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मेरठ: लाॅकडाउन में टूटी व्यापार की कमर, 35 प्रतिशत तक घटा कारोबार

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Published : Jul 30, 2020, 12:59 PM IST

Updated : Jul 30, 2020, 1:42 PM IST

लॉकडाउन के दौरान देश भर में हर तरह के व्यापार पर असर पड़ा है. महीनों भर दुकानों के बंद होने से कारोबार प्रभावित हुआ है. ऐसे में ईटीवी भारत ने मेरठ के कारोबारियों से खास बातचीत की. देखिए ये स्पेशल रिपोर्ट...

लाॅकडाउन में टूटी व्यापार की कमर.
लाॅकडाउन में टूटी व्यापार की कमर.

मेरठ: लॉकडाउन के चलते शहर की मंडियों में 30 से 35 प्रतिशत तक कारोबार प्रभावित हुआ है. अनलाॅक में मिली छूट के बाद कारोबार में और अधिक मंदी देखने को मिल रही है. कारोबारियों का मानना है कि जब तक हालात पूरी तरह सामान्य नहीं होंगे, तब तक व्यापार में तेजी नहीं आएगी.

स्पेशल रिपोर्ट.

कारोबार पर असर
शहर की नवीन मंडी में दलहन और अनाज की मंडियां हैं. यहां सामान्य दिनों में रोजाना 3 करोड़ रुपये तक का कारोबार होता था, लेकिन लॉकडाउन के वजह से अब यह कारोबार 2 करोड़ के आसपास ही सिमट गया है. अनलॉक में मिली छूट के बाद इसमें और गिरावट देखी जा रही है. इस बार शादी-विवाह का सीजन भी लाॅकडाउन में खाली चला गया, जिसकी भरपाई करने में लंबा समय लगेगा.

दाल मंडी के अध्यक्ष मनोज गुप्ता का कहना है कि मार्च में लगे लाॅकडाउन के बाद से बाजार बुरी तरह प्रभावित हैं. लाॅकडाउन में बिक्री कम प्रभावित हुई, लेकिन अनलाॅक में मिली छूट के बाद और गिरावट आ गई है. इसका यही कारण है कि लाॅकडाउन में लोग एडवांस में ही खाने-पीने का सामान खरीद कर रख ले रहे थे, लेकिन अब लोग जरूरत के अनुसार ही खरीद रहे हैं.

बाजार में मंदी भी नजर आती है. दलहन में ही 10 रुपये प्रति किलो दाम कम हुए हैं. मनोज गुप्ता का कहना है कि लाॅकडाउन के दौरान बाजार में जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई करने में समय लगेगा. जब तक माहौल सामान्य नहीं होगा, तब तक बाजार में रौनक नहीं दिखेगी.

संयुक्त व्यापार संघ के अध्यक्ष नवीन गुप्ता का कहना है कि सभी व्यापार की स्थिति अलग है. लॉकडाउन में दाल, चावल, किराना, खाने पीने के व्यापार पर कम प्रभाव पड़ा है, जबकि अन्य व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. व्यापार बंद होने के बावजूद भी व्यापारियों को अपने स्टाफ को सैलरी देनी पड़ी. थोक मंडी में 4 घंटे का कारोबार होता है और इस अवधि में भी व्यापारी खाली बैठे नजर आते हैं.

राजस्व को भी हो रहा नुकसान
लाॅकडाउन में कारोबार प्रभावित होने का असर राजस्व पर भी दिखाई दे रहा है. वाणिज्य विभाग में लॉकडाउन के कारण व्यापारियों ने अप्रैल और मई में रिटर्न फाइल नहीं किया. इस दौरान व्यापार भी पूरी तरह बंद रहे. वाणिज्य विभाग के एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-1 एसएन पांडेय के मुताबिक (बिना कैमरे के बताया) मेरठ जोन में लॉकडाउन से पहले प्रतिमाह 125 से 150 करोड़ तक राजस्व प्राप्त होता था, लेकिन जून 2019 के मुकाबले जून 2020 तक की बात करें तो 10 प्रतिशत की कमी राजस्व में आई है.

