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...केले की खेती से पश्चिमी यूपी के किसानों को हो रहा मुनाफा

उत्तर प्रदेश के मेरठ में कृषि वैज्ञानिक केले की खेती को बढ़ावा देते हुए उस पर शोध कर रहे हैं. लैब में टिशु कल्चर के माध्यम से केले के पौधे को विकसित कर किसानों को केले के खेती के बारे में बता रहे हैं.

कृषि वैज्ञानिक केले की खेती को दे रहे बढ़ावा.
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Published : Jul 14, 2019, 3:23 PM IST

मेरठ: पश्चिमी यूपी में किसानों को केले की खेती पसंद आ रही है. यही कारण है कि अब तक गन्ने की खेती करने वाले किसान केले की खेती को भी पसंद करने लगे हैं. गन्ने के साथ-साथ वह केले की खेती भी कर रहे हैं. केले की खेती से किसानों को हो रहे मुनाफे को देखते हुए कृषि वैज्ञानिक किसानों को जागरूक कर रहे हैं.

कृषि वैज्ञानिक केले की खेती को दे रहे बढ़ावा.

केले की खेती से हो रहा किसानों को फायदा

  • पश्चिमी यूपी के किसान गन्ने के साथ-साथ केले की खेती भी कर रहे हैं.
  • सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर केले की खेती पर शोध कर रहे हैं.
  • कृषि वैज्ञानिकों की टीम केले की खेती को बढ़ावा देने के लिए शोध में जुटी है.
  • कृषि विश्वविद्यालय की लैब में टिशु कल्चर के माध्यम से केले के पौधे विकसित किए गए हैं.
  • रोग रहित यह पौधे वेस्ट यूपी की जलवायु को ध्यान में रखकर तैयार किए गए हैं.
  • किसानों को वैज्ञानिक केले की खेती से मुनाफा कमाने का तरीका बता रहे हैं.
  • केले की खेती को लेकर किसानों को प्रशिक्षण दिया जाता है.
  • मेरठ के अलावा बिजनौर, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर के किसान केले की वैज्ञानिक खेती कर रहे हैं.
  • किसानों के खेतों में यह पौधे अब अच्छी फसल भी देने लगे हैं.
  • प्रयोग को सफल होते देख कृषि वैज्ञानिक भी खुश नजर आ रहे हैं.

केले की खेती को लेकर किसानों में कई तरह की अवधारणाएं थी. उनका मानना था कि केले की खेती वेस्ट यूपी में नहीं हो सकती थी, लेकिन जब लैब में तैयार किए गए पौधे किसानों के यहां लगाए गए और उन पर केले की फसल आई तो किसानों को यकीन हो गया कि यहां भी केले की खेती की जा सकती है. किसानों को इसके प्रति और अधिक जागरूक होने की जरूरत है. जुलाई माह में केले की खेती की शुरुआत करने का सबसे अच्छा समय है.
आर.ए सिंगल, प्रोफेसर

मेरठ: पश्चिमी यूपी में किसानों को केले की खेती पसंद आ रही है. यही कारण है कि अब तक गन्ने की खेती करने वाले किसान केले की खेती को भी पसंद करने लगे हैं. गन्ने के साथ-साथ वह केले की खेती भी कर रहे हैं. केले की खेती से किसानों को हो रहे मुनाफे को देखते हुए कृषि वैज्ञानिक किसानों को जागरूक कर रहे हैं.

कृषि वैज्ञानिक केले की खेती को दे रहे बढ़ावा.

केले की खेती से हो रहा किसानों को फायदा

  • पश्चिमी यूपी के किसान गन्ने के साथ-साथ केले की खेती भी कर रहे हैं.
  • सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर केले की खेती पर शोध कर रहे हैं.
  • कृषि वैज्ञानिकों की टीम केले की खेती को बढ़ावा देने के लिए शोध में जुटी है.
  • कृषि विश्वविद्यालय की लैब में टिशु कल्चर के माध्यम से केले के पौधे विकसित किए गए हैं.
  • रोग रहित यह पौधे वेस्ट यूपी की जलवायु को ध्यान में रखकर तैयार किए गए हैं.
  • किसानों को वैज्ञानिक केले की खेती से मुनाफा कमाने का तरीका बता रहे हैं.
  • केले की खेती को लेकर किसानों को प्रशिक्षण दिया जाता है.
  • मेरठ के अलावा बिजनौर, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर के किसान केले की वैज्ञानिक खेती कर रहे हैं.
  • किसानों के खेतों में यह पौधे अब अच्छी फसल भी देने लगे हैं.
  • प्रयोग को सफल होते देख कृषि वैज्ञानिक भी खुश नजर आ रहे हैं.

