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ठंड में फर्श पर बैठकर पढ़ने को मजबूर छात्राएं, 6 साल में नहीं मिल सकी बेंच - राजकीय कन्या इंटर कॉलेज की स्थापना

हम भले ही आज डिजिटल युग की बातें कर रहे हैं, लेकिन मेरठ में आज भी देश का भविष्य गलन भरी सर्दी में कॉलेज में फर्श पर बैठकर पढ़ने को मजबूर है. जबकि कॉलेज प्रिंसिपल बेंच और डेस्क के लिए उच्च अधिकारियों को प्रार्थना पत्र भेज चुकी हैं, बावजूद इसके पांच वर्षों से कॉलेज में छात्राओं के लिए फर्नीचर नही आया है.

फर्श पर बैठकर पढ़ने को मजबूर छात्राएं.
फर्श पर बैठकर पढ़ने को मजबूर छात्राएं.
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Published : Feb 7, 2021, 1:59 PM IST

मेरठ : एक ओर जहां कड़ाके की ठंड सबको घर में दुबकने के लिए मजबूर कर रही है. वहीं मेरठ के राजकीय कन्या इंटर कॉलेज में न सिर्फ होनहार बेटियां ठंडे फर्श पर बैठ कर पढ़ने को मजबूर हैं. कक्षा 9 से 12 की ये छात्राएं जहां अपने जूते भी कमरे से बाहर निकाल कर सभ्यता का परिचय दे रही हैं. वहीं शिक्षा को लेकर किये जा रहे सरकारी दावों की पोल खोल रही हैं. वहीं कॉलेज प्रिंसिपल बेंच और डेस्क के लिए उच्च अधिकारियों को प्रार्थना पत्र भेज चुकी हैं. बावजूद इसके पांच वर्षों से कॉलेज में छात्राओं के लिए फर्नीचर नहीं आ पाया है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट.

सरकारी दावों की खुल रही पोल
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार स्कूल और कॉलेजों में बेहतर शिक्षा व्यवस्था के दावे कर रहीं है. पीएम मोदी खुद "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" का नारा देकर बेटियों को आगे बढाने का आह्वान करते आ रहे हैं. लेकिन सरकारी नुमाइंदों की अनदेखी सरकार के इस नारे को पलीता लगा रही है. मेरठ के हापुड़ रोड के राजकीय कन्या इंटर कॉलेज की ये तस्वीरें सरकारी व्यवस्था की पोल खोलने के लिए काफी है. हैरान करने वाली बात तो ये है कि कड़ाके की ठंड में फर्नीचर के नाम पर टाट-पट्टी और दरी पर बैठना पड़ रहा है. जिससे इन छात्राओं को हाड़कंपा देने वाली ठंड से दो-चार होना पड़ रहा है. जिस मौसम में हर कोई ठंड से बचने के लिए अलाव और गर्म चीजों का सहारा लेना पड़ रहा है. ऐसे में इन छात्राओं को शीत लहर के साथ ठंडे फर्श पर पूरा दिन गुजारना पड़ रहा है.

फर्श पर बैठकर पढ़ने को मजबूर छात्राएं.
फर्श पर बैठकर पढ़ने को मजबूर छात्राएं.

6 साल से नहीं पहुंचा फर्नीचर
करीब 6 साल पहले सपा सरकार के कार्यकाल में इस राजकीय कन्या इंटर कॉलेज की स्थापना की गई थी. इन 6 वर्षों मे कॉलेज में न तो छात्राओं के बैठने के लिए बेंच आई है और न ही कुर्सियां पहुंची. कॉलेज स्थापना के बाद सरकार बदल गई लेकिन इसकी किस्मत नही बदली. इस बाबत प्रधानाचार्या पूनम गोयल ने बताया कि कॉलेज में सभी कक्षाओं के लिए 14 कमरे हैं. सभी कमरों में क्लास चल रही हैं लेकिन ये इन छात्राओं का दुर्भाग्य ही है कि कॉलेज के साथ शासन-प्रशासन सौतेला व्यवहार कर रहा है.

फर्श पर बैठकर पढ़ने को मजबूर छात्राएं.
फर्श पर बैठकर पढ़ने को मजबूर छात्राएं.

पत्राचार के बाद भी नहीं आया फर्नीचर
प्रधानाचार्या पूनम गोयल ने बताया कि वे अपने स्तर से कई बार उच्च अधिकारियों को कॉलेज में फर्नीचर के लिए पत्राचार कर चुकी हैं. लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है. जिसके चलते इन बच्चियों को ठंड के मौसम में भी ठंडे फर्श पर बैठकर पढ़ने को मजबूर है. सर्दी का मौसम हो या तपती गर्मी या फिर बारिश, इन्हें जमीन पर ही बैठना पड़ता है. वहीं जब अधिकारियों से इस बाबत बात की तो उन्होंने योजना आने के बाद फर्नीचर भेजने की बात कहकर टाल दिया.

फर्श पर बैठकर पढ़ने को मजबूर छात्राएं.
फर्श पर बैठकर पढ़ने को मजबूर छात्राएं.

