मेरठ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है. वैसे-वैसे तमाम संगठन भी अपनी मांगों को लेकर आंदोलित नजर आ रहे हैं. मेरठ कमिश्नरी पर आज प्रजापति समाज से जुड़े लोग गधे, खच्चर व घोड़ा बुग्गी लेकर पहुंचे और धरना प्रदर्शन करते हुए सरकार से अनुसूचित जाति में शामिल करने की मांग उठाई. इस दौरान प्रदर्शनकारी घण्टों कमिश्नरी चौराहे पर डटे रहे व पूर्ववर्ती सरकारों व पूर्ववर्ती सरकारों पर वादाखिलाफी के आरोप लगाए.
मेरठ में मंगलवार को प्रजापति समाज ने कमिश्नर के दफ्तर के ठीक सामने धरना प्रदर्शन किया. इस मौके पर मेरठ समेत आसपास के जिलों से भी हजारों की संख्या में प्रजापति समाज से जुड़े लोग शामिल हुए. इस दौरान महिलाओं की भी अच्छी खासी भागीदारी देखी गई. इस मौके पर खासतौर से प्रजापति समाज के लोग गधे खच्चरों व घोड़ा बुग्गियों से कमिश्नरी दफ्तर पहुंचे. वहीं, आसपास के जनपदों से लोग बसों में शामिल होने पहुंचे.
प्रजापति महासंघ के बैनर तले एकत्रित हुए प्रजापति समाज के नेताओं ने मंच से जमकर सरकार को कोसा. इस दौरान प्रजापति महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष दारा सिंह ने कहा की 3 दशक से भी अधिक समय से प्रदेश में प्रजापति समाज अनुसूचित जाति में शामिल होने के लिए लगातार अलग-अलग सरकारों से समय-समय पर मांग उठाता आ रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि सभी ने प्रजापति समाज के साथ सिर्फ और सिर्फ वादा खिलाफी की है.
प्रजापति समाज के अलग-अलग जिलों से आए नेताओं ने कहा कि उन्होंने भरोसे के साथ प्रदेश में व केंद्र में इस बार बीजेपी को वोट दिया था, लेकिन सरकार ने उनकी सुध तक नहीं ली. क्योंकि चुनाव नजदीक हैं ऐसे में वो हर मुमकिन दवाब सरकार पर बनाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि सरकार उनकी सुध ले.
इस दौरान ईटीवी भारत ने युवाओं से भी बात की. जहां उनका कहना है कि जिस हाल में उनके पूर्वजों और बुजुर्गों ने अपनी जिंदगी बिताई है वैसी जिंदगी वे नहीं बिताना चाहते. इसलिए वे लगातार सरकार से अनुसूचित जाति में शामिल होने की मांग कर रहे हैं ताकि उनका स्तर भी सुधर सके.
फिलहाल प्रजापति समाज के लोगों के प्रदर्शन के बावजूद जब अफसर दिन ढलने तक भी सुध लेने नहीं आए तो उन्होंने ऐलान कर दिया कि जब तक डीएम आकर उनसे बात नहीं करेंगे तब तक वे कमिश्नरी चौराहे से वापिस जाने वाले नहीं हैं. देर शाम को आखिरकार जिला प्रशासन ने उनका ज्ञापन लिया. फिलहाल प्रजापति समाज ने ऐलान भी किया है कि अगर सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो वे चुनाव में खुलकर बीजेपी का विरोध करेंगे.
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