केले की खेती को लेकर किसानों में कई तरह की अवधारणाएं थी. उनका मानना था कि केले की खेती वेस्ट यूपी में नहीं हो सकती थी, लेकिन जब लैब में तैयार किए गए पौधे किसानों के यहां लगाए गए और उन पर केले की फसल आई तो किसानों को यकीन हो गया कि यहां भी केले की खेती की जा सकती है. किसानों को इसके प्रति और अधिक जागरूक होने की जरूरत है. जुलाई माह में केले की खेती की शुरुआत करने का सबसे अच्छा समय है.
आर.ए सिंगल, प्रोफेसर

Intro:मेरठ। वेस्ट यूपी के किसानों को केले की खेती पसंद आ रही हैं यही कारण है कि अब तक गन्ने की खेती करने वाले किसान भी केले की खेती को पसंद करने लगे हैं। गन्ने के साथ साथ हैं वह केले की खेती भी कर रहे हैं। केले की खेती से किसानों को हो रहे मुनाफे को देखते हुए कृषि विज्ञानिक अब खेती के प्रति वेस्ट यूपी के किसानों को जागरूक कर रहे हैं।


Body:सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आर एस सेंगर वेस्ट यूपी में केले की खेती को बढ़ावा देने के लिए शोध कर रहे हैं। उन्होंने कृषि विश्वविद्यालय की लैब में टिशु कल्चर के माध्यम से केले की खेती पौधे विकसित किए हैं। रोग रहित यह पौधे वेस्ट यूपी की जलवायु को ध्यान में रखकर तैयार किए गए हैं। किसानों के खेतों में यह पौधे अब अच्छी फसल भी देने लगे हैं। प्रयोग को सफल होते देख कृषि वैज्ञानिक भी खुश नजर आ रहे हैं।
केले की खेती को लेकर असमंजस में थे किसान
प्रोफेसर आर ए सिंगल का कहना है केले की खेती को लेकर किसानों में कई तरह की अवधारणाएं थी। उनका मानना था कि केले की खेती वेस्ट यूपी में नहीं हो सकती लेकिन जब लैब में तैयार किए गए पौधे किसानों के यहां लगाए गए और उन पर केले की फसल आई तो किसानों को यकीन हो गया कि यहां भी केले की खेती की जा सकती है।
केले खेती को लेकर किसानों को दिया जाता है प्रशिक्षण
प्रोफेसर आर एस सेंगर ने बताया कि अभी किसानों को इसके प्रति और अधिक जागरूक होने की जरूरत है। मेरठ के अलावा बिजनौर, मुजफ्फरनगर सहारनपुर आदि के किसान केले की वैज्ञानिक खेती कर रहे हैं। किसानों को समय-समय पर गोष्टी और प्रशिक्षण आदि के माध्यम से केले की उन्नत खेती के प्रति जागरूक और जानकारी दी जा रही है। उन्होंने बताया जुलाई माह में केले की खेती की शुरुआत करने का सबसे अच्छा समय है।



Conclusion:एनसीआर में केले की डिमांड
केले की डिमांड एनसीआर में काफी है। सब्जी के लिए केले की काफी डिमांड है। यही कारण है कि बाजार में किसानों का केला हाथों-हाथ बिक रहा है। मंडी में किसानों को उनके केले की फसल के अच्छे दाम मिल रहे हैं। प्रोफेसर आर एस सेंगर का कहना है केले की फसल नगदी फसल के रूप में किसानों को लाभ पहुंचाने में सहायक सिद्ध हो रही है। किसानों को इस पर ध्यान देना चाहिए। केले की फसल में पानी की भी कम आवश्यकता होती है जो कि इस समय बेहद जरूरी है।

बाइट - प्रोफेसर आर एस सेंगर

बाइट- अमित, किसान

अजय चौहान
9897799794

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