गोरखपुर : अखिल भारतीय और आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर के 16 डॉक्टरों की दूषित खाद्य पदार्थ खाने से तबीयत बिगड़ गई है. इसमें जूनियर डॉक्टरों के अलावा दो रेजीडेंट भी शामिल हैं जो प्रतिदिन एम्स कैंटीन में ही दोपहर और रात का भोजन करते हैं.
बताया गया कि बुधवार रात भोजन करने के बाद एक-एक करके डॉक्टरों की तबीयत बिगड़ने लगी. कुछ को उल्टियां शुरू हो गईं. इसके बाद सभी को आननफानन इमरजेंसी में भर्ती कराया गया. प्राथमिक उपचार के बाद सबकी तबीयत में कुछ सुधार हुआ. हालांकि एक महिला डॉक्टर का इलाज इमरजेंसी में चल रहा है. इसकी जानकारी मिलने पर एम्स के कार्यकारी निदेशक डॉ. अजय कुमार ने डॉक्टरों की टीम एम्स कैंटीन की जांच के लिए भेजी. जहां से खाद्य पदार्थों के नमूने लिए गए और माइक्रोबायोलॉजी विभाग में जांच के लिए भेजे गए. साथ ही कैंटीन संचालक को कड़ी हिदायत के साथ उसके सभी भुगतान पर रोक लगा दी गई है.
जानकारी में आया है कि एम्स कैंटीन में जूनियर डॉक्टरों के लिए मांसाहारी भोजन बनाया गया था. जिसको खाने के बाद सभी की तबीयत बिगड़ी और कई को उल्टियां हुईं. एम्स के मीडिया प्रभारी डॉ. अरूप मोहंती ने बताया कि सभी छात्रों और जूनियर डॉक्टरों की हालत ठीक है. सिर्फ एक छात्रा अभी इमरजेंसी में भर्ती है. एम्स प्रबंधन ने कैंटीन से खाद्य पदार्थों के नमूने लिए हैं. निरीक्षण के दौरान कैंटीन में एक्सपायर खाद्य सामग्री और गंदगी भी मिली है. ऐसे में कैंटीन संचालक को सख्त चेतावनी दी गई है. साथ ही कड़ा एक्शन लिया जा सकता है.