नई दिल्ली: 2024 के लोकसभा चुनावों में गौरव ने हिमंत की चुनौती स्वीकार की थी और अपनी पारंपरिक सीट कलियाबोर को छोड़कर जोरहाट से चुनाव लड़ने के लिए उतरे थे, जहां मुख्यमंत्री ने कांग्रेस नेता को हराने के लिए अपनी पूरी कैबिनेट को तैनात कर दिया था.
गोगोई ने प्रतिष्ठित चुनाव जीता और तब से वे नियमित रूप से विभिन्न मुद्दों पर सरमा का मुकाबला करते रहे हैं. राज्य के दोनों प्रतिद्वंद्वी फिर से बेहाली में मैदान में हैं और विधानसभा सीट को फिर से हासिल करने के लिए अपना पूरा प्रभाव डाल रहे हैं, जहां मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और कैबिनेट मंत्रियों सहित भगवा पार्टी के कई वरिष्ठ नेता प्रचार कर रहे हैं.
सरमा ने भाजपा उम्मीदवार दिगंत घाटोवार की उम्मीदवारी को आगे बढ़ाने के लिए बेहाली में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 100 करोड़ रुपये के विशेष कोष की घोषणा की है. गौरतलब है कि गौरव गोगोई कांग्रेस उम्मीदवार जयंत बोरा के लिए प्रचार अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं, जिसमें राज्य यूनिट के प्रमुख भूपेन बोरा और वरिष्ठ नेता रिपुन बोरा भी योगदान दे रहे हैं.
उम्मीद और बदलाव का संदेश
इस बीच गोगोई ने ईटीवी भारत से कहा,"जोरहाट में हमारी शानदार सफलता का राज हमारा जन-केंद्रित अभियान था. युवा और वृद्ध सभी क्षेत्रों के लोगों ने इसे अपना बना लिया. कई मेहनती कार्यकर्ताओं की ऊर्जा ने पूरे अभियान को आगे बढ़ाया. उम्मीद और बदलाव का संदेश सभी के दिलों में गूंज रहा है. मैं बेहाली में भी यही कोशिश कर रहा हूं. मैं आम लोगों के साथ समय बिताकर उनकी चिंताओं को समझने की कोशिश कर रहा हूं. मुझे पूरा विश्वास है कि हमारा उम्मीदवार जीतेगा."
'उपचुनावों में अच्छा प्रदर्शन कर रही है कांग्रेस'
वहीं, असम कांग्रेस प्रमुख भूपेन बोरा ने ईटीवी भारत से कहा, "कांग्रेस सभी जगह उपचुनावों में अच्छा प्रदर्शन कर रही है." बोराह के अनुसार उन्होंने राज्य के वरिष्ठ नेताओं के साथ मिलकर असम के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से पांच सीटों पर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए संवेदनशील मतदान केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने और पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात करने का आग्रह किया है.
हिमंत सरमा और तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके दिवंगत तरुण गोगोई के बेटे गौरव गोगोई के बीच प्रतिद्वंद्विता झारखंड में भी चल रही है, जहां दोनों नेता अपनी पार्टियों भाजपा और कांग्रेस के लिए कड़े मुकाबले वाले चुनावों का प्रबंधन कर रहे हैं.
तरुण गोगोई की कैबिनेट में मंत्री थे सरमा
प्रतिद्वंद्वी बनने से पहले, सरमा तरुण गोगोई की कैबिनेट में वरिष्ठ मंत्री थे, लेकिन 2015 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए. सरमा ने 2016 में असम में भगवा पार्टी को सत्ता में लाने में अहम भूमिका निभाई, लेकिन उन्हें मुख्यमंत्री बनने के लिए अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा. इसके बाद वह 2021 में सीएम बने.
झारखंड के लिए एआईसीसी समन्वयक गोगोई ने आदिवासी राज्य चुनावों के प्रभारी सरमा को राजनीतिक पर्यटक करार दिया है.गोगोई, जो हाल ही में जारी सत्तारूढ़ गठबंधन के संयुक्त घोषणापत्र के निर्माण में भी शामिल थे. उन्होंने कहा, "भाजपा के दावों के बावजूद भारतीय जनता पार्टी फिर से झारखंड जीतने के लिए तैयार है. कांग्रेस-झामुमो सरकार ने पिछले पांच वर्षों में लोगों के लिए काम किया है और वह फिर से मतदाताओं का विश्वास जीतेगी."
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