बरसात के मौसम में कारोबार कम होता है, इसीलिए अभी राजस्व में बढ़ोतरी की संभावना कम है. अनलाॅक में मेरठ के स्पोर्ट्स और अन्य ट्रेड में कारोबार शुरू होने से राजस्व बढ़ने की संभावना है.

मेरठ: लॉकडाउन के चलते शहर की मंडियों में 30 से 35 प्रतिशत तक कारोबार प्रभावित हुआ है. अनलाॅक में मिली छूट के बाद कारोबार में और अधिक मंदी देखने को मिल रही है. कारोबारियों का मानना है कि जब तक हालात पूरी तरह सामान्य नहीं होंगे, तब तक व्यापार में तेजी नहीं आएगी.

स्पेशल रिपोर्ट.

कारोबार पर असर
शहर की नवीन मंडी में दलहन और अनाज की मंडियां हैं. यहां सामान्य दिनों में रोजाना 3 करोड़ रुपये तक का कारोबार होता था, लेकिन लॉकडाउन के वजह से अब यह कारोबार 2 करोड़ के आसपास ही सिमट गया है. अनलॉक में मिली छूट के बाद इसमें और गिरावट देखी जा रही है. इस बार शादी-विवाह का सीजन भी लाॅकडाउन में खाली चला गया, जिसकी भरपाई करने में लंबा समय लगेगा.

दाल मंडी के अध्यक्ष मनोज गुप्ता का कहना है कि मार्च में लगे लाॅकडाउन के बाद से बाजार बुरी तरह प्रभावित हैं. लाॅकडाउन में बिक्री कम प्रभावित हुई, लेकिन अनलाॅक में मिली छूट के बाद और गिरावट आ गई है. इसका यही कारण है कि लाॅकडाउन में लोग एडवांस में ही खाने-पीने का सामान खरीद कर रख ले रहे थे, लेकिन अब लोग जरूरत के अनुसार ही खरीद रहे हैं.

बाजार में मंदी भी नजर आती है. दलहन में ही 10 रुपये प्रति किलो दाम कम हुए हैं. मनोज गुप्ता का कहना है कि लाॅकडाउन के दौरान बाजार में जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई करने में समय लगेगा. जब तक माहौल सामान्य नहीं होगा, तब तक बाजार में रौनक नहीं दिखेगी.

संयुक्त व्यापार संघ के अध्यक्ष नवीन गुप्ता का कहना है कि सभी व्यापार की स्थिति अलग है. लॉकडाउन में दाल, चावल, किराना, खाने पीने के व्यापार पर कम प्रभाव पड़ा है, जबकि अन्य व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. व्यापार बंद होने के बावजूद भी व्यापारियों को अपने स्टाफ को सैलरी देनी पड़ी. थोक मंडी में 4 घंटे का कारोबार होता है और इस अवधि में भी व्यापारी खाली बैठे नजर आते हैं.

राजस्व को भी हो रहा नुकसान
लाॅकडाउन में कारोबार प्रभावित होने का असर राजस्व पर भी दिखाई दे रहा है. वाणिज्य विभाग में लॉकडाउन के कारण व्यापारियों ने अप्रैल और मई में रिटर्न फाइल नहीं किया. इस दौरान व्यापार भी पूरी तरह बंद रहे. वाणिज्य विभाग के एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-1 एसएन पांडेय के मुताबिक (बिना कैमरे के बताया) मेरठ जोन में लॉकडाउन से पहले प्रतिमाह 125 से 150 करोड़ तक राजस्व प्राप्त होता था, लेकिन जून 2019 के मुकाबले जून 2020 तक की बात करें तो 10 प्रतिशत की कमी राजस्व में आई है.

बरसात के मौसम में कारोबार कम होता है, इसीलिए अभी राजस्व में बढ़ोतरी की संभावना कम है. अनलाॅक में मेरठ के स्पोर्ट्स और अन्य ट्रेड में कारोबार शुरू होने से राजस्व बढ़ने की संभावना है.

Last Updated : Jul 30, 2020, 1:42 PM IST
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