प्रयागराज: महाकुंभ 2025 में 13 अखाड़ों की छावनी प्रवेश का सिलसिला समाप्त होने से सिर्फ एक कदम दूर है. क्योंकि 12 अखाड़ों की छावनी प्रवेश यात्रा निकल चुकी है. इस कड़ी में शनिवार को पथरचट्टी रामलीला मैदान से श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल की छावनी प्रवेश यात्रा महाकुम्भ मेला क्षेत्र में बने शिविर में प्रवेश कर गयी है. राजसी अंदाज में अखाड़े के संतों ने शोभायात्रा निकाली गई. महाकुंभ मेला में कुल 13 प्रमुख अखाड़ों के शिविर बनाये गए हैं, जिसमें एक-एक करके 11 अखाड़े छावनी प्रवेश कर चुके हैं.
शोभायात्रा के आगे आगे सेवादार लगा रहे थे झाड़ू: अखाड़े की छावनी प्रवेश यात्रा में आगे आगे ऊंट और घोड़ों पर सवार होकर अखाड़े के सन्यासी चल रहे थे. जिनके पीछे अखाड़े के पंच परमेश्वर और पंच प्यारे हाथों में तलवार लेकर शोभायात्रा की शान बढ़ा रहे थे. पंचप्यारों के बाद अखाड़े के ईष्टदेव की पालकी चल रही थी. जिसके आगे आगे अखड़े के सेवादार भक्त लगाकर रास्ते को साफ कर रहे थे. तीन उदासीन परम्परा के अखाड़े श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल की छावनी प्रवेश यात्रा निकाली गयी है. जिसमें निर्मल अखाड़े से जुड़े साधु संत,महंत और महामंडलेश्वर शामिल थे.
श्रद्धालुओं ने बरसाए फूल, संतों ने दिए आशीर्वादः सन्यासियों और वैरागी अखाड़ों की तरह ही उदासीन परम्परा के निर्मल अखाड़े के संत भी राजसी अंदाज में महाकुंभ में प्रवेश करने के लिए पहुंचे. श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल की छावनी प्रवेश यात्रा रामबाग इलाके के पथरचट्टी रामलीला मैदान से निकल कर शहर के अलग अलग इलाको से होती हुई महाकुंभ क्षेत्र में पहुंची.उदासीन संप्रदाय के इस अखाड़े की छावनी प्रवेश यात्रा राजसी अंदाज में शहर की सड़कों से निकली. सबसे आगे अखाड़े की ध्वज लहराते हुए गाड़ी चल रही थी. इसके पीछे अखाड़े के ईष्टदेव की पालकी चल रही थी. उसके पीछे अखाड़े के संन्यासी भी चल रहे थे. वहीं, सड़क के किनारे दोनों तरफ खड़े भक्त श्रद्धालु संतों के ऊपर पुष्पवर्षा कर उन्हें माला पहनाकर आशीष ले रहे थे. तमाम बुजुर्ग महिलाएं जो खड़ी नहीं हो सकती थी वो सड़क किनारे कुर्सी लगाकर बैठी हुई थी और संतो का दर्शन किया.
सिर्फ एक अखाड़े की बची छावनी प्रवेश यात्राः महाकुंभ मेला क्षेत्र में 13 अखाड़ों की छावनी प्रवेश यात्रा का प्रवेश होना है. जिसमें से अभी सन्यासियों के 7 और वैरागियों के 3 अखाड़ों के अलावा उदासीन के दो अखाड़े छावनी प्रवेश यात्रा के जरिये मेला क्षेत्र में प्रवेश कर चुके हैं.अब सिर्फ उदासीन अखाड़े के सबसे बड़े अखाड़े श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन की छावनी प्रवेश यात्रा रविवार को अखाड़े से निकलकर मेला क्षेत्र में प्रवेश करेगी.
इसे भी पढ़ें-महाकुंभ 2025; जानिए क्या है मकर संक्रांति का पुण्य काल, न करें यह गलती