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हाईटेक दस्ताना सर्दी के साथ दुश्मन पर भी पड़ेगा भारी, जानें कैसे होगा यूज

मेरठ के इंजीनियरिंग कॉलेज में एक खास तरह का दस्ताना तैयार किया गया है. इसकी खूबी है कि यह सर्दी के साथ दुश्मनों को भी सबक सिखाएगा.

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Published : Dec 23, 2022, 8:28 PM IST

इन्नोवेटर श्याम चौरसिया ने हाईटेक दस्ताने की दी जानकारी

मेरठ: जनपद के एक इंजीनियरिंग कॉलेज में खास हाईटेक आर्मी दस्ताना बनाया गया है. यह दस्ताना हाथों को ठंड से बचाने के साथ दुश्मनों को भी सबक सिखा सकता है. यह खास दस्ताना कई खुबियों से लैस है. ऐसा दावा किया जा रहा है कि यह दस्ताना खासतौर पर सेना के लिए उपयोगी साबित हो सकता है. जानिए इसकी क्या है खासियत और कैसे करेगा काम.

मेरठ इंजीनियरिंग कॉलेज के अटल कम्युनिटी सेंटर (Meerut Atal Community Center) में कार्यरत इन्नोवेटर श्याम चौरसिया ने यह दस्ताना तैयार किया है. इसे बीते दिनों अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प को देखते हुए बनाया गया है. उन्होंने बताया कि यह दस्ताना दुश्मनों से भी मुकाबला करने में सक्षम है. यह दस्ताना करीब 4 हजार वोल्ट का झटका भी दे सकता है. सेना के जवान इसके माध्यम से कंट्रोल रूम को वहां की वास्तविक स्थिति से भी अवगत करा सकते है. यह दस्ताना चार्जेबल होने के साथ रेडिओ फ्रिक्वेंसी से युक्त है. दोनों हाथों के दस्तानों की खूबियां भी अलग-अलग हैं.

इन्नोवेटर श्याम चौरसिया (Meerut Innovator Shyam Chaurasia) ने बताया कि उन्होंने इस दस्ताने को करीब 4 दिन में तैयार किया है. दाहिने हाथ के दस्ताने में एक बटन है, जो झड़प होने पर इस्तेमाल किया जा सकता है. इसमें लगे बटन को दबाने पर दस्ताने के निचले और ऊपरी सतह पर करीब 4 हजार वोल्ट का करंट दौड़ने लगेगा. यह दुश्मनों को सबक सिखाने में कारगर साबित होगा. वहीं, बाएं हाथ के दस्ताने में एक इमरजेंसी बटन लगा हुआ है, जो कि कंट्रोल रूम तक जवान के मुसीबत में होने की सूचना देगा. इसे बनाने में करीब 8500 रुपये का खर्च आया है. इसमें लेदर, कपड़े, कैपिसीटर, नैनों रेडियो कंट्रोल, गियर मोटर, डायनेमो 6 वोल्ट, स्विच समेत 3.7 वोल्ट बैटरी, का प्रयोग किया गया है.

श्याम चौरसिया ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इसके लिए पत्र लिखा जा रहा है. चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय (Chaudhary Charan Singh University Meerut) के सर छोटू राम इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रोजेक्ट इंचार्ज आशुतोष मिश्रा ने कहा कि यह बहुत ही अच्छा प्रयोग है. इसे और भी बेहतर किया जा सकता है. इसे एक खास तरह के चार्जर से जोड़कर चार्जर को जवान के जूते में लगाया जा सकता है और उसके वाइब्रेशन से ही यह चार्ज भी होता रहेगा.

पढ़ें- मेरठ मेडिकल कॉलेज में पहली बार ब्लू बेबी सिंड्रोम की सफल सर्जरी

इन्नोवेटर श्याम चौरसिया ने हाईटेक दस्ताने की दी जानकारी

मेरठ: जनपद के एक इंजीनियरिंग कॉलेज में खास हाईटेक आर्मी दस्ताना बनाया गया है. यह दस्ताना हाथों को ठंड से बचाने के साथ दुश्मनों को भी सबक सिखा सकता है. यह खास दस्ताना कई खुबियों से लैस है. ऐसा दावा किया जा रहा है कि यह दस्ताना खासतौर पर सेना के लिए उपयोगी साबित हो सकता है. जानिए इसकी क्या है खासियत और कैसे करेगा काम.

मेरठ इंजीनियरिंग कॉलेज के अटल कम्युनिटी सेंटर (Meerut Atal Community Center) में कार्यरत इन्नोवेटर श्याम चौरसिया ने यह दस्ताना तैयार किया है. इसे बीते दिनों अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प को देखते हुए बनाया गया है. उन्होंने बताया कि यह दस्ताना दुश्मनों से भी मुकाबला करने में सक्षम है. यह दस्ताना करीब 4 हजार वोल्ट का झटका भी दे सकता है. सेना के जवान इसके माध्यम से कंट्रोल रूम को वहां की वास्तविक स्थिति से भी अवगत करा सकते है. यह दस्ताना चार्जेबल होने के साथ रेडिओ फ्रिक्वेंसी से युक्त है. दोनों हाथों के दस्तानों की खूबियां भी अलग-अलग हैं.

इन्नोवेटर श्याम चौरसिया (Meerut Innovator Shyam Chaurasia) ने बताया कि उन्होंने इस दस्ताने को करीब 4 दिन में तैयार किया है. दाहिने हाथ के दस्ताने में एक बटन है, जो झड़प होने पर इस्तेमाल किया जा सकता है. इसमें लगे बटन को दबाने पर दस्ताने के निचले और ऊपरी सतह पर करीब 4 हजार वोल्ट का करंट दौड़ने लगेगा. यह दुश्मनों को सबक सिखाने में कारगर साबित होगा. वहीं, बाएं हाथ के दस्ताने में एक इमरजेंसी बटन लगा हुआ है, जो कि कंट्रोल रूम तक जवान के मुसीबत में होने की सूचना देगा. इसे बनाने में करीब 8500 रुपये का खर्च आया है. इसमें लेदर, कपड़े, कैपिसीटर, नैनों रेडियो कंट्रोल, गियर मोटर, डायनेमो 6 वोल्ट, स्विच समेत 3.7 वोल्ट बैटरी, का प्रयोग किया गया है.

श्याम चौरसिया ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इसके लिए पत्र लिखा जा रहा है. चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय (Chaudhary Charan Singh University Meerut) के सर छोटू राम इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रोजेक्ट इंचार्ज आशुतोष मिश्रा ने कहा कि यह बहुत ही अच्छा प्रयोग है. इसे और भी बेहतर किया जा सकता है. इसे एक खास तरह के चार्जर से जोड़कर चार्जर को जवान के जूते में लगाया जा सकता है और उसके वाइब्रेशन से ही यह चार्ज भी होता रहेगा.

पढ़ें- मेरठ मेडिकल कॉलेज में पहली बार ब्लू बेबी सिंड्रोम की सफल सर्जरी

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