्थर बरसाए थे. इस पत्थरबाजी में स्वास्थ्य विभाग कर्मचारी और पुलिसकर्मी घायल हुए थे. वहीं शनिवार को उसी इलाके में फिर से क्वारंटाइन के लिए डॉक्टर और पुलिस की टीम पहुंची, तो पत्थरबाजी नहीं बल्कि वहां के लोगों ने फूल बरसाकर स्वागत किया.

कोरोना वॉरियर्स पर बरसाए गए फूल.

पत्थर बरसाने वाले सजा के हकदार
फूल बरसाने वाले लोगों का कहना है कि किसी धर्म या फिर किसी शहर में लोग एक जैसे नहीं होते. उन्होंने कहा कि जिन्होंने भी कोरोना वॉरियर्स पर पत्थर बरसाए वह सजा के हकदार हैं. लोगों का कहना है कि जो लोग अपनी जान जोखिम में डालकर हमारी सेवा कर रहे हैं वो सही मायने में फूलों के हकदार हैं.

10 लोगों को किया गया क्वारंटाइन
नागफनी थाने के हाजी नेक मस्जिद पर जाने से पहले मेडिकल और पुलिस टीम ने इतनी जल्दी यह नहीं सोचा होगा, जिस जगह तीन दिन पहले उनपर पत्थर बरसाए गए थे आज उसी जगह उन्हीं लोगों के बीच कुछ लोग फूलों की बारिश कर उनका स्वागत करेंगे. साथ ही पहले जहां लोग क्वारंटाइन के लिए जाने का विरोध कर रहे थे वहीं आज अपनी सहमति से 10 लोग क्वारंटाइन होंगे.

मौलाना फजल उर रहमान का कहना है कि हमने आज कोरोना संक्रमण से मरे गए सरताज के परिजनों को मेडिकल टीम के साथ क्वारंटाइन के लिए भेजा है. तीन दिन पहले हमारे मोहल्ले में कुछ असामाजिक तत्वों ने मेडिकल, पुलिस टीम के साथ अभद्रता की थी और उनपर पत्थर बरसाए थे. जिससे हमारे समाज के लोगों की बहुत बदनामी हुई है.

लोगों को आगे आकर हम लोगों का सहयोग करना चाहिए. कुछ लोग आगे भी आये है. यह बीमारी जाती-धर्म पूछकर नहीं आती है. इसलिए इस लड़ाई को मिलकर लड़ना है.
राजेश कुमार, क्षेत्राधिकारी

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