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मेरठ: तालाब की मिट्टी से बढ़ेगा फसलों का उत्पादन, पाए गए गुणकारी तत्व - तालाब की मिट्टी के फायदे

यूपी के मेरठ में कृषि विश्वविद्यालय में की जा रही रिसर्च में तलाब की मिट्टी में गुणकारी तत्व सामने आए हैं. फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए तालाब की मिट्टी बेहद उपयोगी साबित होती है.

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तालाब की मिट्टी
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Published : Nov 29, 2019, 10:28 AM IST

मेरठ: तालाब की मिट्टी में कई ऐसे गुणकारी तत्व मौजूद हैं, जो फसलों में उपयोग किए जाएं तो वह फसल का उत्पादन बढ़ाने में सहायक सिद्ध होते हैं. तालाब की मिट्टी से पानी की बचत भी होती है. यह बात कृषि विश्वविद्यालय में की जा रही रिसर्च के दौरान सामने आई. कृषि वैज्ञानिक तालाब की मिट्टी को लेकर अभी और रिसर्च में जुटे हैं.

जानकारी देते आरएस सेंगर, प्रोफेसर.

सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आरएस सेंगर के अनुसार-

  • तालाब की मिट्टी को लेकर जो प्रारंभिक नतीजे सामने आए हैं वह बेहद ही आशा जनक साबित हुए हैं.
  • तालाब की मिट्टी के अंदर जीवाश्म की मात्रा बेहद अधिक होती है.
  • इस मिट्टी के अंदर इको फ्रेंडली बैक्टीरिया प्रचुर मात्रा में होते हैं.
  • इस मिट्टी का उपयोग किए जाने से खेत की उर्वरा शक्ति बढ़ती है.
  • तालाब की मिट्टी में पानी को रोकने की शक्ति अधिक होती है.
  • इसलिए फसल में पानी की बचत के लिए भी यह कारगर साबित हो रही है.
  • कार्बन की मात्रा अधिक होने के कारण फसल का उत्पादन भी अधिक होता है.

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प्रोफेसर आरएस सेंगर ने बताया कि अभी तक जो परिणाम सामने आए हैं वह अच्छे साबित हो रहे हैं. अभी इस दिशा में प्रयोग किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि तालाब की मिट्टी को खेत में इस तरह से बिखेरा जाता है- जैसे खेत में गोबर की खाद को बिखेरा जाता है. उसके बाद खेत की जुताई होने पर तालाब की मिट्टी खेत में मिल जाती है. इसके कई और भी फायदे हैं. तालाब की मिट्टी का उपयोग होने से जहां तालाबों की सफाई हो सकेगी, वहीं तालाबों का संरक्षण भी हो सकेगा.

Intro:मेरठ: तालाब की मिट्टी में है गुणकारी तत्व, उत्पादन में होती है बढ़ोतरी
मेरठ। तालाब की मिट्टी में कई ऐसे गुणकारी तत्व मौजूद हैं जो यदि फसलों में उपयोग किए जाएं तो वह फसल का उत्पादन बढ़ाने में सहायक सिद्ध होते हैं। यही नहीं तालाब की मिट्टी से पानी की बचत भी होती है। यह बात कृषि विश्वविद्यालय में की जा रही रिसर्च के दौरान सामने आई है। कृषि वैज्ञानिक तालाब की मिट्टी को लेकर अभी और रिसर्च में जुटे हैं।




Body:सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आर एस सेंगर ने बताया कि तालाब की मिट्टी को लेकर जो प्रारंभिक नतीजे सामने आए हैं वह बेहद ही आशा जनक साबित हुए हैं। तालाब की मिट्टी के अंदर जीवाश्म की मात्रा बेहद अधिक होती है। इस मिट्टी के अंदर इको फ्रेंडली बैक्टीरिया प्रचुर मात्रा में होते हैं। जिस कारण इस मिट्टी का उपयोग किए जाने से खेत की उर्वरा शक्ति बढ़ती है।आर एस सेंगर के मुताबिक तालाब की मिट्टी में पानी को रोकने की शक्ति अधिक होती है, इसलिए फसल में पानी की बचत के लिए भी यह कारगर साबित हो रही है। कार्बन की मात्रा अधिक होने के कारण फसल का उत्पादन भी अधिक होता है। बताया कि अभी तक जो परिणाम सामने आए हैं वह अच्छे साबित हो रहे हैं। अभी इस दिशा में प्रयोग किए जा रहे हैं।




Conclusion:आरएस सेंगर ने बताया कि तालाब की मिट्टी को खेत में इस तरह से बिखेरा जाता है जैसे खेत में गोबर की खाद को बिखेरा जाता है। उसके बाद खेत की जुताई होने पर तालाब की मिट्टी खेत में मिल जाती है। इसके कई और भी फायदे हैं। तालाब की मिट्टी का उपयोग होने से जहां तालाबों की सफाई हो सकेगी वहीं तालाबों का संरक्षण भी हो सकेगा।

बाइट- आरएस प्रोफेसर, कृषि विश्वविद्यालय

अजय चौहान
9897799794

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