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मेरठ: टेलीमेडिसिन से पशुपालकों को सुझाव दे रहे डॉक्टर

मेरठ में लॉकडाउन के दौरान पालतू जानवरों में लीवर और किडनी खराब होने जैसी गंभीर बीमारी देखने को मिल रही है. उनके इलाज के लिए वेटरनरी कॉलेज के डॉक्टरों द्वारा टेलीमेडिसिन सेवा प्रदान की जा रही है.

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सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय
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Published : May 1, 2020, 8:48 AM IST

मेरठः कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन में सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय मोदीपुरम के पशुचिकित्सा एवं वेटरनरी कॉलेज के डॉक्टरों द्वारा टेलीमेडिसिन सेवा से पशुपालकों की समस्याओं का समाधान किया जा रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि लॉकडाउन के दौरान पालतू जानवरों में लीवर और किडनी खराब होने जैसी गंभीर बीमारी देखने को मिल रही है. पिछले एक महीने में वेटरनरी कॉलेज के चिकित्सकों द्वारा 54 गाय-भैंस और 43 कुत्ते-बिल्लियों का इलाज किया गया.

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पालतू जानवरों का इलाज.
पालतू जानवरों के व्यवहार में आ रहा बदलाव वेटरनरी कॉलेज के डीन डॉ. राजबीर सिंह का कहना है कि घर के अंदर रहने वाले पालतू जानवरों को लोग पहले की तरह खुलकर बाहर नहीं घुमा पा रहे हैं, जिससे इनके व्यवहार और स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है. इनमें तेज बुखार, डायरिया, थैलेरिओसिस, रेड वाटर इत्यादि से सम्बंधित बीमारियां ज्यादा देखने को मिल रही हैं. पालतू कुत्तों और बिल्लियों में भूख न लगना, बुखार, लीवर एवं किडनी से सम्बंधित समस्याएं बढ़ रही हैं.
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डॉक्टरों द्वारा टेलीमेडिसिन की सुविधा.
पशु चिकित्सक दे रहे टेलीमेडिसिन सेवा सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय मोदीपुरम के पशुचिकित्सा एवं वेटरनरी कॉलेज के वैज्ञानिकों द्वारा पशु चिकित्सालय परिसर में गंभीर पशुओं का इलाज किया जा रहा है. इसके अलावा टेलीफोन पर भी पशुपालकों को पशु स्वास्थ्य सम्बन्धी सुविधा प्रदान की जा रही है. डीन डॉ. राजबीर सिंह ने बताया कि लॉकडाउन को एक माह से अधिक समय हो गया है. फोन के माध्यम से मेरठ जिले के अलावा मुज्जफरनगर, मुरादाबाद, संभल, बरेली, रामपुर, अमरोहा, वाराणसी, जौनपुर इत्यादि के किसानों और पशुपालकों को चिकित्सीय परामर्श उपलब्ध कराया जा रहा है. फरीदाबाद और दिल्ली से भी फोन पर पालतू जानवरों के स्वास्थ्य ​को लेकर परामर्श दिया जा रहा है.वेटरनरी कॉलेज में सुविधाएंपशुचिकित्सा कॉलेज के विभिन्न विभागों जैसे कि मेडिसिन, सर्जरी एवं गायनोकोलॉजी विभाग के चिकित्सकों द्वारा पशुओं के अल्ट्रासाउंड, सर्जरी एवं सिजेरियन ऑपरेशन की सुविधा भी प्रदान की जा रही है. विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आरके मित्तल ने बताया कि विश्वविद्यालय किसानों की सेवा के लिए तत्पर है. पशुपालकों को उनके पशुओं की बीमारियों से संबंधित जानकारियां व परामर्श विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ पशुचिकित्सकों द्वारा दिया जा रहा है.

मेरठः कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन में सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय मोदीपुरम के पशुचिकित्सा एवं वेटरनरी कॉलेज के डॉक्टरों द्वारा टेलीमेडिसिन सेवा से पशुपालकों की समस्याओं का समाधान किया जा रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि लॉकडाउन के दौरान पालतू जानवरों में लीवर और किडनी खराब होने जैसी गंभीर बीमारी देखने को मिल रही है. पिछले एक महीने में वेटरनरी कॉलेज के चिकित्सकों द्वारा 54 गाय-भैंस और 43 कुत्ते-बिल्लियों का इलाज किया गया.

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पालतू जानवरों का इलाज.
पालतू जानवरों के व्यवहार में आ रहा बदलाव वेटरनरी कॉलेज के डीन डॉ. राजबीर सिंह का कहना है कि घर के अंदर रहने वाले पालतू जानवरों को लोग पहले की तरह खुलकर बाहर नहीं घुमा पा रहे हैं, जिससे इनके व्यवहार और स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है. इनमें तेज बुखार, डायरिया, थैलेरिओसिस, रेड वाटर इत्यादि से सम्बंधित बीमारियां ज्यादा देखने को मिल रही हैं. पालतू कुत्तों और बिल्लियों में भूख न लगना, बुखार, लीवर एवं किडनी से सम्बंधित समस्याएं बढ़ रही हैं.
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डॉक्टरों द्वारा टेलीमेडिसिन की सुविधा.
पशु चिकित्सक दे रहे टेलीमेडिसिन सेवा सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय मोदीपुरम के पशुचिकित्सा एवं वेटरनरी कॉलेज के वैज्ञानिकों द्वारा पशु चिकित्सालय परिसर में गंभीर पशुओं का इलाज किया जा रहा है. इसके अलावा टेलीफोन पर भी पशुपालकों को पशु स्वास्थ्य सम्बन्धी सुविधा प्रदान की जा रही है. डीन डॉ. राजबीर सिंह ने बताया कि लॉकडाउन को एक माह से अधिक समय हो गया है. फोन के माध्यम से मेरठ जिले के अलावा मुज्जफरनगर, मुरादाबाद, संभल, बरेली, रामपुर, अमरोहा, वाराणसी, जौनपुर इत्यादि के किसानों और पशुपालकों को चिकित्सीय परामर्श उपलब्ध कराया जा रहा है. फरीदाबाद और दिल्ली से भी फोन पर पालतू जानवरों के स्वास्थ्य ​को लेकर परामर्श दिया जा रहा है.वेटरनरी कॉलेज में सुविधाएंपशुचिकित्सा कॉलेज के विभिन्न विभागों जैसे कि मेडिसिन, सर्जरी एवं गायनोकोलॉजी विभाग के चिकित्सकों द्वारा पशुओं के अल्ट्रासाउंड, सर्जरी एवं सिजेरियन ऑपरेशन की सुविधा भी प्रदान की जा रही है. विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आरके मित्तल ने बताया कि विश्वविद्यालय किसानों की सेवा के लिए तत्पर है. पशुपालकों को उनके पशुओं की बीमारियों से संबंधित जानकारियां व परामर्श विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ पशुचिकित्सकों द्वारा दिया जा रहा है.
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