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माह-ए-रमजान पर लगा कोरोना ग्रहण, पहले जुमे पर धर्म गुरुओं ने की अपील

यूपी के मेरठ समेत सभी जनपदों में कोरोना के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. कोरोना काल में इस्लामिक त्योहार माह-ए-रमजान पर एक बार फिर कोरोना का ग्रहण लगता नजर आ रहा है. इसे देखते हुए इस्लामिक धर्म गुरुओं ने रोजेदारों और नमाजियों को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने की सलाह दी है.

माह-ए-रमजान पर कोरोना ग्रहण.
माह-ए-रमजान पर कोरोना ग्रहण.
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Published : Apr 16, 2021, 3:59 PM IST

Updated : Apr 16, 2021, 5:07 PM IST

मेरठ: कोरोना वायरस का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है. पश्चिमी यूपी के मेरठ समेत सभी जनपदों में कोरोना के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. कोरोना काल में इस्लामिक त्योहार माह-ए-रमजान पर एक बार फिर कोरोना का ग्रहण लगता नजर आ रहा है. आज रमजान मुबारक का पहला जुमा है. बड़ी संख्या में नमाजी और रोजेदार नमाज अदा कर रहे हैं. कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए इस्लामिक धर्मगुरुओं ने रोजेदारों और नमाजियों को न सिर्फ कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने की सलाह दी है. बल्कि कोरोना के खात्मे के लिए दुआ करने की अपील की है.

कोरोना गाइडलाइंस का पालन करने की अपील.

मुस्लिम धर्मगुरुओं ने की अपील

आज माह-ए-रमजान का पहला जुमा है. जुमे के दिन को इस्लाम में इबादत का पवित्र दिन माना जाता है. नमाजी और रोजेदार मस्जिदों में जुमे की नमाज अदा कर दुआ करते हैं, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर ने इस बार भी रमजान की खुशियों पर पानी फेर दिया है. इसके चलते मुस्लिम धर्मगुरुओं ने कोरोना से बचने के साथ कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने की नसीहत दी है. कारी इशहाक गोरा ने कहा कि रमजान-उल-मुबारक का पहला जुमा है. पूरे देश में कोरोना के चलते हालात अच्छे नहीं हैं. ऐसे में हम सबकी जिम्मेदारी बनती है कि कोरोना से बचने और बचाने के लिए सरकार और स्वास्थ्य विभाग द्वारा बताए गए उपायों को अपनाएं.

इसे भी पढ़ें- गाजीपुर बॉर्डरः किसान आंदोलन में नवरात्री व रमजान के लिये एक साथ हुआ फलाहार

बढ़ता जा रहा कोरोना का प्रकोप

इन दिनों कोरोना वायरस ने एक बार फिर पूरे प्रदेश को अपनी चपेट में ले लिया है. चारों ओर हाहाकार मचा है. योगी सरकार ने जहां साप्ताहिक बाजारों पर बैन लगा दिया है. वहीं रविवार को सम्पूर्ण लॉकडाउन लागू कर दिया है. सरकार लगातार मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंस के पालन की अपील कर रही है. बिना मास्क मिलने पर 500 रुपये के चालान किए जा रहे हैं. स्कूल कॉलेज 15 मई तक पहले ही बंद कर दिए गए हैं. बावजूद इसके आम जनमानस कोरोना की दूसरी लहर को हल्के में ले रहे हैं.

अंजुमन मसाजिद इंतजामिया कमेटी के संयुक्त सचिव एस. एम. यासीन.
अंजुमन मसाजिद इंतजामिया कमेटी के संयुक्त सचिव एस. एम. यासीन.

कोरोना के बढ़ रहे मामले

पिछले साल की तरह इस बार भी गर्मियां आते ही कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. मेरठ जिले में रिकॉर्ड तोड़ 595 कोरोना के नए मरीज सामने आए हैं. वहीं मेडिकल कॉलेज में 8 मरीजों की मौत हुई है. कोरोना से मरने वालों में 4 मेरठ के रहने वाले हैं, जबकि 4 अन्य जिलों के बताए जा हैं. बुलंदशहर में 241, सहारनपुर में 158, बिजनौर में 182, मुजफ्फरनगर में 176 नए मामले आए हैं. इसके चलते माह-ए रमजान पर कोरोना ग्रहण लगता नजर आ रहा है. सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने हर किसी को घर में रहकर इबादत करने की अपील की है. लगातार कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है.

