मेरठ: दूध आज की हर घर की जरूरत है. अक्सर लोग यह जानना चाहते है कि उनके घर में जो दूध आ रहा है, उसका गुणवत्ता क्या है. उसमें किसी प्रकार की कोई मिलावट तो नहीं हैं. लेकिन, दूध टेस्टिंग किट आसानी से नहीं मिलती है और अगर मिलती भी है तो वह मंहगी होती है. जिसे मध्यम वर्ग के परिवार खरीदते नहीं हैंं. इसीलिए दूध की टेस्टिंग को आसान बनाने के लिए मेरठ की विशाखा गोस्वामी ने मिल्क टेस्टिंग किट बनाई है. इस किट के जरिए आसानी से दूध में हुई मिलावट का पता लगाया जा सकता है.
एक साल में बनाई किटः विशाखा ने बताया कि उन्होंने दूध में मिलावट चेक करने की खास किट बनाई है. जिससे कोई भी व्यक्ति आसानी से इस्तेमाल कर सकता है. पांच मिनट के अंदर ही किट बता देती देगी कि दूध में मिलावट है या नहीं. विशाखा बताती हैं दूध में सबसे ज्यादा मिलावट फॉर्मलीन, अमोनिया, स्टार्च, बेकिंग सोडा, न्यूट्रलाइज, यूरिया और डिटर्जेंट की जाती है. जिसे यह किट कुछ मिनट के बाद बता देती है. विशाखा ने बताया कि इस किट को पूर्ण रूप से तैयार करने से पहले उन्होने लैब में कई बार टेस्टिंग की. इसीलिए किट को तैयार करने में पूरा एक साल का समय लग गया. एक साल तक किट के अलग-अलग पहलुओं पर काम किया.
किट की कीमत सिर्फ 50 रुपयेः विशाखा का कहना है कि बाजार में मिल्क टेस्टिंग किट कम से कम 1000 रुपये या उससे अधिक में आती है. ऐसे में अगर कोई उपभोक्ता अपने घर पर सस्ते दाम और कम समय में दूध की जांच करने की सोचे तो वह नहीं करेगा. क्योंकि मिल्क टेस्टिंग किट महंगी आती है और इससे वह उन रूपयों से दूसरे काम करने की सोचेगा. विशाखा की बनाई मिल्क टिस्टिंग किट की कीमत 50 रुपए है. जिसे उन्होंने बाजार में लॉन्च कर दिया है. इस किट से लोग आसानी से अपने घर पर ही दूध की गुणवत्ता की जांच कर सकते हैं.
एक साल तक किया रिसर्चः विशाखा का कहना है कि महीने में एक या दो बार 50 रुपए खर्च करके ग्राहक अगर अपने घर आने वाले दूध की जांच करेंगे तो निश्चित ही दूधिया दूध में किसी भी प्रकार की मिलावट करने से बचेगा. किट बनाने के लिए सबसे पहले उन्होंने दूध में मिलाई जाने वाले पदार्थों की लिस्ट बनाई. जिसपर उन्होंने एक साल तक रिसर्च की. जब वह जान गई कि सबसे ज्यादा मिलावट किस स्तर पर हो रही है, तब उन्होंने सस्ती मिल्क टेस्टिंग किट तैयार की. इस दौरान एक कंपनी का साथ भी मिल गया है. जिसने उनके फॉर्मूले से बनी किट को बाजार में उतारा है. विशाखा का अगला लक्ष्य उन्य मिल्क प्रोडक्ट में मिलावट पता करने वाली किट तैयार करना है. विशाखा ने बताया कि वह इस किट को और अधिक एडवांस बनाने पर काम कर रही है. अभी इस किट से नमक, डिटर्जेंट, फॉर्मलीन स्टार्च, अमोनिया और बेकिंग सोडा आदि का आसानी से पता लगा सकते हैं.
शोभित विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रही विशाखाः गौरतलब है, विशाखा गोस्वामी मूल रूप से बुलंदशहर जिले के जहांगीराबाद ब्लॉक की रहने वाली हैं. उनके पिता खेती किसानी करते हैं. वह विशाखा को उनकी इच्छा के अनुसार पढ़ा रहे हैं. वहीं, उनकी मां एक निजी अस्पताल में नर्स हैं. विशाखा मेरठ के शोभित विश्वविद्यालय से बायोटेक्नोलॉजी विषय में पीएचडी कर रही हैं. वहीं, शोभित विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर जयानन्द कहते हैं कि विशाखा बेहद ही मेहनती है. अभी वह अन्य मिल्क प्रोडक्ट में मिलावट को पकड़ने के लिए काम कर रही हैं. निश्चित ही उसे इस दिशा में भी सफलता मिलेगी.
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