मिर्जापुर: कानून मंत्री ब्रजेश पाठक के बाद मिर्जापुर के बीजेपी से नगर विधायक रत्नाकर मिश्रा ने स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन पर कोरोना के इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. विधायक रत्नाकर मिश्रा का आरोप है कि कोरोना के मरीजों को वेंटिलेटर नहीं मिल पा रहा है. जिससे जिले में मौतों को आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. वहीं, सीएमओ भी लापरवाही बरत रहे हैं. यहां तक कि कोविड से मौत के बाद उनके परिजनों से ही शव को पैक करवाया जा रहा है. कोरोना को लेकर स्वास्थ्य विभाग गंभीर नहीं है.
'मेटल व्यवसायी को नहीं मिला था वेंटिलेटर'
मिर्जापुर के जाने-माने मेटल व्यवसायी व बीजेपी के वरिष्ठ नेता के छोटे भाई की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया था. जहां उन्हें भर्ती नहीं किया गया था. विधायक रत्नाकर मिश्रा ने सीएमओ से बात करके मरीज को भर्ती करवाया. इस दौरान मरीज की हालत खराब देखते हुए कई बार सीएमओ ने वेंटिलेटर सुविधा मुहैया कराने की बात कही, लेकिन मरीज को वेंटिलेटर की सुविधा नहीं दी गई और सुबह 4 बजे उसकी मौत हो गई. स्वास्थ्य विभाग ने परिजनों को बुलाकर उन्हीं से शव को सील कराया और एम्बुलेंस में भी रखवाया. जिसकी शिकायत विधायक रत्नाकर मिश्रा ने डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार व अपरजिलाधिकारी यूपी सिंह से की है.
बीजेपी विधायक सीएमओ पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए मामले की जांच के लिए मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखने की बात कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिले में महिलाओं की डिलिवरी से लेकर अन्य इलाज में पैसे लिए जा रहे हैं. जब से वर्तमान सीएमओ की तैनाती हुई है. तब से भ्रष्टाचार चरम पर है.
कोविड प्रोटोकॉल के नियमों के तहत हुआ इलाज
सीएमओ डॉ. पीडी गुप्ता ने उन पर लगे आरोपों का जवाब देते हुए बताया कि विधायक के आरोप गलत है. व्यवसायी को एल-टू अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वेंटिलेटर भी दिया गया था. जब तक मरीज जीवित थे तब तक ऑक्सीजन पर ही थे. मृत्यु के बाद उनकी बॉडी को अस्पताल के कर्मचारियों ने ही सील किया. सीएमओ ने बताया कि अस्पताल में कोविड प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है.
इसे भी पढे़ं- प्रधान प्रत्याशी की पीट-पीटकर हत्या, गांव में फोर्स तैनात