इसे भी पढ़ें- नाइट कर्फ्यू में समय परिवर्तन की मुस्लिम समुदाय ने उठाई मांग, रमजान का हवाला

वाराणसीः डीएम के वीकेंड लॉकडाउन के ऐलान को अंजुमन मसाजिद इंतजामिया कमेटी ने अपना समर्थन दिया है. साथ ही कमेटी के संयुक्त सचिव एस. एम. यासीन ने मुस्लिम बंधुओं से अपील की है कि रात्रि 8 बजे से लेकर सुबह 7 बजे तक कर्फ्यू के नियमों का पालन करें. ऐसे में रोजे की नमाज लोग अपने घर पर ही अदा करें. उन्होंने कहा कि किसी तरह की मनमानी करने से बचे. 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोग और बच्चे घर पर ही नमाज अदा करें. उन्होंने बनारस शहर के लोगों से अपील करते हुए कहा कि सभी से आग्रह है कि जिला प्रशासन का पूरी तरह से सहयोग करें.

मेरठ: कोरोना वायरस का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है. पश्चिमी यूपी के मेरठ समेत सभी जनपदों में कोरोना के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. कोरोना काल में इस्लामिक त्योहार माह-ए-रमजान पर एक बार फिर कोरोना का ग्रहण लगता नजर आ रहा है. आज रमजान मुबारक का पहला जुमा है. बड़ी संख्या में नमाजी और रोजेदार नमाज अदा कर रहे हैं. कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए इस्लामिक धर्मगुरुओं ने रोजेदारों और नमाजियों को न सिर्फ कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने की सलाह दी है. बल्कि कोरोना के खात्मे के लिए दुआ करने की अपील की है.

कोरोना गाइडलाइंस का पालन करने की अपील.

मुस्लिम धर्मगुरुओं ने की अपील

आज माह-ए-रमजान का पहला जुमा है. जुमे के दिन को इस्लाम में इबादत का पवित्र दिन माना जाता है. नमाजी और रोजेदार मस्जिदों में जुमे की नमाज अदा कर दुआ करते हैं, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर ने इस बार भी रमजान की खुशियों पर पानी फेर दिया है. इसके चलते मुस्लिम धर्मगुरुओं ने कोरोना से बचने के साथ कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने की नसीहत दी है. कारी इशहाक गोरा ने कहा कि रमजान-उल-मुबारक का पहला जुमा है. पूरे देश में कोरोना के चलते हालात अच्छे नहीं हैं. ऐसे में हम सबकी जिम्मेदारी बनती है कि कोरोना से बचने और बचाने के लिए सरकार और स्वास्थ्य विभाग द्वारा बताए गए उपायों को अपनाएं.

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बढ़ता जा रहा कोरोना का प्रकोप

इन दिनों कोरोना वायरस ने एक बार फिर पूरे प्रदेश को अपनी चपेट में ले लिया है. चारों ओर हाहाकार मचा है. योगी सरकार ने जहां साप्ताहिक बाजारों पर बैन लगा दिया है. वहीं रविवार को सम्पूर्ण लॉकडाउन लागू कर दिया है. सरकार लगातार मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंस के पालन की अपील कर रही है. बिना मास्क मिलने पर 500 रुपये के चालान किए जा रहे हैं. स्कूल कॉलेज 15 मई तक पहले ही बंद कर दिए गए हैं. बावजूद इसके आम जनमानस कोरोना की दूसरी लहर को हल्के में ले रहे हैं.

अंजुमन मसाजिद इंतजामिया कमेटी के संयुक्त सचिव एस. एम. यासीन.
अंजुमन मसाजिद इंतजामिया कमेटी के संयुक्त सचिव एस. एम. यासीन.

कोरोना के बढ़ रहे मामले

पिछले साल की तरह इस बार भी गर्मियां आते ही कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. मेरठ जिले में रिकॉर्ड तोड़ 595 कोरोना के नए मरीज सामने आए हैं. वहीं मेडिकल कॉलेज में 8 मरीजों की मौत हुई है. कोरोना से मरने वालों में 4 मेरठ के रहने वाले हैं, जबकि 4 अन्य जिलों के बताए जा हैं. बुलंदशहर में 241, सहारनपुर में 158, बिजनौर में 182, मुजफ्फरनगर में 176 नए मामले आए हैं. इसके चलते माह-ए रमजान पर कोरोना ग्रहण लगता नजर आ रहा है. सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने हर किसी को घर में रहकर इबादत करने की अपील की है. लगातार कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है.

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वाराणसीः डीएम के वीकेंड लॉकडाउन के ऐलान को अंजुमन मसाजिद इंतजामिया कमेटी ने अपना समर्थन दिया है. साथ ही कमेटी के संयुक्त सचिव एस. एम. यासीन ने मुस्लिम बंधुओं से अपील की है कि रात्रि 8 बजे से लेकर सुबह 7 बजे तक कर्फ्यू के नियमों का पालन करें. ऐसे में रोजे की नमाज लोग अपने घर पर ही अदा करें. उन्होंने कहा कि किसी तरह की मनमानी करने से बचे. 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोग और बच्चे घर पर ही नमाज अदा करें. उन्होंने बनारस शहर के लोगों से अपील करते हुए कहा कि सभी से आग्रह है कि जिला प्रशासन का पूरी तरह से सहयोग करें.

Last Updated : Apr 16, 2021, 5:07 PM IST
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