मेरठः पश्चिम उत्तर प्रदेश में नकली तेल के कारोबार का सिलसिला लगतार जारी है. गुरुवार को एसटीएफ की टीम ने मेरठ के न्यारा पेट्रोल पंप पर छापा मारा. एसटीएफ की टीम ने मेरठ में 5 पेट्रोल पंप पर छापेमारी की है. इन पेट्रोल पंपों पर समानांतर ऑटोमेशन सिस्टम लगा कर तेल में मिलावट की जा रही थी. नकली डीजल और पेट्रोल मिलाकर ये पेट्रोल पंप रोजाना लाखों के मुनाफे कमा रहे थे.
एसटीएफ के अधिकारियों की माने तो ये लोग मशीनों में एक समानांतर ऑटोमेशन सिस्टम लगाकर बड़े हुए स्टाक को मैनुपुलेट कर रहे थे. आसान भाषा में कहें तो अगर पेट्रोल पंप पर 10000 लीटर पेट्रोल का स्टॉक है, तो ये लोग उसमें 10000 लीटर नकली सॉल्वेंट मिला देते थे. इसके बावजूद स्टॉक में केवल 10000 ही तेल उपलब्ध होने के डाटा दिखता था. लेकिन, हकीकत में ये लोग 20000 लीटर पेट्रोल बेचते थे. मेरठ में कमोबेश न्यारा के सभी पेट्रोल पंप की यही हकीकत है. एसटीएफ की टीम ने 5 पेट्रोल पंपों पर छापेमारी करके इन गड़बड़ियों का पर्दाफाश किया है.
वही, न्यारा पेट्रोल पंप के सेल्स ऑफिसर ने भी इस समानांतर ऑटोमेशन सिस्टम की पुष्टि की है. गौरतलब है कि मिलावटी डीजल और पेट्रोल के लिए मेरठ के पेट्रोल पंप हमेशा से विवादों में रहे हैं. 19 अगस्त 2019 को मेरठ में आईजी के निर्देश पर एक आईपीएस अधिकारी ने पुलिस टीम के साथ परतापुर और टीपीनगर में छापा मारकर 2.20 लाख लीटर मिलावटी तेल पकड़ा था. जिसमें दस लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. इस कार्रवाई से पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया था. इसके बाद शासन ने एसआईटी की टीम गठित करके मेरठ भेजा था.
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