वहीं जिला विद्यालय निरीक्षक फतेहचंद का कहना है कि उन्होंने कुछ दिन पहले ही कार्यभार संभाला है इसलिए उन्हें राजकीय कन्या इंटर कॉलेज में फर्नीचर न होने की जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि प्रधानाचार्या की तरफ से उनके पास लिखित में कोई पत्र नहीं आया है. अगर कॉलेज में फर्नीचर नहीं होने से छात्राओं को जमीन पर बैठना पड़ रहा है तो इस मामले में जल्द ही कार्यवाई की जाएगी.

फर्श पर बैठकर पढ़ने को मजबूर छात्राएं.
फर्श पर बैठकर पढ़ने को मजबूर छात्राएं.

मेरठ : एक ओर जहां कड़ाके की ठंड सबको घर में दुबकने के लिए मजबूर कर रही है. वहीं मेरठ के राजकीय कन्या इंटर कॉलेज में न सिर्फ होनहार बेटियां ठंडे फर्श पर बैठ कर पढ़ने को मजबूर हैं. कक्षा 9 से 12 की ये छात्राएं जहां अपने जूते भी कमरे से बाहर निकाल कर सभ्यता का परिचय दे रही हैं. वहीं शिक्षा को लेकर किये जा रहे सरकारी दावों की पोल खोल रही हैं. वहीं कॉलेज प्रिंसिपल बेंच और डेस्क के लिए उच्च अधिकारियों को प्रार्थना पत्र भेज चुकी हैं. बावजूद इसके पांच वर्षों से कॉलेज में छात्राओं के लिए फर्नीचर नहीं आ पाया है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट.

सरकारी दावों की खुल रही पोल
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार स्कूल और कॉलेजों में बेहतर शिक्षा व्यवस्था के दावे कर रहीं है. पीएम मोदी खुद "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" का नारा देकर बेटियों को आगे बढाने का आह्वान करते आ रहे हैं. लेकिन सरकारी नुमाइंदों की अनदेखी सरकार के इस नारे को पलीता लगा रही है. मेरठ के हापुड़ रोड के राजकीय कन्या इंटर कॉलेज की ये तस्वीरें सरकारी व्यवस्था की पोल खोलने के लिए काफी है. हैरान करने वाली बात तो ये है कि कड़ाके की ठंड में फर्नीचर के नाम पर टाट-पट्टी और दरी पर बैठना पड़ रहा है. जिससे इन छात्राओं को हाड़कंपा देने वाली ठंड से दो-चार होना पड़ रहा है. जिस मौसम में हर कोई ठंड से बचने के लिए अलाव और गर्म चीजों का सहारा लेना पड़ रहा है. ऐसे में इन छात्राओं को शीत लहर के साथ ठंडे फर्श पर पूरा दिन गुजारना पड़ रहा है.

फर्श पर बैठकर पढ़ने को मजबूर छात्राएं.
फर्श पर बैठकर पढ़ने को मजबूर छात्राएं.

6 साल से नहीं पहुंचा फर्नीचर
करीब 6 साल पहले सपा सरकार के कार्यकाल में इस राजकीय कन्या इंटर कॉलेज की स्थापना की गई थी. इन 6 वर्षों मे कॉलेज में न तो छात्राओं के बैठने के लिए बेंच आई है और न ही कुर्सियां पहुंची. कॉलेज स्थापना के बाद सरकार बदल गई लेकिन इसकी किस्मत नही बदली. इस बाबत प्रधानाचार्या पूनम गोयल ने बताया कि कॉलेज में सभी कक्षाओं के लिए 14 कमरे हैं. सभी कमरों में क्लास चल रही हैं लेकिन ये इन छात्राओं का दुर्भाग्य ही है कि कॉलेज के साथ शासन-प्रशासन सौतेला व्यवहार कर रहा है.

फर्श पर बैठकर पढ़ने को मजबूर छात्राएं.
फर्श पर बैठकर पढ़ने को मजबूर छात्राएं.

पत्राचार के बाद भी नहीं आया फर्नीचर
प्रधानाचार्या पूनम गोयल ने बताया कि वे अपने स्तर से कई बार उच्च अधिकारियों को कॉलेज में फर्नीचर के लिए पत्राचार कर चुकी हैं. लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है. जिसके चलते इन बच्चियों को ठंड के मौसम में भी ठंडे फर्श पर बैठकर पढ़ने को मजबूर है. सर्दी का मौसम हो या तपती गर्मी या फिर बारिश, इन्हें जमीन पर ही बैठना पड़ता है. वहीं जब अधिकारियों से इस बाबत बात की तो उन्होंने योजना आने के बाद फर्नीचर भेजने की बात कहकर टाल दिया.

फर्श पर बैठकर पढ़ने को मजबूर छात्राएं.
फर्श पर बैठकर पढ़ने को मजबूर छात्राएं.

वहीं जिला विद्यालय निरीक्षक फतेहचंद का कहना है कि उन्होंने कुछ दिन पहले ही कार्यभार संभाला है इसलिए उन्हें राजकीय कन्या इंटर कॉलेज में फर्नीचर न होने की जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि प्रधानाचार्या की तरफ से उनके पास लिखित में कोई पत्र नहीं आया है. अगर कॉलेज में फर्नीचर नहीं होने से छात्राओं को जमीन पर बैठना पड़ रहा है तो इस मामले में जल्द ही कार्यवाई की जाएगी.

फर्श पर बैठकर पढ़ने को मजबूर छात्राएं.
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